मधुबनी : जिला में कालाजार मरीजों की संख्या में प्रतिवर्ष कमी दर्ज की जा रही है. इसके बाद भी जिला में लगभग 166 गांव के लगभग 10 लाख 20 हजार 446 आबादी इसके प्रभाव में है. जहां गत 9 अप्रैल से छिड़काव कर्मियों द्वारा सिंथेटिक पायराथ्रोवायड का छिड़काव कार्य शुरू किया गया है, जो 12 जून 2018 तक चलेगा. जिसके तहत 10 हजार 326 किलोग्राम एसपी पाउडर का छिड़काव किया जायेगा. आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2011 में जिला में जहां 538 कालाजार मरीज थे. वहीं वर्ष 2017 में इसकी संख्या घटकर 76 हो गयी. वर्ष 18 के जनवरी से मार्च माह तक जिला में कुल कालाजार मरीजों की संख्या 12 पायी गयी है.
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166 गांव अब भी कालाजार से प्रभावित
मधुबनी : जिला में कालाजार मरीजों की संख्या में प्रतिवर्ष कमी दर्ज की जा रही है. इसके बाद भी जिला में लगभग 166 गांव के लगभग 10 लाख 20 हजार 446 आबादी इसके प्रभाव में है. जहां गत 9 अप्रैल से छिड़काव कर्मियों द्वारा सिंथेटिक पायराथ्रोवायड का छिड़काव कार्य शुरू किया गया है, जो 12 […]
माॅनीटरिंग को ले टीम गठित. छिड़काव कार्यक्रम की मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तरीय टीम गठित किया गया है. जिसमें सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को संबंधित प्रखंड आवंटित किया गया है. इसके अलावा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को प्रखंड स्तर पर मॉनीटरिंग टीम का गठन कर छिड़काव कर्मियों द्वारा किये जा रहे छिड़काव कार्य की देख रेख करने की जवाबदेही दी गयी है. जिला स्तरीय मॉनीटरिंग टीम द्वारा सभी कार्यक्रम पदाधिकारी अपने- अपने प्रखंडों की निगरानी कर प्रतिदिन अपना प्रतिवेदन सिविल सर्जन को देंगे. वहीं प्रखंड स्तर पर गठित टीम अपनी मॉनीटरिंग प्रतिवेदन संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को प्रतिदिन सौपेंगे.
20 प्रखंडों में हो रहा छिड़काव. जिला के कुल 21 प्रखंडों में 20 प्रखंड के 166 गांव कमोवेश कालाजार प्रभावित है. जहां छिड़काव कार्य किया जा रहा है. जिला के कुल 49 लाख 44 हजार 478 जनसंख्या में 10 लाख 20 हजार 446 आबादी इससे प्रभावित है. जिला में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 74 है. जबकि स्वास्थ्य उपकेंद्र की संख्या 429 है. जिला के कुल गांव एक हजार 84 में से 166 गांव कालाजार प्रभावित क्षेत्र है. जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. सीके सिंह ने बताया कि यदि किसी गांव में एक भी मरीज 3 साल में प्रतिवेदित होता है तो उस गांव का एसपी छिड़काव के लिए चयन किया जाता है.
पूरा किया गया लक्ष्य. भारत सरकार द्वारा प्रखंड स्तर पर 10 हजार जनसंख्या में एक से कम मरीज होने का लक्ष्य निर्धारित है. जिस क्रम में जिला के कुल जनसंख्या 49 लाख 44 हजार 478 विरुद्ध वर्ष 17 में महज 76 मरीज चिह्नित किया गया है. जिला के सभी प्रखंडों में निर्धारित लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है.
कालाजार मरीजों की संख्या में कमी. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में 538 मरीज, वर्ष 2012 में 422, वर्ष 2013 में 321, वर्ष 2014 में 237, वर्ष 2015 में 187 व वर्ष 2016 में 108 तथा 2017 में 76 कालाजार मरीज थे. जबकि वर्ष 2018 में जनवरी से मार्च तक लदनिया प्रखंड में 3, खुटौना प्रखंड में 3, लौकही प्रखंड में 2 व हरलाखी, बाबूबरही, राजनगर, बिस्फी प्रखंड में एक-एक मरीज प्रतिवेदित किया गया है.
धरना के कारण हुआ विलंब
सिविल सर्जन डा. अमर नाथ झा ने कहा है कि छिड़काव कर्मियों के धरना के कारण छिड़काव में विलंब हुआ. लेकिन 9 अप्रैल से 12 जून तक 60 दिवसीय छिड़काव कार्य का सफलता पूर्वक संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह छिड़काव घर के कोने में किया जाता है, क्योंकि मादा बालू मक्खी अंधेरे व घर के कोने में ही पाया जाता है.
कालाजार मरीजों की संख्या में आयी कमी
कालाजार प्रभावित 166 गांव में एसपी छिड़काव शुरू
मादा बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार
डा. सीके सिंह ने बताया कि जब संक्रमित मादा बालू मक्खी किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है तो उसके शरीर में लेस मिनीया नामक परजीवी छोड़ देती है. जिसके बाद रोगी कालाजार से ग्रसित हो जाता है. उन्होंने कहा कि 15 दिन या उससे अधिक समय तक बुखार रहने पर व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर कालाजार की नि:शुल्क जांच कराना चाहिए. जिसके बाद मरीज को नि:शुल्क एमबीसोम नामक सूई पानी के साथ प्रति 10 मिली ग्राम बॉडी वेट के हिसाब से दिया जाता है. साथ ही मुख्यमंत्री कालाजार योजना के तहत उपचार के बाद मरीज को राज्य सरकार 6 हजार 6 सौ रुपया तथा केंद्र सरकार द्वारा 5 सौ रुपया कुल 7 हजार एक सौ रुपया क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है.
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