खजौली : सूबे के नियोजित शिक्षक संघ पिछले नौ अप्रैल से अपनी मांगों के ले हड़ताल पर है. संघ पूर्णत: प्राथमिक व मध्य विद्यालय बंद होने का दावा कर रहा है, लेकिन मध्याह्न् भोजन योजना की प्रतिदिन रिपोर्ट के आंकड़े आंदोलन की कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है. जिले के कई विद्यालयों में स्कूल बंद होने की दावों के बीच बच्चों के बीच शत प्रतिशत भोजन खिलाने की भी रिपोर्ट दी जा रही है.
आंकड़े तो यही बताते हैं कि विद्यालयों में बच्चे रोज आ रहे हैं. कई विद्यालयों में अनवरत मध्याह्न् भोजन योजना चालू दिखाई जा रही है. अकेले खजाैली एवं कलुआही प्रखंडों में 10 से 13 अप्रैल के बीच करीब 5300 बच्चों की उपस्थित दिखा मध्याह्न् भोजन चालू दिखाया गया है. किसी-किसी विद्यालयों के प्रधानों ने इनरोल्ड छात्रों से भी ज्यादा उपस्थित दर्ज करा दी. एक ओर विद्यालय बंद का दावा तो दूसरी ओर आंकड़ों में भोजन चालू, आंदोलन की आड़ में लाखों रुपये के वारे-न्यारे का खेल की ओर इशारा करता है.
अगर इस कारनामें की जांच की जाये तो चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. प्रधानाध्यापकों ने धराधर मध्याह्न् भोजन बच्चों को खिलाने का रिपोर्ट दर्ज कराये जा रहे हैं. हालांकि कई विद्यालयों में शून्य उपस्थिति भी दिखाई जा रही है. वहीं, प्राथमिक सह मध्य विद्यालय ठाहर में 283 नामांकित बच्चों साथ 453 बच्चों को भोजन करने की रिपोर्ट दी गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीओ मध्याह्न् भोजन शैलेंद्र कुमार ने बताया है कि जिस विद्यालय में नियमित शिक्षक पदस्थापित हैं. वहां एमडीएम चालू है, लेकिन जो विद्यालय पूर्णत: बंद है और उसमें एमडीएम चालू दिखाया जा रहा है उस पर कानूनी कार्रवाई होना तय है.