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मधुबनी मंडलकारा में पिछले एक सप्ताह में तीन बार आपस में भिड़ चुके हैं कैदी
मधुबनी : देखिये हम आपको कुछ नहीं बतायेंगे. हमको किसी से कोई मतलब नहीं कि कौन क्या कर रहा. अभिमन्यू कक्ष में रामउदगार व बीरबल के साथ क्या हुआ हमें नहीं पता. सब जानता है कि जेल के अंदर क्या क्या हो रहा है. हमहीं क्यों बोल के दुशमनी मोल लें, लेकिन एक बात तय […]
मधुबनी : देखिये हम आपको कुछ नहीं बतायेंगे. हमको किसी से कोई मतलब नहीं कि कौन क्या कर रहा. अभिमन्यू कक्ष में रामउदगार व बीरबल के साथ क्या हुआ हमें नहीं पता. सब जानता है कि जेल के अंदर क्या क्या हो रहा है. हमहीं क्यों बोल के दुशमनी मोल लें, लेकिन एक बात तय है कि जिस तरह से पुराने कैदी को पुलिस उकसा कर झगड़ा करा रही है.
कभी भी खूनी संघर्ष हो सकता है. यह मजमून उस कैदी की है जो कोर्ट में पेशी के दौरान आया था और अपना नाम तक बताने में परहेज कर रहा था. जेल के हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अंदर की हालात क्या है. बातचीत से यह अंदाजा तो सहज लगया जा सकता है कि जेल में रह रहे कैदी किस तरह खौफ के बीच रहते हैं.
बताया जाता है कि पिछले एक सप्ताह में कैदियों के बीच तीन बार झड़प हो चुकी है. इसमें अधिकांशत: वर्चस्व को लेकर बन चुकी गुटबाजी को कारण बताया जाता है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि जेल के अंदर आये दिन कैदियों में छोटे-मोटे झड़प होते रहते हैं. पर 10 जुलाई के दिन में दो गुटों में अच्छी बहस मात्र हुई थी. इसी बात को लेकर कुछ पुराने कैदियों ने नये बंदियों के साथ हाथापाई की थी. वहीं 10 जुलाई की देर रात जेल में बंद कैदियों ने ही कक्ष में जाकर रामउदगार व बीरबल पर जानलेवा हमला किया था. वह तो चीखने चिल्लाने के पर पुलिस आ गयी और दोनों की जान बच गयी.
अज्ञात पर मामला दर्ज
आये दिन में जेल में हो रहे मारपीट व हिंसक झड़प की घटना की खबर जब डीएम गिरिवर दयाल सिंह के पास पहुंची तो डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों के साथ हुए साप्ताहिक बैठक में जेल की मौजूदा हालत पर काफी नाराजगी जतायी. उन्होंने तुरंत मारपीट की घटना को लेकर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. इस पर जेल अधीक्षक सी टोप्पो ने राजनगर थाना में कांड संख्यां 138/15 दर्ज कराया. इसमें अज्ञात कैदियों को आरोपित किया गया है.
इस प्राथमिकी में जेल ने माना है कि 10 जुलाई की रात चिल्लाने की आवाज पर जब पुलिस कक्ष में पहुंची तो रामउगार व बीरबल को खून से लथपथ पाया. दोनों के गरदन को किसी धारदार हथियार से काटा गया था. इसके बाद तुरंत अस्पताल लाया गया. जबकि इससे पहले जेल प्रशासन अंदर किसी भी तरह की मारपीट की घटना से इनकार करती रही है.
प्राथमिकी पर उठा सवाल
जेल अधीक्षक द्वारा राजनगर थाना में दर्ज कराये गये प्राथमिकी में अज्ञात कैदी को आरोपित किया गया है. दिलचस्प यह है कि देर रात करीब एक बजे रामउदगार व बीरबल पर कक्ष में चार लोग घुसकर हमला होता है.
अब सवाल उठता है कि आखिर ये चार लोग कौन थे. ये होंगे तो कैदी ही. सूत्रों का कहना है कि चिल्लाने पर जब पुलिस पहुंची तो कक्ष से एक चाकू बरामद किये जाने की बात कही गयी है. पर बड़ा सवाल है कि आखिर आधी रात को ये चार कैदी अपने कक्ष से बाहर आये कैसे. ऐसे मे जानकारों का दावा सही प्रतीत होता है कि जेल के अंदर प्रशासन की निगरानी कमजोर है.
कैदी के पास हथियार व मोबाइल!
इलाज के लिये सदर अस्पताल आये घायल कैदी रामउदगार महतो व बीरबल सहनी ने इस प्रतिनिधि को बताया था कि जेल में कई कैदी धारदार हथियार रखते हैं. इसी का भय दिखा कर वर्चस्व कायम करने की कोशिश होती है.
आये दिन होने वाले कैदियों के बीच झड़प में भी इसका प्रदर्शन शान से किया जाता है. वहीं अधिकांश कैदी जेल के अंदर से मोबाइल का उपयोग करते हैं. बताते चलें कि मधुबनी जेल में कई शातिर अपराधी बंद हैं. कहा तो यहां जा रहा है कि ये सभी मोबाइल से ही अपने गिरोह का संचालन करते है. कई बार रूटीन चेक में कई कैदियों के पास से इसे बरामद भी किया जाता है. पर फिर कर्मियों के मेल से फिर वापस भी मिल जाता है.
डीएम के आदेश से हड़कंप
इधर, सोमवार को जेल की हालत को लेकर डीएम गिरिवर दयाल सिंह के तलाशी आदेश के बाद जेल में कैदियों और जेल प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया है. सूत्रों की मानें तो जेल अधीक्षक ने अपने स्तर से मंगलवार को जेल का सघन मुआयना किया. इस दौरान जेल के सभी वार्डो का निरीक्षण किया गया. साथ जेल व कैदियों की सुरक्षा में तैनात कर्मियों को ड्यूटी को लेकर कई दिशा निर्देश दिया गया है.
कैदियों में गुटबाजी नहीं: अधीक्षक
वहीं जेल अधीक्षक सी टोप्पो ने बताया है कि जेल के अंदर कैदियों के बीच किसी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है. आपस में इन लोगों के बीच बहसबाजी होती है. पर इससे विधि व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ता है. जेल के अंदर लगातार मैं स्वयं व अधिकारियों द्वारा मुआयना किया जाता है. हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है. कैदी जेल प्रशासन की सख्ती को लेकर अनापसनाप बोलते हैं. जबकि इसमें कोई सच्चई नहीं है.
सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई : डीएम
हां, जेल में मारपीट से संबंधित कुछ शिकायतें मिली हैं. इस पर जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए हालत में सुधार करने की हिदायत दी गयी है. कहा गया है कि जेल के अंदर नियमित कक्षों की तलाशी ली जाय. ताकि कैदियों के बीच किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक वस्तुएं, हथियार व मोबाइल न रहे.
उन्होंने बताया कि जेल की हालत को ससमय सुधारने का निर्देश दिया गया है. अगर इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गयी तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी. साथ हम किसी भी समय जेल का खुद औचक निरीक्षण कर हालत से रूबरू होंगे.
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