लापरवाही. विभाग के पास पिछले टैक्स की जानकारी नहीं हो रही उपलब्ध
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कंसलटेंसी से सेल टैक्स जमा करने वाले व्यवसायियों की बढ़ी परेशानी
लापरवाही. विभाग के पास पिछले टैक्स की जानकारी नहीं हो रही उपलब्ध मधुबनी : सेल टैक्स कंसलटेंसी के माध्यम से कर जमा करने के कारण व्यवसायियों के साथ साथ विभाग की भी परेशानी बढ़ गयी है. अब जो व्यवसायी खुद ही टैक्स जमा करने जा रहे हैं, उनके बीते टैक्स का कोई डिटेल ही विभाग […]
मधुबनी : सेल टैक्स कंसलटेंसी के माध्यम से कर जमा करने के कारण व्यवसायियों के साथ साथ विभाग की भी परेशानी बढ़ गयी है. अब जो व्यवसायी खुद ही टैक्स जमा करने जा रहे हैं, उनके बीते टैक्स का कोई डिटेल ही विभाग में उपलब्ध नहीं हो रहा है. न तो व्यवसायी को अपने फार्म का वह आईडी पता है जिससे उनका टैक्स कंसलटेंसी ने जमा किया था. और ना ही पासवर्ड. अब विभाग के सिस्टम पर उनके फार्म के द्वारा टैक्स का डिटेल नहीं मिलने से उनके टैक्स का अद्यतन रिपोर्ट ही नहीं मिल रहा.
व्यवसायियों का गलत आइडी से भरा जीएसटी
वाणिज्य कर विभाग ने वैसे 24 प्रैक्टिसनर को चिन्हित किया है जो व्यवसायी के बदले में अपने अलग अलग आइडी बनाकर रिटर्न भरा करते हैं. फेक आइडी रहने के कारण व्यवसायी को कार्यालय में पूर्व में भरी गयी रिटर्न की राशि जब नहीं दिखी तो व्यवसायी संबंधित सेल टैक्स प्रैक्टिसनर के पास दौड़ लगा रहे हैं. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 327 वैसे व्यवसायी का चयन किया गया है. जिसका इमेल आईडी गलत है. इन व्यवसायियों को दुबारा टैक्स जमा करना होगा, या जमा किये हुए टैक्स का व्योरा कार्यालय में जाकर जमा करना होगा. ताकि उसको दुरुस्त
किया जा सके. जमा टैक्स रिपोर्ट नहीं मिलने से विभाग को भी परेशानी हो रही है.
विभाग के पास 327 व्यवसायियों का नहीं है टैक्स संबंधी कोई जानकारी
कंसलटेंसी कर रहे व्यवसायी के बदले में अपने अलग-अलग आइडी का उपयोग
विभाग से नहीं मिल रही टैक्स की जानकारी
विभाग के पास जिले के 327 व्यवसायियों का कोई संपर्क नंबर या जानकारी नहीं है जिस कारण समय पर टैक्स का भुगतान करने, विभाग की योजनाओं से व्यापारियों को अवगत कराने में अधिकारियों को परेशानी हो रही है. वहीं व्यवसायी द्वारा अब तक विभाग को यह लिखित में नहीं दिया जा सका है कि जिस कंसलटेंसी के माध्यम से कर का भुगतान किया जा रहा है
वे उसके लिये उनके द्वारा अधिकृत किये गये हैं. ऐसे में अब व्यापारियों को अपने टैक्स की जानकारी विभाग से नहीं मिल रही है. वे पूरी तरह से कंसलटेंसी के उपर ही निर्भर हो गये हैं. इधर, कंसलटेंसी के द्वारा अधिकांश व्यापारियों के मेल आइडी व मोबाइल नंबर में उनका अपना नंबर डाला जा रहा है. जिससे विभाग को यह पता ही नहीं चल रहा कि आइडी द्वारा भरे गये टैक्स किस व्यवसायी का है.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट प्रैक्टिसनर, अधिवक्ता, मुंशी, व्यापारियों का रिटर्न भरने के समय अपना आइडी डालकर अपने पासवर्ड से रिटर्न भर रहा था. जब व्यापारी विभाग में जाकर अपना रिटर्न भरने की कोशिश की तो प्रैक्टिसनर द्वारा दिये गये पासवर्ड पर संबंधित व्यवसायी का आइडी नहीं खुल रहा. जिस कारण व्यापारी को रिटर्न भरने में काफी परेशानी हो रही है. व्यवसायी जब आइडी मांगने कंसलटेंसी के पास जा रहे हैं तो तो कंसलटेंसी गलत आइडी देकर व्यवसायी को भरमा रहे है.
विभाग ने दिया सुझाव
उक्त परेशानी से निजात पाने के लिये अब व्यवसायी के सामने एक विकल्प का सुझाव विभाग ने दिया है. वाणिज्य कार उपायुक्त ने बताया है कि वैसे व्यवसायी जो कार्यालय द्वारा सीधे तौर पर अपना टैक्स भुगतान करना चाहते हैं, वे रिटर्न भरने से पहले कार्यालय में आधार कार्ड, पेन कार्ड के साथ मोबाइल नंबर देकर नया आईडी बनाना पड़ेगा तब ही उक्त व्यवसायी का रिटर्न जमा हो सकता है.
बिचौलियों के फेर में नहीं पड़ें व्यवसायी
वैसे तो सभी व्यवसायी को सीधा कार्यालय में आकर परामर्श केंद्र में अपना निबंध कराना चाहिए. किसी प्रैक्टिसनर व बिचौलिया के फेर में नहीं पड़ना चाहिए. श्री शर्मा ने बताया कि अगर व्यवसायी प्रैक्टिसनर के नाम से आवेदन देकर शिकायत करते हैं तो उक्त प्रैक्टिसनर को विभाग द्वारा दंडित किया जायेगा और अनुज्ञप्ति भी ले ली जायेगी. श्री शर्मा ने बताया कि प्रत्येक दिन विभाग द्वारा रिटर्न कैसे भरे यह विभिन्न माध्यम से बताया जा रहा है. फिर भी व्यवसायी इस तरह का काम करते है. उन्होंने सभी व्यवसायी को सीधा विभाग में आकर अपना रिटर्न सबंधी जानकारी लेने का सुझाव दिया है.
देवानंद शर्मा, वाणिज्य कर उपायुक्त
फार्म का रजिस्ट्रेशन खुद कार्यालय जाकर करें व्यवसायी
व्यवसायी भले ही टैक्स का भुगतान कंसलटेंसी के माध्यम से करें. पर अपने फार्म का रजिस्ट्रेशन खुद ही कार्यालय में जाकर करें और अपना आईडी लें. कहा कि चैंबर इसके लिये विशेष तौर पर जागरुकता कार्यक्रम भी चलायेगी और जो गलत तरीके से कंसलटेंसी चला रहे हैं या व्यवसायी के टैक्स जमा करने में अपने आईडी का उपयोग कर रहे हैं उनके खिलाफ विभाग में लिखित रूप में शिकायत करेगी ताकि ऐसे कंसलटेंट पर कार्रवाई हो.व्यवसायियों से अपील की है वे अपने टैक्स का रजिस्ट्रेशन खुद से करें. ताकि बाद में परेशानी नहीं आये.
नवीन कुमार जयसवाल, मिथिलांचल चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष
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