जलजमाव . भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जलमग्न हुआ इलाका
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सड़क पर दो-तीन फुट लगा पानी
जलजमाव . भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जलमग्न हुआ इलाका मधुबनी : बीते गुरुवार की देर रात से शुक्रवार के दिन भर लगातार हुई झमाझम बारिश ने लोगों के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. एक ही रात में इस कदर बारिश हुई कि शहर में एक बार फिर से बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी […]
मधुबनी : बीते गुरुवार की देर रात से शुक्रवार के दिन भर लगातार हुई झमाझम बारिश ने लोगों के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. एक ही रात में इस कदर बारिश हुई कि शहर में एक बार फिर से बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है. मधुबनी से दरभंगा जाने वाली मुख्य पथ में जलधारी चौक, बस स्टैंड के समीप करीब चार फुट तक पानी जमा हो गया है. जिस कारण नाला, सड़क और तालाब का पता ही नहीं चल रहा. इस पथ पर अंजान लोगों के लिये यात्रा करना खतरनाक बन गया है.
शहर में प्राय: हर मुहल्ले में घरों में पानी घुस गया है. ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले सैकड़ों लोग अपने अपने घरों को छोड़कर या तो दूसरे मंजिल पर शरण ले रहे हैं या फिर अपने परिचित के पास चले गये हैं. वहीं आदर्शनगर, विनोदानंद कॉलोनी के दर्जनों परिवार पलायन करने की स्थिति में आ गये है. घरों में दो से तीन फुट तक पानी जमा है.
आवाजाही पूरी तरह बाधित हो चुका है. इसका असर हर चीज पर देखा जा रहा है. शहर के बीचोबीच स्थित वाट्सन स्कूल के मैदान में करीब चार फुट तक पानी जमा हो गया है.
आफिसर कॉलोनी जलमग्न . आफिसर कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों की परेशानी बढ़ गयी है. इस कॉलोनी के निचले फ्लोर में रहने वाले अधिकांश अधिकारियों ने अपना घर खाली करने वाले हैं. एसडीओ, एसपी आवास सहित अन्य अधिकारियों के आवासीय परिसर में पानी जमा हो गया है. सबसे अधिक परेशानी छोटे छोटे बच्चों व महिलाओं को हो रही है. चापाकल पानी में डूब गया है. अधिकारियों से लेकर आम लोगों तक इससे परेशान हैं.
यक्ष्मा कार्यालय में घुसा पानी. जल-जमाव की समस्या से लोग अभी उबड़ने की कोशिश में लगे ही थे, कि विगत दो दिनों से हुई मूसलधार बारिश से एक बार फिर शहर पानी-पानी हो गया. आलम ये रहा कि बारिश के बाद सदर अस्पताल के जिला यक्ष्मा कार्यालय में पानी प्रवेश कर गया और पानी में ही कर्मियों द्वारा अपने कार्य को संपादित करना पड़ा. सबसे बुरा हाल सदर अस्पताल स्थित एएनएम प्रशिक्षण विद्यालय का हैं. जहां एएनएम को प्रतिदिन घुटने से उपर पानी को पार करते हुए अपनी ड्यूटी के लिए आना-जाना पड़ता हैं. जिस कारण कई एनएम को जल-जनित बीमारियों से दो चार होना पड़ रहा हैं.
सभी नाले हैं जाम. सदर अस्पताल के जल निकासी के लिए चारों तरफ का नाला वर्षो से जाम हैं. लिहाजा जल निकासी एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं. नप प्रशासन द्वारा बारिश होने के बाद नाला की सफाई कार्य करवाया जाता हैं जो महज एक खाना पूर्ति भर ही साबित होता हैं. सदर अस्पताल में जल जमाव का आलम यह है कि मरीज व चिकित्सकों को भी पानी पार कर ही ओपीडी जाना पड़ता हैं. ऐसे में मरीजों की स्थिति का सहज ही आकलन लगाया जा सकता हैं.
जिले में 80.6 एमएम हुई बारिश
कृषि विभाग के अनुसार गुरुवार की रात से शुक्रवार के सुबह तक 80 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी है.
प्रखंडवार वर्षापात
रहिका : 125.4
पंडौल : 110.6
राजनगर : 136.4
खजौली : 42.6
बाबूबरही : 72.0
कलुआही : 98.2
जयनगर : 57.6
लदनियां : 30.0
बासोपट्टी : 88.4
बेनीपट्टी : 54.0
बिस्फी : 104.2
मधवापुर : 51.4
हरलाखी : 45.6
झंझारपुर : 96.0
मधेपुर : 85.6
लखनौर : 66.6
अंधराठाढी: 74.0
फुलपरास: 68.2
मधुबनी िजला
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