12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सामा खेले चलली हे बहिनों …

मधुबनी : मिथिलांचल में भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला पर्व सामा चकेबा भी छठ बीतने के बाद ही शुरू हो गया. गांव के गलियों से सामा चकेबा का लोकगीत रातों को गूंजने लगा है. बहन भी मिट्टी लाकर रंग बिरंगे सामा, चकेबा, चुगला, सतभैंया, ढोलिया, बजनियां, बिहुली, बृंदावन बनाने लगी हैं. […]

मधुबनी : मिथिलांचल में भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला पर्व सामा चकेबा भी छठ बीतने के बाद ही शुरू हो गया. गांव के गलियों से सामा चकेबा का लोकगीत रातों को गूंजने लगा है. बहन भी मिट्टी लाकर रंग बिरंगे सामा, चकेबा, चुगला, सतभैंया, ढोलिया, बजनियां, बिहुली, बृंदावन बनाने लगी हैं. रातों को बहनों की टोली घर से गीत गाते हुए बाहर निकलती है और फिर महिलाओं की टोली भी इन बहनों की टोली में शामिल होकर हास्य विनोद करते हुए सामा खेलती है. देर रात तक सामा चकेबा का खेल खेला जाता है. यह पर्व भाई के आयु बढाने के लिये किया जाता है.

पूर्णिमा के दिन होगा विसर्जन. सामा-चकेबा का विसर्जन पूर्णिमा के दिन होगा. इस दिन बहने कई पारंपरिक गीत गाती हैं. लोक गीत, सोहर- समदाउन के साथ सामा का विसर्जन जुते हुए खेत में किया जाता है. इससे पूर्व सामा-चकेबा को भाई तोड़ते हैं. फिर चुगला को जला कर सामा का विसर्जन किया जाता है. इस दौरान सामा को बेटी मानते हुए उसे ससुराल जाने के लिये हर सामग्री में खोंइचा दिया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें