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हड़ताल पर गये साक्षरता कर्मी

जिले के साक्षरता कर्मी बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक समन्वयक मोर्चा के आह्वान पर हड़ताल पर चले गये हैं. जिला साक्षरता कार्यालय में ताला लटक गया है. बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक समन्वयक मोर्चा के राज्य संयोजक और जिला साक्षरता के मुख्य जिला समन्वयक रंजीत कुमार ने बताया कि मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. […]

जिले के साक्षरता कर्मी बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक समन्वयक मोर्चा के आह्वान पर हड़ताल पर चले गये हैं. जिला साक्षरता कार्यालय में ताला लटक गया है. बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक समन्वयक मोर्चा के राज्य संयोजक और जिला साक्षरता के मुख्य जिला समन्वयक रंजीत कुमार ने बताया कि मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

क्या है मांग साक्षरता कर्मियों की प्रमुख मांग है कि पटना में लाठीचार्ज के दौरान गिरफ्तार प्रेरक व समन्वयक को अविलंब रिहा किया जाये. उनके खिलाफ पटना में दर्ज मुकदमा वापस लिया जाय व दोषी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की जाये. अन्य मांग है कि प्रेरक व समन्वयक को शिक्षक का दर्जा दिया जाय. प्रेरक व समन्वयक की सेवा नियमित करते हुए उन्हें वेतनमान दिया जाये. साक्षरता कार्यक्रमों में एकरूपता लायी जाय. प्रेरक समन्वयक की सेवा अवधि को 60 साल किया जाय. सरकारी कर्मी का दर्जा देते हुए सभी सरकारी सुविधा मुहैया करायी जाये. क्या हो सकता है
असरहड़ताल के कारण 23 अगस्त को होने वाली साक्षर भारत की महापरीक्षा पर ग्रहण लग सकता है. अगर हड़ताल जारी रही तो जिले की हजारों महिलाएं व पुरुष साक्षरता की बुनियादी परीक्षा से वंचित हो जायेंगे. इसका सीधा असर जिले की साक्षरता दर पर पड़ेगा. जिले में हड़ताल के कारण अक्षर आंचल केंद्र नहीं खुलने से निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का काम प्रभावित हो रहा है. जीविका के साथ मिलकर निरक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने की महत्वाकांक्षी योजना भी अधर में लटक गई है. हड़ताल जारी रही हो हजारों महिलाएं निरक्षर रह सकती हैं. प्रेरक व समन्वयक मोर्चा द्वारा जिले में साक्षर भारत परीक्षा के बहिष्कार से साक्षरता अभियान को गहरा झटका लग सकता है. जिला से साक्षरता संबंधी रिपोर्ट राज्य कार्यालय को नहीं भेजी जा रही है.15 अगस्त की बैठक में कई निर्णय
जिला साक्षरता कार्यालय परिसर में आयोजित बैठक में साक्षरता प्रेरक समन्वयक मोर्चा के सदस्यों ने एक स्वर से निर्णय लिया कि पैक्स चुनाव के लिये लागू आदर्श आचार संहिता के खत्म होने के साथ ही वे डीइओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन व आंदोलन करेंगे. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे. बैठक में रंजीत कुमार, सुशील कुमार, भोगेंद्र पासवान, आरके निराला, विवेक रंजन, सुल्ताना प्रवीण, कंचन कुमारी, भारत भूषण दास, राम कृपाल यादव, सुनील कुमार, अशोक राम, मनोज कुमार झा, राम सेवक राम, राम वरण मंडल, सुमन कुमार झा, अशोक कुमार यादव सहित दर्जनों अन्य उपस्थित थे. प्रधान सचिव ने मिला शिष्टमंडल
मोर्चा के राज्य समन्वयक रंजीत कुमार के नेतृत्व में हड़ताली साक्षरता कर्मियों का शिष्ट मंडल प्रधान सचिव, निदेशक जनशिक्षा से मिला और उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराया.
अक्षर आंचल केंद्र पर असर
हड़ताल के कारण अक्षर आंचल केंद्र, लोक शिक्षा, हड़ताल के कारण अक्षर आंचल केंद्र, लोक शिक्षा केंद्रों पर असर पड़ रहा है. लोगों की निगाहें सरकार पर टिकी हैं. लगभग एक लाख 50 हजार नवसाक्षर 23 अगस्त 2015 को होने वाली महापरीक्षा को लेकर आशंकित हैं. महापरीक्षा से संबंधित कागजात साक्षरता कार्यालय में रखा हुआ है. निबंधन का काम नहीं हो रहा है. पटना से साक्षरता कर्मियों के लौटते ही हड़ताल तेज हो गयी है.

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