चौसा: चौसा में श्रद्धालुओं ने बाबा बिशु की समाधि स्थल बने पिंड पर दुग्धाभिषेक और गांजा का चढ़ावा चढ़ाया. पशु के लोक देवता के रूप में विख्यात बाबा बिशु के समाधि स्थल पर गाय का पहला कच्चा दुग्ध ही चढ़ाया जाता है. चौसा के एेतिहासिक व धार्मिक महत्व के अतिरिक्त इस मेले का अपना एक विशेष महत्व है. तीन दिन तक यह मेला विधिवत वस्तुओं व पशुओं से जुड़े समाग्री करें क्रय-विक्रय का विशाल केंद्र बना रहता है. यहां बिहार के अलावे अन्य प्रदेश से व्यापारी पहुंचते हैं. पचरासी मेला इस राज्य का एक समाज व संस्कृति केंद्र भी हैं. मेले में कुश्ती, पतंग बाजी की प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी. जो मेले का एक आकर्षण का केंद्र बिंदु है. मेले में पशुओं की घाटी रस्सी लोहा फर्नीचर आदि की दुकानों में लंबी लंबी कतार और सजावटी देखने को मिली.
बढ़ती भीड़ को लेकर नौ पुलिस पोस्ट का गठन : मेले में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर इस बार पुलिस-प्रशासन के द्वारा भी व्यापक बंदोबस्त किये गये हैं. बता दें कि निर्जन स्थान पर लगने वाले इस मेले के चारों तरफ वर्तमान में दूर-दूर तक फैले हजारों एकड़ भूमि में लगे मक्का की फसल लहलहा रही है. मक्के की फसल की वजह से यह इलाका अपराधियों की शरणस्थली भी रहा है.
ऐसे में यहां मेले में जुटने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था भी प्रशासन के लिये चुनौती की तरह ही है. इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए इस बार पुलिस प्रशासन द्वारा अतिरिक्त नौ पुलिस पोस्ट का गठन कर पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है. इस अतिरिक्त पुलिस चौकी में महिला पुलिस सहित करीब 100 पुलिस बल ड्यूटी पर तैनात हो कार्य कर रहे हैं. चौसा थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ने बताया कि मेले के नियंत्रण के लिये प्रभारी पुलिस अधीक्षक सुरेश प्रसाद राम तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा को बतौर प्रभारी बनाया गया है.
इन जगहों पर हैं पुलिस की तैनाती :मेला पुलिस थाना प्रभारी के तौर पर नकुल कुमार कार्य कर रहे हैं. थानाध्यक्ष सिंह ने बताया कि मंदिर परिसर में चौसा थाना सहायक अवर निरीक्षक तेज नारायण सिंह, मंदिर के उत्तरी हिस्से में सहायक अवर निरीक्षक उपेंद्र कुमार सिंह, मेला परिसर में फुलौत ओपी सहायक अवर निरिक्षक बृजबिहारी राय, लौआलगान बाजार में सहायक अवर निरीक्षक ज्योतिष कुमार भगत, खोपड़िया मोड़ में सहायक अवर निरीक्षक हबीब उल्लाह अंसारी, लौआलगान मुखिया टोला में पुरैनी के थानाध्यक्ष राजेश कुमार, पकरा बासा मोड़ के समीप उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष, मंदिर के पश्चिमी हिस्से सिरोही रोड में ग्वालपाड़ा थानाध्यक्ष तथा मेला के विभिन्न मंदिरों में भारी भीड़ के नियंत्रण हेतु मुकुल कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है. सारे पुलिस पदाधिकारी आपस में ऑनलाइन जुड़े हुये हैं.
उमड़े जनसैलाब से यातायात जाम : मेले में उमड़े भारी भीड़ से यहां की यातायात व्यवस्था को बौना बना दिया है. मंदिर तक पहुंचने के लिये बने लौआलगान मार्ग खचाखच भीड़ की वजह से लोगों को परेशान होने को मजबूर करता दिख रहा है. बता दें कि यह पचरासीधाम चौसा प्रखंड अंतर्गत लौआलगान पंचायत से करीब तीन किलोमीटर दूर निर्जन स्थान पर स्थित है. यहां मेले तक पहुंचने के लिये अन्य वैकल्पिक मार्ग भी इस बार बनाये गये हैं. लेकिन लौआलगान से होकर आने वाला मार्ग ही सुरक्षा के लिहाज से अब तक मुख्य मार्ग के तौर पे लोगों द्वारा ज्यादा प्रयोग किये जाते रहे हैं.
मेला में विभिन्न प्रकार के खेल तमाशे : मेला में विभिन्न प्रकार के खेल तमाशे और खाने-पीने से संबंधित दुकाने सजी है. मौत का कुआ, जादूगर, टावर झूला, ड्रेगन ट्रेन, ब्रेकिंग डांस, जूला सहित कई प्रकार की दुकानें मेला का शोभा बढा रही है. जबकि महिलाओं के लिए घरेलू समान से संबंधित पूजा-पाठ के बर्तन, फर्नीचर और लोहे से जुड़ी सामग्री की दुकाने भी हैं. मेला में बिहार, झारखंड, नेपाल, बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से आये श्रद्धालुओं पहुंचे है. मेला समिति के द्वारा भव्य पंडाल, रोशनी, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, अग्निशमन, कंट्रोल रूम आदि की व्यवस्था की गई है.