22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पहले मानव शृंखला में हुए शामिल फिर किया पिता का अंतिम संस्कार

शंकरपुर (मधेपुरा) : नशा जीवन में जहर घोल देता है. परिवार बरबाद हो जाते हैं. लोग टूट जाते हैं. इस तबाही से निजात दिलाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईमानदार पहल शुरू की तो उनके इस फैसले ने घरों को संवार दिया. लेकिन इस फैसले को कुछ लोग अपने कर्म से अमर […]

शंकरपुर (मधेपुरा) : नशा जीवन में जहर घोल देता है. परिवार बरबाद हो जाते हैं. लोग टूट जाते हैं. इस तबाही से निजात दिलाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईमानदार पहल शुरू की तो उनके इस फैसले ने घरों को संवार दिया. लेकिन इस फैसले को कुछ लोग अपने कर्म से अमर बना देते हैं. सुदूर गांव के एक नाम के ही दो लोगों ने एक जैसी स्थिति झेली और एक साथ एक अभूतपूर्व निर्णय लेकर मानव शृंखला को इतिहास में दर्ज कराने जैसी इबारत लिखी.

बरबादी से उबर कर फिर खुशहाल जिंदगी जी रहे परिवारों को देख कर अरविंद मंडल और अरविंद यादव ने शराबबंदी के समर्थन में बननेवाले मानव शृंखला को जीवन में इतना महत्वपूर्ण माना कि पिता की मृत्यु होने के बाद उनका अंतिम संस्कार करने से पहले मानव शृंखला में शामिल होना जरूरी समझा. एक बजे शृंखला का समय समाप्त होने के बाद वापस घर लौट कर अपने-अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित मौरा कबियाही पंचायत के वार्ड संख्या एक के निवासी हैं अरविंद मंडल. वहीं अरविंद यादव इसी पंचायत के वार्ड संख्या दो के निवासी हैं.

अरिवंद मंडल के पिता कपिलदेव मंडल का निधन शुक्रवार की रात हो गया. वे 82 वर्ष के थे. जबकि अरविंद यादव के 85 वर्षीय पिता रामनारायण यादव की मृत्यु शनिवार कीसुबह हो गयी. ये दोनों परिवार शराबबंदी के समर्थक हैं. दोनों बुजुर्ग नशा के घोर विरोधी थे. मुख्यमंत्री ने जब शराबबंदी की घोषणा की थी तो इन बुजुर्गों ने तहे दिल से नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया था. नशाबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को जब मानव शृंखला बनाकर दुनिया को शराबबंदी का संदेश देने की घोषणा हुई तो इन परिवारों ने इसमें शामिल होने के लिए खुद तो तैयारी की ही आसपास और गांव में भी लोगों को शृंखला में भाग लेने की अपील करते रहे. शुक्रवार की रात और शनिवार की सुबह जब अचानक इन बुजुर्गों का देहावसान हो गया तो परिवार वाले की आपसी सहमति से दोनों परिवार वालों ने मानव शृंखला में भाग लेने के बाद ही अपने-अपने पिता का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया. अरविंद मंडल ने कहा कि अगर मानव शृंखला में वे लोग भाग नहीं लेते तो शायद उनके पिता की आत्मा को शांति नहीं मिल पाती. अगर दाह संस्कार करते तो मानव शृंखला में शामिल नहीं हो पाते. वहीं अरविंद यादव ने कहा कि पिता मानव शृंखला में शामिल होने को लेकर इतने उत्साहित थे कि इस मानव शृंखला आयोजन में सहभागिता देकर हमलोगों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की.

शंकरपुर स्थित मौरा कबियाही पंचायत के अरविंद मंडल और अरविंद यादव ने लिया
अभूतपूर्व फैसला
अरविंद मंडल के पिता की मृत्यु शुक्रवार की रात तो अरविंद यादव के पिता ने शनिवार की सुबह ली अंतिम सांसें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें