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जिला पुलिस केंद्र के लिए नहीं मिली भूमि

मधुबनी : जिले में जवानों के लिए बने पुलिस केंद्र का भवन पूर्णत: जर्जर हो चुका है. इसी भवन में समाज के लोगों की सुरक्षा करने वाले पुलिस के जवान स्वयं असुरक्षित रह रहे हैं. दरअसल, पुलिस केंद्र नया बनाने का प्रस्ताव तो पुलिस मुख्यालय द्वारा आया हुआ है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा भूमि उपलब्ध […]

मधुबनी : जिले में जवानों के लिए बने पुलिस केंद्र का भवन पूर्णत: जर्जर हो चुका है. इसी भवन में समाज के लोगों की सुरक्षा करने वाले पुलिस के जवान स्वयं असुरक्षित रह रहे हैं.

दरअसल, पुलिस केंद्र नया बनाने का प्रस्ताव तो पुलिस मुख्यालय द्वारा आया हुआ है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा भूमि उपलब्ध अब तक नहीं कराये जाने के कारण पुलिस केंद्र के लिए भवन अभी तक अधर में लटका हुआ है.
दो बार जमीन का हुआ चयन
जानकारी के अनुसार, पूर्व में दो जगहों पर पुलिस केंद्र के लिए जगह का चयन किया गया, लेकिन किसी न किसी कारणवश उक्त स्थानों पर पुलिस केंद्र का भवन नहीं बन पाया. राजनगर प्रखंड के रामपट्टी में पहले जमीन का अधिग्रहण हुआ था, लेकिन शहर मुख्यालय और इस जगह के बीच में एक रेलवे गुमटी पड़ता है.
इस कारण कभी-कभी भयंकर जाम की स्थिति बन जाती है. ऐसे में इस जगह को पुलिस केंद्र के लिए उपयुक्त स्थान नहीं मानकर इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया गया. जहां बाद में नवोदय विद्यालय की स्थापना हुई. दूसरी जगह पंडौल में थाना भवन के पिछे 13 बीघे जमीन जो खाली पड़ा था उस जगह पर पुलिस केंद्र बनाने की बात हुई थी, लेकिन उसमें से कुछ हिस्सा कृषि विभाग का होने व विभाग द्वारा क्लियरेंस नहीं देने के कारण वह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में डाल
दिया गया.
क्या है समस्या
राज दरभंगा के पुराने महल में 1973 ई. में पुलिस केंद्र की स्थापना की गयी. यह भवन वर्तमान में पूर्णत:
जर्जर हो चूका है. इसकी दीवारों कई जगहों से दरकी हुई है. छत का मोटा प्लास्टर गिरता रहता है. इस भवन में वर्तमान में 250 पुलिस के जवान व लगभग 40 पुलिस पदाधिकारी रहते हैं. सभी की जान इस जर्जर भवन के कारण सांसत में है.
कर्पूरी छात्रावास में रहते हैं 270 जवान
पुलिस केंद्र में असुरक्षा की भावना को देखते हुए स्टेट बैंक के पास बने कर्पूरी छात्रावास में 270 जवानों को रखा गया है. अप्रैल माह में आये भूकंप के बाद कुछ जवान को उसमें ठहराया गया पर धीरे धीरे उसमें जवानों के रहने की संख्या बढ़ती गई. अस्थाई रूप से जवान उस छात्रावास में रहने को मजबूर हैं.

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