मधुबनी : मुख्य पार्षद के चुनाव को लेकर भी राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. शहर में वर्तमान मे तीन खेमा मुख्य पार्षद के चुनाव को लेकर शतरंज की विसात बिछा चुके हैं. इन खेमा के द्वारा जीतने की उम्मीद वाले प्रत्याशियों से संपर्क साधने का दौर भी चुनाव संपन्न होने के साथ ही शुरू हो गया था. जो अंतिम समय तक जारी रहा.
चुनाव परिणाम बीते 23 मई को आ गया था. पर इसके साथ ही मुख्य पार्षद के दौर मे शामिल होने वाले पार्षद व उनके समर्थकों का खेमेवाजी व नव निर्वाचित पार्षदों को अपने पक्ष में करने की राजनीति भी शुरू हो गयी. कई पार्षद कभी इस पक्ष में तो कभी दूसरे पक्ष में आते जाते रहे. जिस कारण मुख्य पार्षद के चुनावी मैदान में डटे पार्षद भी अंतिम समय तक यह दावा नहीं कर सके कि उनके पक्ष में कितने पार्षद हैं. हर खेमा अपने अपने पक्ष को मजबूत करने का दावा करतें रहे.
नव पार्षदों को लुभाने का हर तरीका अपनाया गया. होटलों से लेकर कई पर्यटक स्थल तक की सैर करायी गयी. सबसे अधिक दिलचस्प खेल गुरूवार के दिन व रात भर होती रही. हर खेमा अपने अपने पक्ष के पार्षदों को अपने अपने तरीके से होटलों व अन्य जगहों नर जमा किया. जिसे चुनाव के दौरान ऐन मौके पर सदन में पेश किया जायेगा.
तीन खेमा कर रहा मुख्य पार्षद को लेकर राजनीति : बाजार के राजनीतिक सूत्रों व नप के राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों की मानें तो नप चुनाव में मधुबनी के मुख्य पार्षद की कुर्सी को लेकर तीन खेमा में शहर बंटा हुआ है. तीनो खेमा चुनाव परिणाम आने के साथ ही दांव पर दांव चल रहे हैं. शतरंज की विसातें बिछा दी गयी हैं. इसमें एक खेमा वर्तमान सत्ताधारी का है. जिन्होंने पहले भी कई दिग्गज को पटखनी देकर अपनी राजनीतिक दांव का लोहा मनवा लिया था. आज भी इनके राजनीतिक दांव पेंच बरकरार है. इस चुनाव में ये पूरे जोश व दांव पेंच के साथ मैदान में डटे हैं.
दूसरा खेमा सालों से नप व मधुबनी की राजनीति के गुरू कहे जाने वाले व्यक्ति का है. जानकार कहते हैं कि नप की राजनीति इन्ही के दरवाजे से शुरू होती है, पत्ता भी खड़कता है तो इस खेमा को पता पहले ही होती है. इस खेमा को भी सशक्त माना जा रहा है. हालांकि बीते कुछ सालों में राजनीतिक गलियारें में कदम रखने वाले कुछ नये खिलाड़ी ने इन्हें जरूर छकाया है. कुछ जगहों पर बुरी तरह से पटकी मार कर इनके पाले से गेम को अपने पक्ष में कर लिया है. पर आज भी इनका लोहा पूरा शहर ही नहीं पूरा जिला मानता है. कहते हैं कि जिस प्रत्याशी के उपर इनका हाथ हो जाये तो फिर विरोधी खेमा में हलचल हो जाती है. दूसरों के लिये जीतना इतना आसान नहीं रह जाता .
इस खेमा के द्वारा दो – दो प्रत्याशियों को मुख्य पार्षद का आशीर्वाद दिये जाने की बात बाजार में हो रही है. सूत्रों का कहना है कि ऐसा इसलिये है कि यदि एक प्रत्याशी पर चली गयी दांव कुछ भी ढीला या कमजोर दिखा तो तुरंत पास पलटते हुए दूसरे प्रत्याशी पर भी दांव भरने की तैयारी हो चुकी है. सूत्रों का कहना है ये खेमा हर हाल में अपनी बादशाहत को कायम रखना चाहते हैं. ऐसा इसलिये भी कि बीते कुछ सालों में इनको कई बार दूसरों ने पटकनी दी है. जिसका इस बार बदला लेने की हर संभव कोशिश करेंगे.
तीसरा खेमा हाल ही में चर्चा में आया है. बीते जिला परिषद चुनाव में तीसरा खेमा उभर का सामने आया. ऐसी चाल चली की ना सिर्फ जिला परिषद की राजनीतिग गलियारें में अपनी झंडा गाड़ दी बल्कि शहर भर में कइ दिग्गजों को पटकनी दे दी. कहा तो यहां तक जाता है कि दूसरा खेमा जिसे गुरू माना जा रहा है, उसे कई दिनों तक जिप की राजनीति की हार पचाने में लग गये थे. इस बार भी ये दोनों आमने सामने हैं. नप के मुख्य पार्षद को लेकर राजनीतिक दांव पेंच काफी दिलचस्प होने के आसार दिख रहा है.
चार पुराने चेहरों ने बचायी अपनी कुर्सी, 26 कुर्सी नये चेहरे ने लपकी : नगर परिषद का चुनाव परिणाम इस बार काफी चौंकाने वाला और अप्रत्याशित रहा. 30 वार्ड में से 26 नये चेहरे ने चुनाव में जीत हासिल की है. मात्र चार पुराने चेहरे अपनी प्रतिष्ठा को बचाने में कामयाव हो सके. इसमें वार्ड एक से जयशंकर साह, वार्ड चौदह से सुनीता देवी, उन्नीस से सुभाष चंद्र मिश्रा तो वार्ड 28 से निवर्तमान मुख्य पार्षद खालिद अनवर शामिल हैं जो लगातार अपनी जीत हासिल की है. इसमें सुभाष चंद्र मिश्रा एवं खालिद अनवर ही दो ऐसे पार्षद हैं जिन्हें जनता ने चार बार जीत का आशीर्वाद दिया है. इसके अलावे अन्य 26 नये चेहरे हैं.
शहर भर में रहेगी गश्ती : शहरी गश्ती थाना चौक से कोतवाली चौक, अनुमंडल पदाधिकारी सदर के कार्यालय की ओर जाने वाली मोड़ पर ड्राप गेट लगेगा, यहां वरीय उपसमाहर्ता विनोद शंकर सिंह, दंडाधिकारी एवं एसआई मृत्युंजय मिश्रा, एसबीआई मोड़ पर ड्राप गेट पर अभिषेख रंजन दंडाधिकारी एवं एसआई अशोक कुमार सिंह की प्रतिनियुक्त की गई है. एसडीओ सदर अभिलाषा कुमारी शर्मा को जिला मुख्यालय के विधि व्यवस्था का संपूर्ण प्रभार दिया गया है.