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दोपहिया वाहनों के स्टॉक खत्म

बीएस-3 . भीड़ के आगे पस्त रहे वाहन विक्रेता, गिराना पड़ा शटर मधेपुरा : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह स्पष्ट करते ही कि एक अप्रैल से बीएस फोर मानक के इंजन वाली गाड़ियां ही वाहन निर्माता बेच सकते हैं. गुरुवार को शहर के विभिन्न वाहन शो रूम में गाड़ियों की कीमत में विशेष छूट की […]

बीएस-3 . भीड़ के आगे पस्त रहे वाहन विक्रेता, गिराना पड़ा शटर
मधेपुरा : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह स्पष्ट करते ही कि एक अप्रैल से बीएस फोर मानक के इंजन वाली गाड़ियां ही वाहन निर्माता बेच सकते हैं. गुरुवार को शहर के विभिन्न वाहन शो रूम में गाड़ियों की कीमत में विशेष छूट की घोषणा की गयी और ग्राहकों का हूजूम वाहन खरीदने के लिए उमड़ पड़ा.
आलम यह रहा कि जहां होंडा की बाइक व स्कूटर रात में ही खत्म हो गये. वहीं हीरो मोटर के बाइक दिन के एक बजे समाप्त हो गये. सभी बीएस थ्री मोटर बाइक व स्कूटर के खत्म होने के बाद भी ग्राहकों की भीड़ भटकती रही.
दोहपर से होंडा शो रूम का शटर गिरा, हीरो के सामने लगा रहा मेला : अग्रणी कंपनी हीरो ने जहां बाइक में 14 हजार तथा स्कूटी में 20 हजार की छूट दी. वहीं होंडा द्वारा बाइक में साढ़े 18 हजार तथा स्कूटी में 14 हजार की छूट दी गयी. जबकि टीवीएस द्वारा पांच हजार के साथ ट्रॉली बैग न्यूनतम छूट थी. अधिकतम 18 हजार स्कूटी में छूट दी गयी. आलम यह था कि शुक्रवार के दिन से ही होंडा के शो रूम के शटर बंद रहे. जबकि हीरो के सामने ग्राहकों का हुजुम मेला लगाये था. क्या आम, क्या खास सभी इस छूट में बाइक या स्कूटी लेने के लिए परेशान रहे.
डीटीओ कार्यालय का रहा सर्वर डाउन :डीटीओ कार्यालय मधेपुरा का सर्वर डाउन रहने के कारण सैकड़ों की तादाद में चलान नहीं कट सके. विभिन्न वाहन कंपनी के लोग चलान एवं फॉर्म के साथ लाइन लगाकर खड़े रहे. इसके बावजूद सर्वर की वजह से चलान जमा नहीं हो सका.
लोगों में संशय का माहौल रहा कि आगामी एक अप्रैल को बीएस थ्री वाहनों के चलान किस तरह जमा हो सकेंगे. हालांकि इस बाबत यह स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार शाम तक ही बीएस 3 मानकों की बिक्री की जा सकती है. हालांकि यदि कोई ग्राहक 31 मार्च को भी वाहन खरीदेगा तो वह उसका रजिस्ट्रेशन बाद में करा सकेगा. उसकी खरीद की तारीख 31 मार्च 2017 या इससे पहले की होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पूरे देश पर लागू है. बीएस के मायने एमिशन स्टैंडर्ड से है. बीएस यानी भारत स्टेज से पता चलता है कि आपकी गाड़ी कितना प्रदूषण फैलाती है.बीएस के जरिए ही भारत सरकार गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को रेगुलेट करती है.
बीएस मानक सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड तय करता है. देश में चलने वाली हर गाड़ियों के लिए बीएस का मानक जरूरी है. बीएस के साथ जो नंबर होता है उससे यह पता चलता है कि इंजन कितना प्रदूषण फैलाता है. यानी जितना बड़ा नंबर उतना कम प्रदूषण. भारत में एनसीआर और कुछ दूसरे शहरों में बीएस 4 लागू है. वैसे देश भर में बीएस 3 लागू है.

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