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दाने-दाने को मोहताज है मधवापुर की मतफीनी

न राशन और न आवास, हर योजना से वंचित हैं लाभुक, सरकारी व्यवस्था पर सवालिया निशान मधवापुर : मुख्यालय के वार्ड नंबर चौदह स्थित सड़क किनारे एक टूटी झोपड़ी है. भले ही यह झोपड़ी आम झोपड़ी की तरह ही हो, पर इसमें रहने वाली मसोमात मतफिनी खातुन की कहानी आम नहीं है. इसकी जिंदगी और […]

न राशन और न आवास, हर योजना से वंचित हैं लाभुक, सरकारी व्यवस्था पर सवालिया निशान
मधवापुर : मुख्यालय के वार्ड नंबर चौदह स्थित सड़क किनारे एक टूटी झोपड़ी है. भले ही यह झोपड़ी आम झोपड़ी की तरह ही हो, पर इसमें रहने वाली मसोमात मतफिनी खातुन की कहानी आम नहीं है.
इसकी जिंदगी और व्यथा सरकार के व्यवस्था को उजागर करता है. सरकार व अनुमंडल प्रशासन भले ही गरीबों के लिये कई जनकल्याणकारी योजना संचालित करने व उससे लोगों को लाभान्वित कराने का दावा कर रही हो, पर मतफिनी खातुन की जिंदगी इन दावों के उपर एक सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. करीब 65 वर्षीय मतफिनी खातुन के जिंदगी का हर पन्ना दुखों व सरकारी उदासीनता से भरा है.
हर योजना से मरहूम
मतफिनी खातुन घर में उदास बैठी थी. आज उसे तेज बुखार था. सो कहीं भी काम करने नहीं जा सकी थी. काम पर नहीं निकली तो घर में चूल्हा तक नहीं जला सकी. दोनों जवान बेटी अपने बीमार मां के आस पास बैठी थी. दरअसल जब मतफिनी कहीं काम करके कुछ रुपये कमा कर लाती है तभी घर में चूल्हा जलता है. जिस दिन काम पर नहीं जाती इसी तरह घर में चूल्हा बंद रहता है. मतफिनी पंचायत में सरकार द्वारा चलाये जाने वाले हर योजना से वंचित है.
ना तो इस लाचार औरत को इंदिरा आवास का लाभ मिला, ना राशन कार्ड और ना ही कोई अन्य पेंशन योजना. यह बात दिगर है कि इसी गांव में कई धनाढय़ नाजायत तरीके से हर योजना का लाभ उठा रहे हैं. मतफिनी का परिवार आज दाने दाने को मोहताज है. जिस दिन परिवार क ो दो जून की रोटी मिल जाती है उस दिन वह अपने आप को भाग्यशाली समझती है.
सता रही बेटी की शादी की चिंता
मतफिनी सड़क किनारे बनी एक फूस की झोपड़ी को अपना रैन बसेरा बनायी हुई है. किसी तरह फांकाकसी में जीवन कट रहा है. पर उसे सबसे अधिक चिंता सता रही है दो जवां बेटी 18 वर्षीय जहिना और 15 वर्षीय सजीना के निकाह की. जिसके कारण दिन की चैन और रात की नींदे उड़ गयी है.
किसी ने नहीं समझी पीड़ा
ऐसा नहीं कि उसने कभी अपनी पीड़ा किसी के सामन उजागर नहीं किया हो. पंचायत के मुखिया, सरपंच सहित अन्य कई जनप्रतिनिधियों के सामने वह अपने दुखड़ा सुना चुकी है. पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जिस गरीब के पास दो जून की रोटी का इंतजाम नहीं है उसे पंचायत के जनप्रतिनिधि ऑन लाइन आवेदन करने की नसीहत देते हैं.
वह बताती है कि बाबू भैया…सबके कहि क थाइक गेली, कहलन जे हाकिमे कुछो करतै. मुदा एखनी तक कोनो लाभ नहिं भेटल.
क्या कहते हैं उपमुखिया
इस संबंध में उप मुखिया नीलांबर मिश्र ने बताया कि पूर्व में उसे राशन कार्ड दिया गया था. पर इस बार जिला से प्राप्त कार्ड में उसका नाम नहीं था. प्राप्त होने पर दे दिया जाएगा.
पेंशन के बारे में उन्होंने बताया कि अब तो ऑन लाइन आवेदन होता है वह आवेदन करने पर पंचायत अनुशंसा कर देगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में बेनीपट्टी के एसडीएम राजेशमीणा ने बताया कि यह गंभीर मामला है. जांचोपरांत पीड़ित बेसहारा महिला और उसके परिवार को उचित लाभ दिया जाएगा.

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