मधुबनी : सदर अस्पताल में एक ओर जहां मरीजों के नाम पर सुविधा के लिये कई मशीन व उपकरण लगाये जा रहे हैं. इसके आड़ में व्यापक तौर पर लूट खसोट भी किये जाने की बात हो रही है. मरीजों से समय से इलाज मुहैया हो और उनकी जान बचायी जा सके. इसके लिए एंबुलेंस भी दिया गया. पर, आज आलम यह है कि मरीजों को यह सुविधा देने में अस्पताल प्रबंधन लापरवाही बरत रही है. सालभर में जितने मरीज आते हैं उसकी एक चौथाई मरीजों को भी इसका लाभ नहीं मिल पाता है. खासकर प्रसव को आनेवाले मरीजों के साथ इसमें और अधिक लापरवाही बरती जाती है. .
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खर्च करोड़ों में, सुविधा नदारद
मधुबनी : सदर अस्पताल में एक ओर जहां मरीजों के नाम पर सुविधा के लिये कई मशीन व उपकरण लगाये जा रहे हैं. इसके आड़ में व्यापक तौर पर लूट खसोट भी किये जाने की बात हो रही है. मरीजों से समय से इलाज मुहैया हो और उनकी जान बचायी जा सके. इसके लिए एंबुलेंस […]
मात्र 12731 लोगों को मिला एंबुलेंस का लाभ : सदर अस्पताल सें मिली जानकारी के अनुसार, बीते साल 16- 17 में जिले में सदर अस्पताल सहित स्वास्थ्य संस्थानों में मात्र 12 हजार 731 लोगों को ही एंबुलेंस का लाभ दिया जा सका है, जबकि यदि बात प्रसूता की करें, तो सालभर में इनकी संख्या 55 हजार 764 है. सदर अस्पताल सहित जिलेभर में 55 हजार 764 प्रसव हुआ. इसी प्रकार इमरजेंसी व अन्य वार्डों में आये मरीजों की संख्या हजारों में है. इन सभी मरीजों में से 12 हजार 731 मरीज ही भाग्यशाली रहे, जिन्हें अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराया.
सालभर में खर्च हुए 2.33 करोड़ : मरीजों को एंबुलेंस का लाभ देने में भले ही अस्पताल प्रबंधन कोताही बरते, पर खर्च करने में कहीं कोताही नहीं है. इस प्रकार से खर्च के आंकड़े हैं वह इसमें व्यापक तौर पर गड़बड़ी की आशंका जता रहे हैं. जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार एंबुलेंस मद में बीते एक साल में दो करोड़ 33 लाख 98 हजार 745 रुपये खर्च किया गया. जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में 27 एंबुलेंस कार्यरत है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में उक्त एंबुलेंस के रखरखाव जैसे ड्राइवर, इएमटी, इंधन आदि पर कुल 2 करोड़ 33 लाख 98 हजार 745 रुपया खर्च किया गया. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इसमें अभी भी कई एंबुलेंस एक सर्विसिंग सेंटर में बीते कई माह से पड़ा हुआ है. इसके बाद भी इन एंबुलेंस के नाम पर खर्च किया जा रहा है.
एक एंबुलेंस पर 8.66 लाख खर्च : प्रति वर्ष एक एंबुलेंस पर 8 लाख 66 हजार 620 रुपये का व्यय किया जाता है, जबकि एक एंबुलेंस द्वारा एक वर्ष में महज 471 प्रसूता को सेवा मुहैया कराया गया. इस हिसाब से प्रति माह प्रति एंबुलेंस 72 हजार 218 रुपया का खर्च आता है, जबकि प्रति माह एंबुलेंस द्वारा महज 39 लाभुकों को ही सुविधा उपलब्ध हो पाया है. आंकड़ों पर गौर करें, तो एक एंबुलेंस द्वारा प्रतिदिन महज एक या दो लाभुकों को ही सेवा उपलब्ध हो पाता है. ऐसे में प्रतिदिन एक एंबुलेंस पर 2 हजार 407 रुपये व्यय किया जाता है.
नहीं मिलता मरीजों को एंबुलेंस का लाभ
वित्तीय वर्ष 16-17 में 12 हजार को ही मिला एंबुलेंस का लाभ, एक साल में 2.33 करोड़ हुए खर्च
एंबुलेंस सेवा की बेहतर सुविधा के लिए नये ठेकेदारों द्वारा अनुबंध किया गया है. इसके बाद अधिक से अधिक लाभुकों को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करायी जायेगी.
डाॅ आरडी चौधरी, प्रभारी सीएस, मधुबनी
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