मधुबनीः नासूर बनते भ्रष्टाचार से निबटने के लिये विभिन्न स्तरों पर काम किये जा रहे हैं. इसके लिये लोक सेवकों के साथ ही नेता व समाज सेवा के नाम पर मेवा खाने वालों की लगातार रेकी की जा रही है. हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि भ्रष्ट तरीके से संपत्ति अजिर्त करने वाले के सबसे अधिक पसंदीदा निवेश क्षेत्र रियल एस्टेट बन गया है. जिसके लिये लगातार हिंसक वारदात को भी अंजाम दिया जा रहा है.
नगर थाना के कोतवाली चौक पर लगभग छह माह पहले हुई दो हत्या एवं राजनगर थाना क्षेत्र के रामपट्टी व रांटी रूट में हुई दो हत्या से इस संदेह को पुख्ता करता है. इस तरह की बढ़ी घटनाएं सरकार को परेशानी में डाल दिया है. सूत्रों की माने तो इससे निबटने के लिये आर्थिक अपराध इकाई व निगरानी को खास जवाबदेही सौंपी गयी है. निगरानी के डीजी पीके ठाकुर ने सभी जिला स्तर पर इसके लिये कार्रवाई की रूपरेखा तय कर दी है.स्थानीय विजिलेंस इकाई को इसके लिये गोपनीय तरीके से आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने वालों की सूची तैयार करने को कहा गया है.
इसमें सामान्य लोगों की सेवा लिये जाने की भी योजना बनायी गयी है.इन्हें इसके एवज में पारश्रमिक देने का भी निर्णय लिया गया है.जानकारी के अनुसार जिले में सूचना संग्रहण के लिये ऐसे 17 लोगों की टीम तैयार कर ली गयी है.जिनके सहारे प्रारंभिक रेकी का काम किया जा रहा है. इस रिपोर्ट पर विभागीय अधिकारी काम करते हैं, फिर उच्चाधिकारियों को कार्रवाई करने के लिये अपनी रिपोर्ट भेजी जाती है.
मालूम हो कि जिले में गव्य विकास कार्यालय में कर्मी एवं नक्शा प्रारुपण विभाग में कर्मी की गिरफ्तारी के साथ ही जिला भू अजर्न विभाग के आधार पर जुटाये गये तथ्यों के आधार पर हो सका है.जानकारों की माने तो जिले में इस कार्रवाई से कई दफ्तरों में इसका असर है बावजूद कई ऐसे कार्यालय है जहां इस कार्रवाई का कोई खास असर नहीं है. जिसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, भू अजर्न, ग्रामीण विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल है.विभाग ने लोगों की सहभागिता बढ़ाने के लिये अपने महत्वपूर्ण नंबर को भी जारी किया है.