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निवंधन पदाधिकारी ने अपनी मर्जी से किया निवंधन शुल्क में बढ़ोतरी

निवंधन पदाधिकारी ने अपनी मर्जी से किया निवंधन शुल्क में बढ़ोतरीलक्ष्य के विरूद्ध मात्र 45 फीसदी वसूली होने पर किया यह कारनामाबिचौलिये को पकड़ने के लिये उड़नदस्ता टीम का गठन फोटो: 5, परिचय: जिला निवंधन कार्यालय मधुबनी. निबंधन कार्य में बिचौलिया गिरी करने वाले को दबोचने की पहल शुरू कर दी गयी है. इसके लिये […]

निवंधन पदाधिकारी ने अपनी मर्जी से किया निवंधन शुल्क में बढ़ोतरीलक्ष्य के विरूद्ध मात्र 45 फीसदी वसूली होने पर किया यह कारनामाबिचौलिये को पकड़ने के लिये उड़नदस्ता टीम का गठन फोटो: 5, परिचय: जिला निवंधन कार्यालय मधुबनी. निबंधन कार्य में बिचौलिया गिरी करने वाले को दबोचने की पहल शुरू कर दी गयी है. इसके लिये एक उड़नदस्ता टीम का गठन किया गया है. जो जिला मुख्यालय सहित विभिन्न अनुमंडलों के निबंधन कार्यालय पर नजर रखेगी. इस दौरान यदि कहीं कोई बिचौलिया नजर आया तो उसे दबोचा जायेगा. इसके तहत दरभंगा प्रमंडल के लिये सहायक निवंधन महानिरीक्षक सारण प्रमंडल छपरा को नियुक्त किया गया है. दरअसल निवंधन विभाग में आये दिन बिचोैलियों को जमीन के खरीद बिक्री में सक्रिय होने की शिकायत मिलती रहती है. जिस कारण कई बार गलत जमीन की खरीद बिक्री के साथ ही उंचे कीमत भी उपभोक्ताओं से वसूल कर लिये जाते हैं. हालांकि यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. जमीन खरीद बिक्री में निवंधन विभाग द्वारा जमकर मनमानी व अनियमितता किये जाने की बात सामने आ रही है. सरकार द्वारा निर्धारित दर में बिना किसी सूचना के या आदेश के लोगों से अधिक दर वसूल किया गया. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करीब 10 से 12 लाख रुपये निबंधन कार्यालय को वापस करने पड़ सकते हैं. लक्ष्य से पीछे रहा तो ले लिया अधिक राशि निबंधन विभाग लक्ष्य से पीछे चल रहा है. अब तक प्राप्त लक्ष्य का करीब 45 फीसदी ही राजस्व की वसूली हो सका है. ऐसे में जिला निबंधन विभाग ने लक्ष्य पूरा करने के लिये अपने मर्जी से जमीन निवंधन के शुल्क में बढ़ोतरी कर दिया. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निर्धारित दर से करीब 10 से 20 फीसदी तक अधिक राशि की वसूली की गयी है. मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 15 – 16 में जिला का लक्ष्य एक अरब 15 करोड़ रुपये था. जिसके विरूद्ध नवंबर माह तक करीब 45 फीसदी राजस्व वसूल कर लिया गया है. लक्ष्य से पीछा होते देख अवर निवंधन पदाधिकारी ने दर में अपनी मर्जी से 10 से 20 फीसदी तक की बढोतरी कर दी. जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 13 -14 के बाद एमपीआर(दर) में सरकार द्वारा बढोतरी नहीं की गयी है. शिकायत करने पर हो सकती है राशि वापसी इधर अब अपनी गलती को सुधारने की प्रक्रिया भी गलत तरीके से ही शुरू कर दी गयी हैै. सूत्रों के अनुसार यदि जमीन खरीदने वाले आवेदन देकर निवंधन विभाग से जमीन खरीद मंे लिये गये राशि को वापस लेना चाहें तो उन्हें राशि वापस किया जा सकता है. ऐसे मे यदि यह प्रक्रिया सही में धरातल पर लाया जाता है तो सवाल यह उठता है कि जमीन के खरीद कागज पर किस प्रकार मूल्य कम किया जायेगा. यदि कागज पर मूल्य कम नहीं किया जाता है कि तो फिर क्रेता को कीमत किस मद से वापस किया जायेगा. क्या कहते हैं अधिकारीइस बाबत अवर निवंधन पदाधिकारी काशी कुमार बताते हैं कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिये क्रेता व कातिब से अनुरोध कर अधिक राशि लिया गया था. यदि क्रेता यह राशि नहीं देना चाहते हैं तो नहीं दें.

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