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टेबलेट से जानकारी लेंगी गांव की महिलाएं

मधुबनी:प्रियदर्शिनी परियोजना महिलाओं के सशक्तीकरण पर आधारित है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 150 करोड़ रुपये आंकी गयी है. ये बातें बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने कहीं. शुक्रवार को शहर के एक होटल के सभागार में प्रियदर्शिनी परियोजना के इंटरनेट के लिए विशेष सॉफ्टवेयर तकनीक का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने […]

मधुबनी:प्रियदर्शिनी परियोजना महिलाओं के सशक्तीकरण पर आधारित है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 150 करोड़ रुपये आंकी गयी है. ये बातें बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने कहीं.

शुक्रवार को शहर के एक होटल के सभागार में प्रियदर्शिनी परियोजना के इंटरनेट के लिए विशेष सॉफ्टवेयर तकनीक का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि सीतामढ़ी के डुमरा व रून्नीसैदपुर व मधुबनी के बाबूबरही व खुटौना प्रखंड में प्रियदर्शिनी योजना काम कर रही है. गांव की ये महिलाएं टेबलेट से अपनी जानकारी अपडेट करेंगी.

सरकारी योजनाओं को लेकर अपनी नयी रणनीति बना सकेंगी. इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनका क्षमतावर्धन किया जाता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें. इस कार्यक्रम के अंतर्गत छह हजार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण होगा. इस परियोजना को नाबार्ड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है. महिला और बाल विकास मंत्रलय भारत सरकार इस कार्यक्रम की नोडल एजेंसी है. अंतरराष्ट्रीय कृषि एवं विकास निधि ने इसके लिए भारत सरकार को वित्तीय ऋण दिया है.

प्रियदर्शिनी कार्यक्रम के तहत महिलाओं को जागरूक कर उन्हें स्वयं सहायता समूह गठित करने के लिए प्रेरित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल लिटरेसी से ही विकास संभव है.

वहीं, बिहार विधान परिषद के सदस्य सह याचिका समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा कि बिचौलिया प्रथा को खत्म करके ही बैंक अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकते हैं. श्री सिंह ने ग्रामीण गरीब महिलाओं को वित्तीय रूप से साक्षर बनाने पर बल दिया. उन्होंने प्रियदर्शिनी के माध्यम से महिलाओं को कंप्यूटर शिक्षा देने पर भी बल दिया. इस अवसर पर डीएम गिरिवर दयाल सिंह, डीडीसी राज कुमार सहित कई उप समाहर्ता व एसडीओ उपस्थित थे.

वहीं, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक आरके दास, प्रियदर्शिनी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी शरद झा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक निखिल कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. स्वयं सहायता समूह के हिसाब किताब एवं रजिस्टर का रख रखाव इंटरनेट आधारित एवं टैबलेट के माध्यम से करने के लिए पायलट योजना शुरू की गयी. इससे महिला समूह के मॉनीटरिंग में सुविधा होगी. टैबलेट के प्रयोग से बुक कीपिंग सरल, सुरक्षित व पारदर्शी हो जायेगा. प्रियदर्शिनी कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय भूमिका के लिए बैंक के शाखा प्रबंधकों को मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया. एलडीएम एसके विश्वास, सेंट्रल बैंक के रीजनल मैनेजर यूएन गिरि ने भी कार्यक्रम में भाग लिया.

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