29.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्कूलों में बैठने की व्यवस्था नहीं

शिक्षा कर : होल्डिंग टैक्स में लिया जाता है 15 प्रतिशत कर, अभिभावक परेशान देश में भले ही शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो गया हो, लेकिन नगर परिषद क्षेत्र में इस कानून को धरातल पर लाने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है. शहर के स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने का हर […]

शिक्षा कर : होल्डिंग टैक्स में लिया जाता है 15 प्रतिशत कर, अभिभावक परेशान
देश में भले ही शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो गया हो, लेकिन नगर परिषद क्षेत्र में इस कानून को धरातल पर लाने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है. शहर के स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने का हर प्रयास विफल साबित हो रहा है. नगर परिषद द्वारा शिक्षा के नाम पर नागरिकों से कर तो लिया जा रहा है लेकिन व्यवस्था नदारद है.
आलम यह है कि एक कमरा के सहारे तीन स्कूलों का संचालन एक साथ हो रहा है. पर किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. लोगों अब यह बात उठने लगी है. इस व्यवस्था के बीच अपने बच्चों को स्कूल कैसे भेजे.
मधुबनी : रकार ने शिक्षा का अधिकार कानून तो कर दिया. लेकिन शहर के स्कूलों में बुनियादी सुविधा का अभाव है. आलम यह है कि शहर में ऐसे भी मिडिल स्कूल है जहां एक ही कमरों में आठवीं तक की पढ़ाई होती है.
इससे भी चौकाने वाली बात देखने को मिली की इस विद्यालय में तीन स्कूलों का संचालन होता है. यह हाल बयां करती है. नगर परिषद क्षेत्र के विद्यालय. कहने को तो हम कह जाते हैं कि अंगरेजों ने हमारे यहां की शिक्षा व्यवस्था चौपट कर दी. लेकिन शहर के विद्यालयों का संचालन जिल तरह से हो रही है. इस ओर नप प्रशासन का ध्यान नहीं गया है. 1876 में नगर पालिका के स्थापना के बाद यहां बच्चों को शिक्षित करने हेतु स्कूल खोले गये. लेकिन सरकार ने स्कूल संचालन का जिम्मा अपने हाथ में लिया. नगर प्रशासन इसके देख रेख करती है. पर सवाल यह खड़ा होता है कि जब नगर प्रशासन की स्कूल संचालन में कोई भागीदारी नहीं तो टैक्स क्यों लिया जा रहा है.
विद्यालयों के नहीं है भवन
शहर के विद्यालयों में कमरा का अभाव है. आलम यह है कि महाराजगंज वार्ड नंबर-13 में स्थित मध्य विद्यालय सिर्फ एक कमरा में संचालित हो रही है. इससे भी बुरा हाल सूरजगंज वार्ड नंबर-17 स्थित प्राथमिक विद्यालय का है जहां एक ही कमरा में कक्षा, कार्यालय व मध्याह्न् भोजन का संचालन हो रहा है.
कमरा एक स्कूल तीन
शहर के वार्ड नंबर 13 स्थित महाराजगंज मोहल्ला में एक ही कमरा में आठवीं तक की पढ़ाई हो रही है. लेकिन इससे बढ़ के इस विद्यालय में तीन स्कूल का संचालन हो रहा है. जहां आलम यह है कि शिक्षकों को खड़े होने की जगह नहीं है. वहां बच्चे किस तरह से पढ़ते होंगे.
बरामदे पर होती पढ़ाई
शहर के लगभग 95 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए कमरा नहीं है. यहां कक्षा का संचालन बरामदे पर होती है. आलम यह है कि बच्चों के लिए मध्याह्न् भोजन भी यही बन रहा है. यहां तो बच्चे बढ़ने के लिए आते हैं लेकिन सिर्फ उपस्थिति दर्ज कर लौटना पड़ता है.
नहीं है शौचालय
शहर के कई ऐसे विद्यालय है जहां बच्चों के शौच के लिए शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. कई अभिभावक ऐसे विद्यालय से बच्चों को या तो अलग कर लिए है या मन बना रहे हैं. जिसे विद्यालय में शौचालय है अधिकांश बंद ही पड़े हैं.
देना पड़ता शिक्षा कर
शहर वासियों को नगर परिषद को होल्ंिड टैक्स देना पड़ता है. जिसमें शिक्षा का भी शामिल हैं. लोगों से लिया जाने वाले कर में 15 प्रतिशत शिक्षा कर है. वित्तीय वर्ष 2014-15 कुल वसूल किये गये होल्डिंग टैक्स 47.61 हजार में 6.50 लाख शिक्षा कर शामिल है.
क्या कहते मुख्य पार्षद
नगर परिषद के मुख्य पार्षद खालिद अनवर ने बताया कि विद्यालय में कमरा की कमी एक बड़ी समस्या है. विद्यालय में कमरा निर्माण के लिए भूमि चिह्न्ति की जा रही है. भूमि मिलते ही भवन निर्माण के लिए विभाग को भेजा जायेगा. मुख्य पार्षद ने बताया कि होल्डिंग टैक्स में लिया जाने वाला शिक्षा कर वसूल कर सरकार के कोष में दिया जा रहा है. शीघ्र ही एक कमेटी गठित कर स्कूल में व्यापक सुधार किया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें