मधुबनी : आज कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी. 16 व 17 जनवरी को कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदा-बांदी की संभावना है. फिलहाल तीन से चार दिनों तक ठंड का प्रकोप बना रहेगा. वहीं 16 जनवरी को कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी. 17 व 18 जनवरी को पुरवा हवा व इसके बाद पछिया हवा चल सकती है.
इस दौरान हवा की रफ्तार औसतन पांच से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. सुबह और रात में घना कोहरा के छाये रहने की संभावना है. पिछले दो दिनों से घने कुहासे व पछिया हवा के कारण आम जनजीवन प्रभावित रहा है.
बुधवार को भी घने कोहरे के कारण जिला ठंड की चपेट में रहा. एक बजे के बाद कुछ देर के लिये धूप खिलने से लोगों ने राहत ली. कुहासा इस कदर छाया था कि मुश्किल से दस फुट तक ही लोग दिख पा रहे थे. आलम यह था कि सड़क पर चलते राहगीर दिखाई नहीं दे रहे थे. लोग वाहन का परिचालन लाइट जलाकर कर रहे थे. कुहासा ने वाहन के रफ्तार पर रोक लगा दी थी.
यह स्थिति अगले दो दिनों तक बने रहने की संभावना है. जिससे जन जीवन प्रभावित रह सकता है. हालांकि बुधवार को एक बजे के बाद धूप खिलने के कारण मोहल्ला व शहर की सड़कों पर चहल पहल बढ़ गई. लेकिन शाम होते ही कुहासे की चादर धीरे-धीरे फैलने लगी. दोपहर में जहां धूप सहारा बना वहीं शाम होते ही घर में अलाव का सहारा लिया. पिछले दो दिनों से कुहासा छाने व पछिया हवा लोगों को हलकान किये हुए है. मौसम विभाग के अनुसार धने कुहासे के कारण अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी नहीं हो रही. कड़कड़ाती ठंड के बावजूद बुधवार को मकर संक्रांति के मौके पर अहले सुबह पवित्र तालाब में डूबकी लगायी. जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी. हालांकि स्नान के बाद अलाव के सहारे ठंड से राहत पाने की कोशिश की गयी.
ठंड के मौसम में बरते सावधानियां : ठंड में हाथ पैर साफ रखना चाहिए. विषाणु व किटाणु मौसम की बीमारियों को जन्म देकर तीव्रता से फैलती है.
अधिक तनाव से बचें : आपके शरीर को बीमारी व संक्रमण से लड़ने की क्षमता में बाधा उत्पन्न करती है. रोजाना करीब 3 मिनट व्यायाम जरूर करें. सर्दी बुखार, जुकाम होने पर आराम करें. ठंडा पानी से स्नान नहीं करें. इसके लिये गुणवत्ता पानी का उपयोग करें. गरम खाना खायें. दही, बासी खाना न खायें.
ठंड पर भारी पड़ी आस्था : मकर संक्रांति के मौके पर मिथिलांचल में अलहे सुबह पवित्र सरोबर में डूबकी लगाने की परंपरा है. धने कुहासे व पछिया हवा के कारण तल्ख ठंड के बावजूद लोगों ने पवित्र नदी व तालाब में डूबकी लगायी. ठंड पर आस्था भारी रहा. हालांकि तालाबों के समीप अलाव सेंकते लोग नजर आये.