मधुबनी में मंदिर धोने का मामला
झंझारपुर : दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त बंदना किन्नी व आइजी एके आंबेडकर ने मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पूजा करने के बाद परमेश्वरी मंदिर को धोने के मामले की जांच बुधवार को गांव पहुंच कर की. इस दौरान दोनों वरीय अधिकारियों ने मंदिर के पुजारी अशोक कुमार झा और स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की. इस दौरान कड़ी प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी.
पूछताछ के क्रम में अधिकारियों ने सहयोगी पुजारी परशुराम झा, अंधराठाढ़ी दक्षिणी पंचायत की मुखिया हेमलता सज्जन, सरपंच पुष्पा देवी से विस्तृत जानकारी ली़ जांच को लेकर मंदिर परिसर में सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था़ बड़ी संख्या में पुलिस बल व प्रशासनिक अधिकारियों की मंदिर परिसर में तैनात की गयी थी़ हालांकि, जांच के दौरान एक बार माहौल दो गुटों में उलझता दिखा, लेकिन प्रशासन ने सूझबूझ से स्थिति पर नियंत्रण कर लिया़ हालांकि, माहौल को गरमाता देख आयुक्त व आइजी मंदिर परिसर से निकल गय़े इन अधिकारियों ने मीडिया से कोई अधिकारिक बात नहीं की़
नहीं धोयी गयी थी मंदिर : दोपहर बाद करीब दो बजे आयुक्त व आइजी परमेश्वरी मंदिर पर पहुंच़े उनके साथ मधुबनी के डीएम गिरिवर दयाल सिंह और एसपी एम रहमान भी थ़े सबसे पहले अधिकारियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की़ उसके बाद परिसर में ही बैठ कर मामले की जांच शुरू की. सबसे पहले मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक झा से पूछताछ की. पुजारी ने आयुक्त को बताया कि आम तौर पर हम हर दिन दो बार मंदिर की सफाई करते है़, लेकिन जिस दिन मुख्यमंत्री पूजा-अर्चना करने आये थे, उस दिन शाम में मंदिर की सफाई नहीं हुई़, क्योंकि उस दिन मंदिर परिसर के बाहर दुर्गा स्थान में कृष्णाष्टमी का मटका फोड़ने का कार्यक्रम आयोजित था़.
पुजारी ने यह भी बताया कि चुंकि मंदिर में स्थापित पिंड पूरी तरह मिट्टी की है और यह सैकड़ों साल पुरानी है. इसलिए यहां उस पिंड की पानी से सफाई होती ही नहीं है़. प्रतिदिन गाय घी से मालिस करने के बाद पिंड का श्रृंगार किया जाता है़ पुजारी के बयान की पुष्टि पंचायत के मुखिया, सरपंच, मंदिर में वर्षो से ढोल बजा रहे दलित ढोलकिया चौठी राम, ग्रामीण भोला झा, संतोष झा, कमलेश झा ने भी की़ एक घंटे क पूछताछ के बाद जब मंदिर परिसर में जमा भीड़ में से अन्य किसी ने कुछ नहीं बताया, तो अधिकारी मंदिर परिसर से बाहर निकल गय़े.
हस्तक्षेप पर भड़के लोग : मंदिर परिसर से गवाहों का बयान लेने के बाद आयुक्त व आइजी जैसे ही बाहर निकले कि राजद के जिलाध्यक्ष फुलहसन अंसारी के नेतृत्व में जमा कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर कर बगल की दलित बस्ती में जाकर घटना के संबंध में दलितों का बयान दर्ज करने का आग्रह किया़ राजद जिलाध्यक्ष के इस हस्तक्षेप पर माहौल काफी उग्र हो गया़ सैकड़ों लोग मो अंसारी के बाहर होने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लग़े मामला हाथापाई तक पहुंच गया़ स्थिति को तनावपूर्ण होता देख आयुक्त व आइजी अपनी-अपनी गाड़ियों में बैठ जांच स्थल से निकल गये और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने व स्थिति पर निगाहें बनाये रखने का निर्देश डीएम-एसपी को देते गये.