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सफाई बंद, मजदूरों ने खड़े कर दिये हाथ

मधुबनी : शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. शहर में सफाई के लिए काम कर रहे एनजीओ के मजदूरों ने शनिवार को शहर में सफाई करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया. जिसके कारण पूरा शहर कचरा से पट गया है. मजदूरों का कहना है कि दो महीना से भुगतान […]

मधुबनी : शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. शहर में सफाई के लिए काम कर रहे एनजीओ के मजदूरों ने शनिवार को शहर में सफाई करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया. जिसके कारण पूरा शहर कचरा से पट गया है. मजदूरों का कहना है कि दो महीना से भुगतान नहीं हुआ है. यह तीसरा महीना गुजर रहा है.

जब तक भुगतान नहीं होगा हम काम नहीं करेंगे. दरअसल, एनजीओ ने मजदूरों को दो महीना से भुगतान नहीं किया है. जिसके कारण मजदूर काम करने से इंकार कर दिया है. हालांकि बीते करीब एक सप्ताह से सफाई मजदूरों की कमी होने लगी थी, जिससे सफाई काम पर सीधे तौर पर असर दिख रहा था. पर शनिवार को सफाई का काम पूरे तौर पर ठप हो गया.

सीएफएमएस नियम लागू होने से अभी नगर परिषद में भुगतान की सारी प्रक्रिया दो महीने से रुकी हुई है. जिसके कारण विकास एवं अन्य कार्य पर ग्रहण लग गया है. हालांकि सीएफएमएस नियम लागू करने की प्रक्रिया चल रही है. पर जब तक मजदूरों के हाथ में पैसे नहीं जा रहे मजदूर काम करने से इंकार कर दिया है.
कचरे से पट गया शहर. शहर में प्रतिदिन सात आठ टन कचरे का उठाव किया जाता है. शहर में सफाई के लिए बने 31 वार्डों में से 26 वार्ड में सफाई का कार्य एनजीओ द्वारा होता है. एनजीओ सफाई के लिए करीब 150 मजदूरों से काम लेती है. नगर परिषद से प्रतिमाह भुगतान के बाद मजदूरों का भुगतान किया जाता है. शनिवार को मजदूरों ने बकाया भुगतान की मांग को लेकर काम रोक दिया है. जिसके कारण शहर के चौक चौराहों सहित मुहल्ले में कचड़े का अंबार लग गया है.
एनजीओ को प्रतिमाह 13 लाख का भुगतान. शहर में सफाई का काम देख रहे एनजीओ को प्रतिमाह 13 लाख 41 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है. यानी एक दिन के सफाई में उसे 44 हजार 7 सौ रुपये खर्च होते है. दो महीने का करीब 27 लाख भुगतान नहीं किया गया है. जिससे मजदूरों के भुगतान में देरी हो रही है. इधर मजदूर अपने मांग पर अड़े हुए है. बिना भुगतान के काम शुरू नहीं करेंगे.
सफाई के लिए होगी वैकल्पिक व्यवस्थासीएफएमएस नियम लागू होने से अभी भुगतान में देरी हो रही है. एनजीओ से सफाई व्यवस्था चालू रखने के लिए कहा गया है. सोमवार से शहर में सफाई नहीं शुरू हुई तो वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी.
आशुतोष आनंद चौधरी, नप के कार्यपालक पदाधिकारी

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