सिंहेश्वर : प्रखंड मुख्यालय में दस रूपये के सिक्के को लेकर तरह तरह के अफवाह उड़ाये जा रहे है. नकली सिक्के की बात अब पुरानी हो गयी है. अब तो अफवाह उड़ाया जा रहा है कि दस का सिक्का लेने वाला फंस जायेगा. इस अफवाह से बाजार का माहौल गर्म हो चुका है. दस रूपये का सिक्का लेने में दुकानदार एवं ग्रामीण सभी हिचकने लगे है. दुकानदारों को सिक्का देने के बाद दुकानदार बस इतना ही कहते है कि महाजन नै ले छे त हम केना लिये. पुरे बाजार में कहीं भी एक बार में 10 के सिक्के को नही लिया जा रहा है.
किसी भी दुकान पर पहुंचने के बाद ग्राहक द्वारा अगर दस का सिक्का दिया जाता है तो दुकानदार का एक ही जवाब होता है 10 रूपया का सिक्का चलना बंद हो गया है. कई दुकानदारों ने बताया कि जिस प्रकार से किसी भी कागज के नोट को चेक करने के कई तरिके भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक किये है उस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में सिक्का को चेक करने का तरिका सार्वजनिक नही किया गया है.
जानकारी के आभाव में हो सकता है जिसे हम असली सिक्का कहे वह नकली हो. इसी भय से सिक्का नही लिया जा रहा है. हालांकि असली नकली के चक्कर में बेचारे गरीब पीस रहे है. गरीब तबके के लोग अपना पेट काट कर गुल्लक में दस का सिक्का जमा करते है. कागज के नोट खराब ना हो जाये इसके लिये लोग सिक्के को ही गुल्लक में गिराते थे.
लेकिन जब से 10 रूपये के सिक्के की चलन में बढ़ोतरी हुई है तब से अक्सर सभी 10 रूपये के सिक्के को गिराने लगे. जैसे ही ग्रामीण इलाके में सभी को इस बात की खबर हुई कि नकली सिक्के के कारण किसी भी सिक्के को नही बाजार में नही लिया जा रहा है तो इस वजह से सभी निराश हो चुके है. दबी जूबान से कई दुकानदार कहते है जब तक इस समस्या का हल नहीं होता है बाजार में 10 के सिक्के नही लिये जायेंगे. हालांकि सिक्के नही लेने की बात को कोई सार्वजनिक रूप से नही बोल रहा है.
नकली व असली में क्या है फर्क
असली व नकली दस के सिक्के में गौर से देखने पर कई फर्क नजर आयेगा. इसमें असली सिक्के में दस नीचे लिखा हुआ है तो नकली में बीच में. असली में रुपये का सिंबल स्पष्ट नजर आ रहा है तो नकली में रुपये का सिंबल है ही नहीं. इसके अलावे असली सिक्के के ऊपरी परत पर दस छोटी छोटी लकीर है, तो नकली में पंद्रह लकीरें देखी जा रही हैं.
शिकायत करें, पुलिस करेगी कार्रवाई
इस तरह की कोई शिकायत बैंक को नहीं मिली है और न ही विभागीय स्तर पर कोई स्पष्ट निर्देश बैंक को प्राप्त हुआ है. इसलिए इस मामले में कुछ कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि सुना जा रहा है कि बाजार में दस का सिक्का चल रहा है. लेकिन अगर कोई असली सिक्का लेने से परहेज कर रहा है तो इसकी शिकायत स्थानीय थाने में करें. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी.
सतीश कुमार सिन्हा, प्रभारी शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, मधेपुरा