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दुर्घटनावाली पांच जगहों को विभाग ने माना ब्लैक स्पॉट

हर साल पांच सौ से अधिक लोगों की दुर्घटना में मौत मधुबनी : जिले भर में पांच स्पॉट ऐसे चिन्हित किये गये हैं जहां पर अधिकांशत: सड़क हादसे होते रहे हैं. विभाग इस जगह को ब्लैक स्पॉट की संज्ञा दी है. ये ऐसे जगह हैं जहां पर जिले भर में सबसे अधिक घटनाएं घटी है. […]

हर साल पांच सौ से अधिक लोगों की दुर्घटना में मौत

मधुबनी : जिले भर में पांच स्पॉट ऐसे चिन्हित किये गये हैं जहां पर अधिकांशत: सड़क हादसे होते रहे हैं. विभाग इस जगह को ब्लैक स्पॉट की संज्ञा दी है. ये ऐसे जगह हैं जहां पर जिले भर में सबसे अधिक घटनाएं घटी है. अब विभाग ने ब्लैक स्पॉट के माध्यम से इन चिन्हित जगहों पर सुरक्षा व दुर्घटना को रोकने के दिशा में पहल शुरू की है. इसे दूर करने के निर्देश भी दिये गये हैं. अगर दुर्घटना से मौत के आंकड़ों पर नजर दिया जाय तो यह चौंकाने वाली है. प्रदेश भर में सर्वाधिक सड़क दुर्घटना में मौत मधुबनी में होती है. यहां प्रतिदिन तीन से चार लोगों की मौत होती थी. वहीं अब शराबबंदी के बाद 2 से तीन लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो रही है. वहीं प्रदेशभर में प्रतिदिन 40 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है. जिसमें अब कमी आयी है.
हाइवे बना है मौत जोन. पिछले एक साल में 500 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में नेशनल हाइवे,स्टेट हाइवे जिला स्तरीय सड़कों सहित अन्य सड़कों पर हुई है. साथ ही सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं. और ये सारी दुर्घटना ब्लैक स्पॉट वाले स्थानों पर हुई है. इसका खुलासा सड़क सुरक्षा समिति के बैठक में हुई है.
ब्लैक स्पॉट घोषित करने के ये हैं नियम. ब्लैक स्पॉट घोषित करने के कुछ नियम हैं. दो तरह के होते हैं ब्लैक स्पॉट. इनमें पहला लगातार तीन सालों तक जिन सड़कों पर 500 मीटर के स्ट्रैच पर पांच या उससे ज्यादा सड़क दुर्घटना के मामले सामने आया हो. इसमें गंभीर रूप से घायल या किसी व्यक्ति की मौत हुई हो. ऐसे हालत में उक्त प्वाइंट को ब्लैक स्पॉट घाेषित किया जा सकता है. दूसरा है, सड़क के पांच सौ मीटर के स्ट्रैच पर तीन सालों में कम से कम दो दुर्घटना हुई हो. जिसमें दस लोगों की मौत हुई हो. ऐसे खतरनाक प्वाइंट को ब्लैक स्पॉट घोषित किया जा सकता है.
जिले में चिन्हित किये गये ब्लैक स्पॉट
जिले में पांच ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये है. इसमें सदर अनुमंडल क्षेत्र में दो जगह चिन्हित है. रहिका प्रखंड स्थित पौना मोड़ के निकट 90 डिग्री का अंधा मोड़, राजनगर के बेलवाड़ मुनवा पोखर के निकट. झंझारपुर अनुमंडल के पिपराही संग्राम बाजार के निकट. बेनीपट्टी अनुमंडल के शोयली मोड़ के निकट. फुलपरास अनुमंडल के एनएच-57 के भुतहा चौक के पास.
ड्राइविंग बना दुर्घटना का कारण
सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट पुलिस द्वारा सौंपी जाती है. इसके बाद एक्सपर्ट कमेटी स्पॉट का विजिट करती है. नियम के मुताबिक सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण ब्लैक स्पॉट ही नहीं होता, बल्कि रैश ड्राइविंग भी है. ऐसे में हम कह सकते हें कि लापरवाही सरकार की ही नहीं चालकों की भी होती है.

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