मधुबनी : आरके कॉलेज भगवती स्थान के समीप की महज चार माह की भूमि ठाकुर इन दिनों सबकी चहेती बन हुई है. हर कोई भूमि ठाकुर को देखना व अपने गोद में लेकर दुलारना चाहता हैं.
दरअसल, भूमि ठाकुर को विगत 13 अगस्त को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में अतिपिछड़ा सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू यादव ने गोदी में लेकर न सिर्फ दुलारा था बल्कि उसका नाम करण भी नीतीश ने ही किया था. भूमि ठाकुर समाजसेवी राजा ठाकुर व लक्ष्मी ठाकुर की पहली पुत्री है.
भूकंप के दिन हुई थी पैदा
भूमि ठाकुर का जन्म विगत अप्रैल माह में 25 तारिख को आये भयानक भूकंप के महज दो मिनट के बाद ही हुई थी. भूकंप के त्रसदी से महज चार माह में ही भूमि ने मुख्यमंत्री के गोदी तक का सुनहरा सफर तय कर अपने भविष्य का खांका तैयार कर लिया है. कहते हैं कि ललने पूत का पांव पलने में ही देखा जाता है.
महज चार माह ही भूमि ठाकुर के पिता राजा ठाकुर व मां लक्ष्मी ने भी कभी सपने में नहीं सोचा था कि उस जैसे छोटे से परिवार के लोगों की बेटी को कभी सूबे के मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो अपने गोद में लेकर दुलारेंगे, लेकिन अब यह सपना नहीं हकीकत बन गया है.
सुबह से शुरू हो जाता है बलाइयां लेने का दौर
पटना में कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री की गोद चढ़ी भूमि सबकी चहेती बन गयी है. मां पिता व अपने बूढ़ी दादी के गोद में इठलाती भूमि की सुबह सौ सौ बलाइयां लेने के साथ शुरू होती है. जो दिन भर आस पास व जिले के अन्य क्षेत्रों के लोगों के दुलार में बीतता है. भूमि के पिता राजा ठाकुर का कॉलेज गेट के समीप सैलून की दुकान है. जहां जिले भर के लोग आते हैं.
जैसे ही लोगों को पता चलता है कि जिस बच्चे को नीतीश कुमार व लालू यादव ने गोद में लेकर दुलारा था वह इसी राजा ठाकुर की बेटी है. तो सैलून पर आने वाले हर आदमी राजा से कह कर भूमि को अपने गोद में लेना चाहता है. राजा व लक्ष्मी भी अपनी बेटी को देखते हुए खुश हो रहे हैं. चार माह में ही भूमि अपने परिवार के साथ साथ क्षेत्र व जिले की पहचान बन गयी है.