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बढ़ी कीमत, चिकेन से महंगा हुआ प्याज

मधुबनी : प्याज की कीमत ने रिकार्ड तोड़ दिया है. बाजार में इसका कीमत थोक भाव में 115 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है तो खुदरा भाव 130 रुपये तक चला गया है. बढ़ रही कीमत में थोक के हिसाब से प्याज लेने वाले खरीदार बाजार में गायब हो गये. ऐसे में अब थोक विक्रेता […]

मधुबनी : प्याज की कीमत ने रिकार्ड तोड़ दिया है. बाजार में इसका कीमत थोक भाव में 115 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है तो खुदरा भाव 130 रुपये तक चला गया है. बढ़ रही कीमत में थोक के हिसाब से प्याज लेने वाले खरीदार बाजार में गायब हो गये. ऐसे में अब थोक विक्रेता भी खुले के भाव ही प्याज बेच रहे हैं. यानी कि बाजार में प्याज 130 रुपये ही बिक रहा है. दूसरी ओर यह बाजार में बिकने वाले चिकेन से महंगा हो गया है.

इन दिनों प्याज रिकार्ड तोड़ महंगाई को छू रहा है. इसका घर से लेकर होटल, नाश्ता के दुकान से लेकर मांस मछली के कारोबार पर भी असर पड़ रहा है. प्याज की कीमत बढ़ने के कारण बाजार में चिकेन, मांस मछली की बिक्री कम हो गयी है. वर्तमान में चिकेन की कीमत प्याज से सस्ता हो गयी है. लोगों को एक किलो प्याज की खरीदारी करने के लिये सोचना पड़ता है.
बिक्री घटी. बाजार भाव के अनुसार चिकेन का कीमत 110 से 120 रुपये तक है. वहीं बाजार में इन दिनों इससे दस रुपये अधिक भाव में प्याज भी बिक रहा है. जिस कारण लोग चिकेन, मांस खरीदने से परहेज करते देखे जा रहे हैं. बाजार में चिकेन की बिक्री में कमी आयी है. चिकेन कारोबारी मो. जहांगीर बताते हैं कि पहले प्रति दिन करीब सत्तर से अस्सी किलो चिकेन बेच लिया करता था. पर बीते करीब दस दिन से यह घट गया है. अभी तो 20 से 25 किलो ही बिक रहा है. ग्राहकों की संख्या लगातार कम हो रही है. जो खरीदार आ रहे हैं वे भी कम मात्रा में ही चिकेन खरीद रहे हैं.
कई किराना दुकानदार प्याज रखना किया बंद . प्याज की कीमत में अत्यधिक बढ़ोतरी होने से अब दुकान से भी प्याज गायब होते जा रहा है. कई दुकान घूमने के बाद प्याज मिल रहा है.
आर के कॉलेज के समीप करीब आधा दर्जन से अधिक किराना दुकान है. हर प्रकार का सामान रहता है. कुछ दिन पहले तक इन दुकान में बोरी भर कर प्याज हुआ करता था. पर मंगलवार को मात्र एक दुकान में ही प्याज मिल रहा था. यह हाल जिले के अन्य इलाके में भी है. ग्रामीण क्षेत्रों से प्याज गायब ही होते जा रहा है. कई जगहों से यह सूचना आने लगी है कि इलाके में प्याज नहीं मिल रहा है. इसका मूल कारण प्याज के खरीदार नहीं मिल रहे हैं.
ऐसे में दुकानदार प्याज की बोरी लेने से बच रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि इस समय में प्याज को अधिक दिनों तक रखने से उसमें पौधे आ जाने का भय है. यदि एक बोरी से दो किलो भी खराब प्याज निकल गया तो मुनाफा की बात तो दूर, घर से घाटा होने का डर है. ऐसे में दुकान में प्याज लाना ही छोड़ दिया है. दूसरी बात यह है कि एक बोरी प्याज में इन दिनों पूंजी अधिक लग रही है. यह किसी एक दुकानदार की बात नहीं है.
होटल का खाना हुआ महंगा . प्याज की बढ़ती कीमत से होटलों में खाना व नाश्ता करना महंगा हो गया है. होटलों में खाना अब लोगों को सोचना पड़ रहा है. होटल, ढाबा से लेकर गांव घरों के छोटे छोटे दुकान में मिलने वाले नाश्ता पर भी प्याज की महंगाई का सीधा असर पड़ रहा है. बाजार में मिलने वाले नाश्ता से प्याज गायब हो चुका है.
दुकानदार मूली व पत्ता गोभी से प्याज का काम चला रहे हैं. बाजार में छोटे मोटे नाश्ता के दुकान पर कल तक पांच रुपये मिलने वाला प्याजी का कीमत बढ़कर आठ रुपये तक पहुंच गया है तो शहर के बढ़िया होटल में नाश्ता व खाने के प्रत्येक प्याज वाले आईटम पर बीस पच्चीस रुपये तक का इजाफा हो गया है.

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