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लंबी दूरी की ट्रेनों में नौ सितंबर से मिलेगा कंफर्म टिकट

परेशानी : आने-जाने के लिए बस सेवा ही एकमात्र विकल्प मधुबनी :परदेश से आने जाने वाले यात्रियों 15 दिनों तक कंफर्म टिकट उपलब्ध नहीं हो पायेगा. ऐसी स्थिति में यात्रा करने वाले यात्रियों को ई टिकट एजेंट से तत्काल टिकट लेने की मजबूरी है. विभिन्न शहरों से जारी बस सेवा ही परदेश जाने की विवशता […]

परेशानी : आने-जाने के लिए बस सेवा ही एकमात्र विकल्प

मधुबनी :परदेश से आने जाने वाले यात्रियों 15 दिनों तक कंफर्म टिकट उपलब्ध नहीं हो पायेगा. ऐसी स्थिति में यात्रा करने वाले यात्रियों को ई टिकट एजेंट से तत्काल टिकट लेने की मजबूरी है. विभिन्न शहरों से जारी बस सेवा ही परदेश जाने की विवशता को दूर कर पायेगा. क्योंकि दिल्ली व अन्य बड़े शहरों को आने-जाने वाले यात्रियों को 9 सितंबर से कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बताया जा रहा है.
दूसरी ओर नई दिल्ली दरभंगा बिहार संपर्क क्रांति में 7 दिसंबर, पूणे दरभंगा एक्सप्रेस में 4 दिसंबर व आनंद बिहार जयनगर गरीब रथ में 2 नवंबर से यात्रियों को कंफर्म टिकट उपलब्ध होने की संभावना बताया जा रहा है. सिंगल विंडो सिस्टम के कारण एक ओर जहां यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है. वहीं एक ही काउंटर से महिला, पुरुष, दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिकों को टिकट लेने की मजबूरी है.
सिंगल विंडो से होती है दिक्क्तत
एक ओर आरक्षण काउंटर पर सिंग्ल विंडो सिस्टम के कारण यात्रियों को परेशानी होती है. वहीं घंटो लाइन में रहने के बाद भी यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है. आलम यह है कि आरक्षण काउंटर से प्रतिदिन तत्काल टिकट एक दो या कभी तीन यात्रियों को मिल पाता है. जबकि आरक्षण काउंटर से प्रतिदिन 50 से 60 लाख रुपये की टिकट बिक्री से राजस्व प्राप्त हो रहा है. रेलवे यात्रियों से मोटी कमाई तो कर रहा है, लेकिन सुविधा उपलब्ध कराने में फिसड्डी सावित हो रहा है.
ज्ञात हो कि स्टेशन ए ग्रेड दर्जा का है जबकि एक ही काउंटर पर महिला, पुरूष सहित दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिक घंटो लाइन में खड़े रहकर टिकट लेने को मजबूर है. हद तो यह है कि आरक्षण काउंटर पर आरक्षण मांग पत्र भी कई माह से उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण यात्रियों को सादे कागज पर ही आरक्षण टिकट के लिए डिमांड भरना होता है.
सबसे विकट स्थित टिकट काउंटर की है जहां भीषण गर्मी में पंखा की हवा में ही कर्मी प्रतिदिन हजारों यात्रियों को टिकट देते है. सबसे बड़ी समस्या टिकट काउंटर के आसपास शौचालय व यूरिनल नहीं होना है. जिसके कारण लाइन में टिकट के लिए खड़े यात्रियों को यूरिनल के लिए स्टेशन परिसर स्थित यूरिनल व शौचालय के लिए जाना पड़ता है.
मांग पत्र की होती है बर्बादी
आरक्षण मांग पत्र सहित यात्रियों की मूलभूत समस्याओं के संबंध में वाणिज्य अधीक्षक देवेंद्र मंडल ने बताया कि सभी समस्याओं की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दी गई है. मांग पत्र प्राप्त होते ही काउंटर पर यात्रियों को सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि यात्रियों द्वारा भी मांग पत्र को बर्बाद किया जाता है.

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