मधेपुरा : उदाकिशुनगंज प्रखंड के औरायबासा में हुए अग्निकांड को अंजाम देने वालों को बचाने की कोशिश में यह निजाम लग गया है. लेकिन सच्चाई को बदल नहीं सकता है. अगर आततायियों को बचाने की कोशिश की गयी तो भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी. गुरुवार को भाकपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा. जांच दल में उनके साथ शामिल जिला मंत्री विद्याधर मुखिया,
अंचल मंत्री उमाकांत सिंह, वरीय नेता दिनेश्वर प्रसाद सिंह, द्गिम्बर झा, रमण कुमार पिन्टु, बैजनाथ सिंह, अनिल पासवान ने कहा कि औरायबासा में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. वर्षों से बसे दलितों एवं भूमिहीनों के घर को विगत 17 तरह नवंबर की रात भूमि के अवैध खरीदार एवं उनके पोषित लठैतों ने पहले तो फायरिंग की और फिर 18 दलित परिवार के झोपड़ियों को आग के हवाले करने की जघन्य घटना को अंजाम दिया. भाकपा नेता प्रभाकर ने कहा कि सुनियोजित रूप से इस घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया
और अब इस घटना को दूसरी मोड़ देने का प्रयास किया जा रहा है़ इसमें कुछ स्थानीय जन प्रतिनिधि, अवैध खरीदार उनके सगे संबंधी एवं कुछ पदाधिकारी का मिली भगत है़ उन्होंने कहा कि विगत 2002 ई़ में ही भाकपा द्वारा इस जमीन पर लाल झंडा गाड़कर सौ से अधिक घर बसाया गया था़ इसमें ज्यादा दलित एवं भूमिहीन है़ पहले तो भूस्वामी इन गरीबों का आर्थिक शोषण किया और फिर धोखा दिया़ जब भाकपा के नेतृत्व में जमीन पर कब्जा जमा किया गया. तब अवैध रूप से कुछ स्थानीय दबंगों ने कम राशि देकर जमीन खरीदना शुरू किया. जो हर हाल में इस जमीन पर अपना कब्जा जमाना चाहता है़ प्रभाकर ने कहा कि भाकपा अनवरत वर्षों से बसे इन दलितों एवं गरीबों को वासगीत पर्चा देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है़