मधुबनी : जिला में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के तहत अब चलंत चिकित्सा दलों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी विद्यालयों में स्वास्थ्य जांच की जा रही है. कार्यक्रम सफलता के लिए कार्यपालक निदेशक ने कई दिशा निर्देश जारी किया है. जिससे कार्यक्रम को और अधिक सफल बनाया जा सके.
Advertisement
आंगनबाड़ी केंद्र व सरकारी विद्यालय में छात्रों की होगी स्वास्थ्य जांच
मधुबनी : जिला में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के तहत अब चलंत चिकित्सा दलों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी विद्यालयों में स्वास्थ्य जांच की जा रही है. कार्यक्रम सफलता के लिए कार्यपालक निदेशक ने कई दिशा निर्देश जारी किया है. जिससे कार्यक्रम को और अधिक सफल बनाया जा सके. इस दिशा में विभाग के कार्यपालक निदेशक […]
इस दिशा में विभाग के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह ने जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन को जिला स्तर पर कार्यक्रम के संचालन के लिये कई आवश्यक निर्देश दिये है. कहा है कि जिला में आयोजित मासिक बैठकों में उक्त बिंदुओं पर समीक्षा करने एवं अनुपालन के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दें, ताकि इस कार्यक्रम को और प्रभारी ढंग से लागू किया जा सके.
सामान्य बैठकों का आयोजन : चलंत चिकित्सा दलों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों तथा सरकारी विद्यालयों में स्वास्थ्य जांच की जाती है. इससे जुड़े विभागों आइसीडीएस व शिक्षा विभाग के साथ समय- समय पर सामान्य बैठकों का आयोजन करने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला एवं प्रखंड स्तर पर तीन- तीन बैठकों के आयोजन के लिए राशि भी उपलब्ध करा दी गयी है.
चलंत चिकित्सा दलों का पुनर्गठन : राज्य द्वारा निर्धारित चलंत चिकित्सा दलों में दो आयुष चिकित्सक 01 एएनएम व एक फर्मासिस्ट का होना अनिवार्य है. जबकि कई प्रखंडों में चलंत चिकित्सा दलों में केवल दो सदस्य ही एक दल में है.
इसके लिए जिला स्तर पर इन सदस्यों का पुनर्गठन करने का निर्देश दिया गया है. जिससे उपलब्ध मानव बलों का समुचित उपयोग कर बच्चों की स्वास्थ्य जांच गतिविधि में तेजी लाई जा सके. प्रत्येक चलंत चिकित्सा दल के लिए एक वाहन की व्यवस्था की गई है, जिसके लिए राशि भी उपलब्ध करा दी गई है. साथ ही जो दवा राज्य इडीएल में शामिल नहीं है, उसके क्रय के लिए प्रति माह के दर से राशि उपलब्ध करा दी गयी है. जिला समन्वयक को प्रखंड में बच्चों की संख्या के आधार पर कार्डों एवं रजिस्टर का वितरण करने का निर्देश दिया है.
कार्यक्रम के अनुश्रवण एवं चलंत चिकित्सा दलों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी आरवी एसके द्वार मासिक बैठकों का आयोजन कर बैठक संबंधी कार्यवाही राज्य को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
आरबीएस के चिकित्सकों को स्वास्थ्य जांच में सुधार को इडी ने जारी किया निर्देश
रेफरल बच्चों का इलाज सुनिश्चित हो
स्वास्थ्य जांच के क्रम में रेफरल संस्थानों में रेफर बच्चों की उपस्थिति कम है. इसके लिए रेफरल सुविधा के लिए चिह्नित बच्चों की सूची रेफर संस्थानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही नियमित रूप से बच्चों के अभिभावकों, विद्यालय के शिक्षकों से मिलकर रेफर बच्चों का फालोअप करने का भी निर्देश दिया गया है. इस टीम में शामिल चिकित्सकों का उपयोग केवल बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए ही किया जायेगा, किसी अन्य कार्यों में इन्हें नहीं लगाया जायेगा.
निर्धारित संख्या में हो बच्चों की जांच
प्रत्येक चलंत चिकित्सा दल द्वारा प्रतिदिन औसतन 100 बच्चों की स्वास्थ्य जांच निर्धारित है. लेकिन चलंत चिकित्सा दल द्वारा प्रतिदिन औसतन 63 बच्चों की जांच की जा रही है. इसके लिए निर्देश जारी किया गया है कि प्रत्येक चिकित्सा दल निर्धारित संख्या में बच्चों की जांच अवश्य करें. अन्यथा इसके दूरगामी परिणाम गंभीर हो सकते हैं. निदेशक ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति तक लक्षित बच्चों की कम से कम एक बार जांच आवश्यक करने का निर्देश दिया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement