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खरीफ कार्यशाला का बहिष्कार
किसान सलाहकारों ने प्रखंडों में किया प्रदर्शन मधुबनी : दो सूत्री मांगों को लेकर किसान सलाहकारों का आंदोलन धीरे धीरे अब उग्र होता जा रहा है. किसान सलाहकारों ने अपने मांगों को लेकर जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया. इससे प्रखंड स्तर पर संचालित हो रहे कृषि विभाग की योजना पर व्यापक […]
किसान सलाहकारों ने प्रखंडों में किया प्रदर्शन
मधुबनी : दो सूत्री मांगों को लेकर किसान सलाहकारों का आंदोलन धीरे धीरे अब उग्र होता जा रहा है. किसान सलाहकारों ने अपने मांगों को लेकर जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया. इससे प्रखंड स्तर पर संचालित हो रहे कृषि विभाग की योजना पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है.
खरीफ अभियान से ठीक पहले किसान सलाहकारों के अनिश्चितकालीन हड़ताल ने विभाग की चिंता बढ़ा दी है. यदि इसी प्रकार किसान सलाहकारों की हड़ताल जारी रहा तो खरीफ में संचालित योजनाओं के पूरा करने में विभाग को खासे परेशानी होगी. इधर किसान सलाहकार संघ ने शनिवार को रामपट्टी स्थित नवोदय स्कूल परिसर में आयोजित खरीफ कार्यशाला का पूरी तरह बहिष्कार कर दिया.
एक भी किसान सलाहकार कार्यशाला में शामिल नहीं हुए. कार्यशाला में किसान सलाहकारों को खरीफ में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी व योजना के सफलतापूर्वक संचालन के लिये प्रशिक्षण दिया जाना था. पर किसान सलाहकारों के कार्यशाला में शामिल नहीं होने के कारण इस कार्यशाला में उन्हें प्रशिक्षण नहीं दी जा सकी.
जारी रहेगी हड़ताल
दो सूत्री मांगों को लेकर किसान सलाहकारों ने जिले के सभी प्रखंडों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान सलाहकार संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार झा ने कहा है कि किसान सलाहकारों की दो मांगें हैं.
जिसमें नियत वेतनमान दिये जाने एवं किसान सलाहकारों को वीएलडब्ल्यू में समायोजन करने. इन दोनों मांगों को सरकार जब तक पूरा नहीं करती है तब तक किसान सलाहकार एकजूट होकर हड़ताल पर बने रहेंगे. श्री झा ने कहा कि किसान सलाहकार के दम पर ही सरकार कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को पूरा कर पाती है. पर किसान सलाकार को उचित मानदेय की बात तो दूर उचित सम्मान भी नहीं दिया जाता है. जब वेतनमान की मांग की जाती है तो कहा जाता है कि संविदा पर नियोजित हैं. चार घंटे के काम के लिये पर्याप्त मानदेय है. पर हकीकत में किसान सलाहकारों से 15 से 18 घंटे तक हर दिन काम लिया जाता है. कभी भी ना तो छुट्टी दी जाती है और ना ही इन्हें उचित मानदेय ही दिया जाता है.
झंझारपुर . किसान सलाहकारों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा. शनिवार को किसान सलाहकार अपने प्रखंड मुख्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया. झंझारपुर प्रखंड से जुड़े किसान सलाहकार संघ ने प्रखंड मुखयलय पर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही संघ के पदाधिकारियों दो सूत्री मांग के समर्थन में मांग पत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी रूपेंद्र कुमार को दिया. मौके पर किसान सलाहकार अजय दास, अरविंद कुमार चौधरी, शंभू कामत, मनोज कुमार ठाकुर, अमित कुमार, दिनेश कुमार रमण, अनिल कुमार, बिनोद राय, जितेंद्र नाथ चौधरी, संतोष राम, राधारमण मंडल, उमेश राम आदि मौजूद थे.
जयनगर : प्रखंड के किसान सलाहकार संघ के प्रदेश कार्यकारणी के सभी किसान सलाहकार दो सूत्री मांगो को लेकर प्रख्ांड कार्यलाय पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. जयनगर के किसान सलाहकार अरूण कुमार पासवान, कमलेश कुमार, मो अजरूदीन, नागेंद्र प्रसाद यादव, संतोष कुमार, सत्य प्रकाश साफी आदि किसान सलाहकार का कहना है कि जब तक सरकार किसान सलाहकारों को स्थायी वेतनमान व इनका समायोजन वीएलडब्ल्यू में नहीं करती है, तब तक किसान सलाहकार का हड़ताल जारी रहेगा,
जिसके अध्यक्षता कृष्णवीर नारायण घोष ने की. इधर किसान सलाहकारों के हड़ताल पर चले जाने से बिहार सरकार द्वारा चलायी गयी कृषि संबंधित योजनाएं पूरी तरह ठप हो गयी है. किसानों को मिलनेवाला फसल क्षति का मुआवजा बाधित हुआ है तथा आने वाली खरीफ योजनाओं पर ग्रहण लग गया है.
साहरघाट : प्रखंड मुख्यालय पर किसान सलाहकारों ने धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान सलाहकार अशोक कुमार लाल ने कहा कि आज सूबे के कृषि में जो वृद्धि हुई है वो किसान सलाहकारों का देन है.
फसलों की अच्छी पैदावार में किसान सलाहकार ने अबतक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, पर सरकार द्वारा हमलोगों को उपेक्षित रखा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी मांग सभी किसान सलाहकार को वीएलडब्ल्यू या बीईडब्ल्यू में समायोजन किया जाय व नियमित वेतनमान शामिल है.
मधुबनी : बिजली विभाग के उदासीन रवैया के कारण अब लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने लगे हैं. शहर से लेकर गांव कस्बों तक बिजली की समस्या गंभीर होती जा रही है.
शहर मुख्यालय के आर के कॉलेज गेट के समीप स्थानीय लोगों ने जले ट्रांसफॉर्मर को नहीं बदलने से आक्रोशित होकर शनिवार को रहिका मधुबनी मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया. आर के कॉलेज गेट के समीप सुबह से ही स्थानीय सैकड़ों लोग जमा होने लगे थे. देखते ही देखते ही लोगों ने अहले सुबह ही सड़क को बांस बल्ला के सहारे जाम कर दिया. लोगाें का कहना था कि विगत छह दिन से ट्रांसफॉर्मर जला हुआ है.
गरमी में लोग बेहाल हो रहे हैं. पर विभाग इस परेशानी से पूरी तरह अनभिज्ञता जता रही है. लोगों ने कहा कि विभागीय अधिकारी 24 घंटा के अंदर जले ट्रांसफॉर्मर को बदलने का दावा करती है. पर यह दावा पूरी तरह विफल है. सड़क जाम होने से तेज धूप व गरमी में यात्री बेहाल हो गये.
सुबह से करीब दो बजे तक सड़क जाम रहा. इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. यात्री धूप व गरमी में पसीना पसीना हो गये थे. बाद में बिजली विभाग के एसडीओ के आश्वासन दिये जाने के बाद सड़क जाम हटाया जा सका. सड़क जाम के दौरान मेराज अंसारी, कपिल कुमार, रवि कुमार, हरिश्चंद्र कुमार, मो. युनूस सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
एक माह से जला है कैथाही का ट्रांसफॉर्मर
राजनगर : प्रखंड क्षेत्र में बिजली की समस्या गंभीर होती जा रही है. प्रखंड क्षेत्र के कैथाही पछवारी टोला में विगत एक माह से ट्रांसफॉर्मर जला हुआ है. जिस कारण लोगों को इस भीषण गरमी में परेशानी हो रही है. पर विभाग को लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं रह गया है.
विभाग की इस उदासीन रवैया के कारण अब गांव के लोगों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है. गांव के विनोद मिश्र, मुकेश कुमार, पिंकू झा, अमर कुमार झा, नथुनी राम, मो. ताहीर, विश्वनाथ झा, लाल सिंह, प्रकाश महतो सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने बताया है कि विगत एक माह से गांव का ट्रांसफॉर्मर जला हुआ है. कई बार विभाग को इस समस्या से अवगत कराया गया है.
पर विभाग इस दिशा में कोई भी पहल नहीं कर रहा है. बिजली के नहीं रहने से छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो गयी है. ऐसे में अब विभाग के खिलाफ आंदोलन ही एक मात्र विकल्प बचा है. इस बाबत एसडीओ गौरव कुमार ने बताया है कि जल्द ही ट्रांसफॉर्मर को बदल दिया जायेगा.
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