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उदासीनता. बाजार में शौचालय नहीं रहने से लोगों को होती है परेशानी स्टेशन चौक से ले कर कॉलेज चौक, बाइपास रोड, बैंक रोड कहीं भी बाजार में आये लोगों के लिए न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही मूत्रालय की व्यवस्था है. जिस कारण बाजार में आये लोगों एवं स्थानीय दुकानदारों को शौच […]

उदासीनता. बाजार में शौचालय नहीं रहने से लोगों को होती है परेशानी

स्टेशन चौक से ले कर कॉलेज चौक, बाइपास रोड, बैंक रोड कहीं भी बाजार में आये लोगों के लिए न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही मूत्रालय की व्यवस्था है. जिस कारण बाजार में आये लोगों एवं स्थानीय दुकानदारों को शौच आदि के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है.
मधेपुरा : जिला मुख्यालय में आम लोगों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्टेशन चौक से ले कर कॉलेज चौक, बाइपास रोड, बैंक रोड कहीं भी बाजार में आये लोगों के लिए न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही मूत्रालय की व्यवस्था है. जिस कारण बाजार में आये लोगों एवं स्थानीय दुकानदारों को शौच आदि के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है. वे गली कूचियों का सहारा लेते हैं या बाजार में ही सड़क किनारे गंदगी फैलाते हैं.
इसके कारण उठने वाली दुर्गंध से राहगीरों, आम लोगों व बाजार में रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है वहीं महिलाओं को भारी परेशानी होती है. वहीं जन सुविधाओं के नहीं होने के कारण बाजार आयी महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है. वे शर्म के पहरे में हैं और सुविधा मुहैया कराने वालों को शर्म आती नहीं. इस समस्या को प्रभात खबर ने वार वार प्रकाशित कर पदाधिकारियों का ध्यान इस और आकर्षित किया है. लेकिन पदाधिकारी हर बार शहर में शौचालय की समुचित व्यवस्था करने का झूठा वादा करती है.
महिलाओं को होती है भारी परेशानी
मुख्य बाजार में सुभाष चौक, पूर्णिया गोला चौक, स्टेट बैंक रोड, स्टेशन चौक, समाहरणालय के सामने हमेशा लोगों की भीड़ बनी रहती है. इन जगहों पर बाहर से भी लोगों का आना जाना लगा रहता है. मुख्य बाजार में खरीदारी के लिए हमेशा लोगों की भीड़ बनी रहती है. लेकिन लोगों को शौच एवं मूत्र निकासी के लिए सोच कर परेशान होना पड़ता है.
वे इधर उधर जगह ढूंढते रहते हैं. दुकानदारों को भी अपने दुकान छोड़ कर गलियों का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है. मुख्य बाजार में मुत्रालय की व्यवस्था थी, लेकिन वह भी जर्जर हो कर बेकार पड़ा हुआ है. इसके कारण बगल में ही लोग मूत्र आदि का विसर्जन करते हैं. इससे हमेशा दुर्गंध होती रहती है. आसपास के दुकानदारों को दुकान पर बैठने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शौच के लिए सोच कर परेशान रहते हैं लोग
बाहर से बाजार आये लोग शौच के लिए सोच कर परेशान रहते है. वहीं बाजार में स्थित दुकानदारों को भी दुकान छोड़ कर खुले में सोच जाना पड़ता है. बाजार से सटे गली व मुहल्ले में एकांत जगह देख कर लोगों द्वारा गंदा फैला दिया जाता है. जिससे मुहल्ले में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कहते हैं लोग
प्रमोद कुमार ठाकुर का कहना है कि बाजार में शौचालय नहीं रहने के कारण लोग परेशान रहते है. लोगों को इधर उधर भटकना पड़ता है. शौचालय का निर्माण होने से लोगों की मुश्किलें आसान हो जायेगी. डा रंजीत कुमार का कहना है कि शौचालय का होना मुख्य बाजार में बहुत ही जरूरी है. इससे गलियों में गंदगी नहीं फैलेगी. दिलीप यादव, छोटू कुमार, शिवशंकर कुमार, सोनू कुमार का कहना है कि बाजार में आने के बाद मूत्रलाय नहीं होने के कारण यत्र तत्र गंदगी फैला देते है. दिनेश कुमार का कहना है कि बाजार में शौचालय का होना निहायत ही जरूरी है. इससे अगल बगल में गंदगी नहीं फैलेगी और शहर स्वच्छ बना रहेगा.
शौचालय नहीं रहने से इधर-उधर भटकते हैं लोग
जिला मुख्यालय स्थित बाजारों में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग बाजार से सटे गलियों को गंदा करने से नहीं चुकते हैं. सुभाष चौक पर बाजार से सटे गली जो लॉ कॉलेज के तरफ जाता है इन गलियों को भी मुत्रालय के रूप में प्रयोग करते हैं. यहां आसपास रहने वाले लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है. वहीं शिव नंदन प्रसाद मंडल उच्च विद्यालय जाने वाले रास्ते के दोनों ओर लोग मूत्र त्याग करने पहुंचे हैं. जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र – छात्रा इस रास्ते से विद्यालय जाने के क्रम में अपने नाक पर रूमाल रख कर निकलते है.
बाजार में शौचालय व मुत्रालय की व्यवस्था नहीं रहने के कारण मुख्य बाजार से सटे गलियों में गंदगी का माहौल बना रहता है. इन गलियों से गुजरने वाले लोगों को खासे परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्टेशन चौक से लेकर कॉलेज चौक तक कहीं भी शौचालय व मूत्रालय की व्यवस्था नहीं रहने से बाजार में लोगों को खासे परेशानी का सामना करना पड़ता है. वे इन गलियों को ही अपने निशाना बनाते है. जिस कारण शहर से सटे कोई भी गली चलने लायक नहीं रह गया है. गली में फैली पेशाब की गली से राहगीरों के साथ – साथ मुहल्ले वासी परेशान रहते है.
स्वच्छता अभियान है ताक पर
एक तरफ जहां सुंदर मधेपुरा, स्वच्छ मधेपुरा का सपना संजोया जाता है. लेकिन मुख्य बाजार के सड़क से जाने वाली गलियों का हाल बुरा है. गलियों के दोनों किनारे लोग खुले में मूत्र निकासी करते है. जिससे मुहल्ले वासी परेशान रहते है. खास कर गर्मी में तो बदबू से आस पास रहने वाले लोगों को खासे परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं ऐसे जगहों पर कभी डीडीटी पाउडर का भी छिड़काव नहीं हाने से बदबू फैलते रहती है. साफ-सफाई को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है,
कार्यशाला का आयोजन किया जाता है. वहीं सभी चीजें पीछे छूट कर धड़ी – धड़ी रह जाती है ओर शहर को देखने के लिए ऐसा लगता है. शहर में गंदगियों की कमी नहीं है. मुख्य बाजार के सड़क से जाने वाली गलियों के दोनों किनारे लोग खुले में मूत्र निकासी करते है. जिससे मुहल्ले वासी परेशान रहते है.
बाजार में ही सड़क किनारे गंदगी फैलाते हैं लोग

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