मधुबनी : नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण जिले की नदियां उफनायी हुइ हैं. कोसी, कमला, भूतही बलान सहित सभी नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. प्रशासन के अनुसार करीब चार लाख 29 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. 49 पंचायतें पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं. जबकि 92 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं. पिछले दो दिनों में जिले के अलग-अलग जगहों पर बाढ़ के पानी में डूबने से सात लोगों की मौत हुई है.
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बसैठ के पास महाराजी तटबंध का रिंग बांध टूटा
मधुबनी : नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण जिले की नदियां उफनायी हुइ हैं. कोसी, कमला, भूतही बलान सहित सभी नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. प्रशासन के अनुसार करीब चार लाख 29 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. 49 पंचायतें पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं. […]
इधर, बेनीपट्टी में सोमवार की शाम को करीब 5 बजे के आस-पास बसैठ हाई स्कूल के पास बने रिंग बांध पर पानी के दबाब बढ़ने के कारण रिसने लगा और तीन भागों में करीब 200 मीटर की दूरी में टूट गया. इससे पश्चिमी इलाकों में कोहराम मच गया. पानी का तेज धारा देखते ही देखते बसैठ, चानपुरा, मेघवन, शिवनगर, अग्रोपट्टी, बर्री, रजघट्टा, विशनपुर आदि गांवों को अपने आगोश में ले लिया. बाढ़ ने कुछ ऐसा कहर ढ़ाया कि अधिकतर लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला.
वहीं 8 बजे नजरा गांव के पास धौंस नदी का भी तटबंध टूट गया और रानीपुर, नजरा, पाली, सोईली, बनकट्टा, दामोदरपुर, बेतौना, करहारा, समदा, करहारा, सोहरौल, विरदीपुर, सिमरकोन, जगत व बेहटा समेत अन्य गांवों में भी
बसैठ के पास
बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा. मंगलवार की सुबह होते होते नदियों के तटबंध कई जगहों पर टूट गया और पानी का सैलाव उमड़ पड़ा.
सैकड़ों ने ली एनएच-57 पर शरण
भूतही नदी का पानी करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में फैल गया है. सैकड़ों लोगों ने एनएच-57 पर शरण ले रखी है. प्रशासन ने जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. वहीं सभी विद्यालय 19 अगस्त तक के लिये बंद कर दिये गये हैं. कोसी व कमला नदी के तटबंधों में कई जगहों पर रिसाव हो रहा है. लोग तटबंध पर ही शरण लिये हुए है. राहत वितरण काम काफी धीमा है. लौकही प्रखंड में स्थिति सबसे खबरा बतायी जा रही है. बाढ़ से प्रभावित बनगामा, अंधरामठ, धनछीहा, महादेवमठ, सैकड़ों लोगों को तीन दिन से भोजन पानी नहीं मिल पा रहा है.
इधर, विधायक लक्ष्मेश्वर राय के पहल पर कुछ जगहों पर राहत वितरण का काम शुरू किया गया. पर अभी भी स्थित विकराल बनी हुई है. कइ गांवों का संपर्क सड़क टूट जाने के कारण मुख्यालय से भंग हो चुका है. लोग राहत के लिये तरस रहे हैं. भूतहा कुनौली मुख्य सड़क पर सैकड़ों परिवारो ने बनगामा, धनछीहा, अमचीरी, नेमुआ, राजारामपटी, डुमरा, धवौली, दुधैला, नरेन्द्रपुर, धरहरा, सहित दर्जनों गांवों के लोग करीब चार किलोमीटर में सड़क पर आश्रय स्थल बना कर रह रहे हैं. वहीं बिस्फी के दस पंचायत के विभिन्न गांवों में पानी घुस जाने से लोग बेहाल हैं. जगवन पूर्वी एव पश्चिमी पंचायत, चहुटा, रधौली, बलहा, सदुल्लाहपुर, सिगिया पूर्वी, रथौस, परसौनी उतरी पंचायत के गांव को कमला एव धौस नदी के पानी ने चारों ओर से घेर लिया है. प्रखंड एव अनुमंडल जाने वाली सड़क मिल्लत चौक, रमुनिया, बलहा, बैगरा मे टूट गयी है. जिससे लोगो का आना जाना बंद हो गया है. रधौली के पास महराजी बांध टूट जाने से कई गांव मे पानी चला गया है. कई पंचायत के लोग कमतौल स्टेशन, सड़क, बलहा पुल, परसौनी भूतनाथ विद्यालय सहित कई विद्यालयों में शरण ले रखी है.
बाढ़ ने मचायी तबाही, दरभंगा में आधा दर्जन स्थानों पर टूटा नदियों का तटबंध
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