मधुबनी : लोक आस्था का पर्व छठ में हिस्सा लेने प्रवासी बिहारी अपने गांव आ रहे हैं. इसको लेकर इन दिनों ट्रेनों व बसों में काफी भीड़ यात्रियों की देखी जा रही है. बंगाल, चेन्नई, दिल्ली, महाराष्ट्र व देश के अन्य प्रदेशों में जिले के लोग जो नौकरी करते हैं. वे लोक आस्था के महापर्व छठ में सम्मिलित होने अपने गांव पहुंचने की जल्दी में हैं.
बाहर के राज्यों से आने वाले लोग लंबी दूरी की ट्रेनों से पटना, दरभंगा व मधुबनी के रेलवे स्टेशनों पर उतर कर वहां से अपने गांव की ओर जाने वाले बसों में सवार होकर जाते हैं. बस की हालत ऐसी रहती है कि बस के अंदर सीट भर जाने पर लोगों को बस के अंदर खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं बस के छत पर ठंड से सिकुड़ते हुए भी लोग रातों में यात्रा कर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं.
कोलकाता से आने वाले गंगा सागर एक्सप्रेस ट्रेन के एसी बोगी की हालत रविवार को सुबह जेनरल डिब्बे की तरह था. उसमें कोलकाता से सफर करके आ रहे यात्री मनोज झा ने बताया कि टिकट कंफर्म रहने के बावजूद वो सारी रात जाग कर और किसी तरह से अपनी सीट पर बैठकर आए हैं. उन्होंने बताया कि बहुत ऐसे यात्री थे, जो टिकट कंफर्म रहने के बावजूद भीड़ के कारण ट्रेन में चढ़ नहीं पाये.
वहीं पटना से मधवापुर जा रही एक बस के छत पर सवार नीरज कुमार से जब पूछा गया कि बस की छत पर चढ़ने में डर नहीं लगता है तो उनका जवाब था कि पटना में पांच बसों पर भीड़ के कारण चढ़ नहीं पाए अंत में इस बस की छत पर चढ़ कर आने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने बताया कि ऐसे सैकड़ों यात्री पटना में बस के इंतजार में खड़े हैं, जो छठ पर्व में हिस्सा लेने गांव में आ रहे हैं.