सकरी/पंडौल : सावन का महीना महादेव की पूजा-अाराधना के दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है. इस बार सावन का महीना भक्तों के लिए दशकों बाद महज एक संयोग ही है, जब श्रावण मास का पहला दिन ही सोमवार पड़ रहा है और साथ ही सावन का अंतिम दिन भी सोमवार ही है.ज्योतिर्विदों के मुताबिक […]
सकरी/पंडौल : सावन का महीना महादेव की पूजा-अाराधना के दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है. इस बार सावन का महीना भक्तों के लिए दशकों बाद महज एक संयोग ही है, जब श्रावण मास का पहला दिन ही सोमवार पड़ रहा है और साथ ही सावन का अंतिम दिन भी सोमवार ही है.ज्योतिर्विदों के मुताबिक ऐसा संयोग कई दशक बाद बनता है. सावन का पहला दिन ही सोमवार होने से इसका महत्व कई गुणा बढ़ गया है.सावन के महीने की शुरुआत आगामी 10 जुलाई से हो रही है.
श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन सोमवार है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि श्रावण का मास बहुत ही पुण्यकारी होता है. सौभाग्य से इस वर्ष तिथि व वार के अद्भुत संयोग से पहले दिन से ही महादेव के भक्तों को व्रत एवं पूजन का अवसर मिलेगा.जिस कारण महादेव की विशेष कृपा भक्तों पर बरसेगी. सावन का महीना इस बार अनंतगुना पुण्य प्रदान करेगा. महादेव को सोमवार का दिन प्रिय है और इस दिन ही सावन माह का पहला दिन व अंतिम दिन सोमवार होने से महादेव के भक्तों के लिए अति उत्तम होगा.
29 दिनों का है सावन. सावन माह 10 जुलाई से 7 अगस्त तक रहेगा. इस बार सावन में पांच सोमवार है. पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई व पांचवां व अंतिम सोमवार का दिन 7 अगस्त को है. तिथियों के घटने के कारण इस बार सावन का महीना 29 दिन का पड़ रहा है.
भक्ति में शक्ति. भवानीपुर स्थित बाबा उग्रनाथ महादेव मंदिर के पुजारियों ने बताया कि श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है.
इस माह में प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने वाले व्यक्ति को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है. श्रावण मास के विषय में प्रसिद्ध एक पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण मास के सोमवार व्रत जोभी व्यक्ति करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. इन दिनों किया गया दान पुण्य एवं पूजन समस्त ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के समान फल देने वाला होता है. वैवाहिक जीवन की लम्बी आयु और संतान की सुख-समृद्धि
के लिए मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.