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ढाई वर्षों में ढाई कदम भी नहीं चले कुलपति : सिंडिकेट

विवि की ध्वस्त शैक्षणिक व्यवस्था पर बिफरे सदस्य. सिंडिकेट की आपात बैठक बुलाने के लिए कुलपति को लिखा पत्र, धरना व अनशन करना छात्र व कर्मियों का संवैधानिक अधिकार बताया मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में विगत तीन से चल रहा आंदोलन अब तूल पकड़ने लगा है. पहले तो विभिन्न संगठनों ने विवि की […]

विवि की ध्वस्त शैक्षणिक व्यवस्था पर बिफरे सदस्य. सिंडिकेट की आपात बैठक बुलाने के लिए कुलपति को लिखा पत्र, धरना व अनशन करना छात्र व कर्मियों का संवैधानिक अधिकार बताया

मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में विगत तीन से चल रहा आंदोलन अब तूल पकड़ने लगा है. पहले तो विभिन्न संगठनों ने विवि की ध्वस्त शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की मांग उठायी. अब विवि के सिंडिकेट सदस्य भी आगे आ गये हैं. सिंडिकेट सदस्यों ने कुलपति को पत्र लिख कर अभिषद् की आपात बैठक अविलंब बुलाने की मांग की. इससे पहले टीपी कॉलेज में बैठक आयोजित कर सिंडिकेट सदस्यों ने कहा कि विवि में विगत तीन माह से छात्रों एवं विवि कर्मियों का धरना, प्रदर्शन व अनशन अनवरत जारी है.
उन्होंने कहा कि विवि में व्याप्त गतिरोध को समाप्त कराने के लिए विवि प्रशासन की और किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं किया जाना दुखद है. विवि की उदासीन रवैये के कारण सत्र विलंब से चल रहा है, परीक्षाफल लंबित है, जारी परीक्षाफल में त्रुटि सामने आ रही है, सभी तरह की परीक्षाएं बाधित है. जिसके कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. सदस्यों ने कहा कि कुलपति अपने ढाई साल के कार्यकाल में ढाई कदम भी नहीं चल सके. बैठक में बताया गया कि बिहार राज्य विवि अधिनियम 1976 के आलोक में एवं राज्य सरकार द्वारा निर्गत पत्र में प्रत्येक माह सिंडिकेट की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने का निर्देश है.
मौके पर विवि में जारी गतिरोध तथा प्रशासनिक एवं शैक्षणिक माहौल कायम करने के लिए अभिषद् की आपात बैठक बुलाने के लिए कुलपति के नाम से पत्र जारी किया गया. इस अवसर पर विधान पार्षद सह सिंडिकेट सदस्य डा संजीव कुमार सिंह, विधायक सह सिंडिकेट सदस्य डा रमेश ऋषिदेव, डा शब्बीर हुसैन, डा परमानंद यादव, डा अजय कुमार, डा जवाहर पासवान सहित अन्य सदस्य मौजूद थे.
21 वें दिन भी धरने पर डटे रहे अस्थायी कर्मचारी :
विवि में रविवार होने के बावजूद अस्थायी कर्मचारी संघ का धरना लगातार 21 वें दिन भी जारी रहा. इस मौके पर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दयानंद कुमार एवं सचिव संतोष कुमार ने कहा कि स्थापना काल से हम सभी 80 अस्थायी कर्मचारी विवि में कार्यरत है. संविदा के आधार पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थायीकरण की मांग विवि प्रशासन से बार बार की गयी. लेकिन कुलपति आश्वासन देते रहे. विवि प्रशासन ने अस्थायी कर्मियों से अभिलेख की मांग की. संविदा कर्मियों ने सेवा स्थायीकरण को लेकर अभिलेख विवि में जमा भी कराया. इसके बावजूद आज तक 80 अस्थायी कर्मियों की सेवा सामंजित नहीं की गयी.
तीन मार्च को विवि प्रशासन ने अस्थायी कर्मचारियों के साथ समझौता किया था कि सेवा सामंजित होने तक आउटसोर्सिंग की बहाली पर रोक लगी रहेगी.
इस बीच 27 अगस्त को विवि प्रशासन द्वारा समझौता के विपरित आउटसोर्सिंग पर बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी. इसके खिलाफ विगत पांच सितंबर से सभी अस्थायी कर्मी अनिश्चितकालीन धरना पर है.
वर्तमान स्थिति के लिए विवि प्रशासन दोषी
सिंडिकेट सदस्य डा संजीव कुमार सिंह ने कहा कि विवि की वर्तमान स्थिति के लिए विवि प्रशासन ही दोषी है. विवि की उदासीन रवैया के कारण धरना पर बैठक कर्मी की मौत हो गयी. इस दुख की घड़ी में कुलपति का विवि नहीं पहुंचना दुखद है. सदस्यों ने सवाल खड़ा किया कि कैसे एक ही व्यक्ति विवि में तीन से चार पद पर लंबे समय से बने हुए हैं. सदस्यों ने कुलपति से अविलंब हस्तक्षेप कर विवि में जारी गतिरोध को समाप्त कराने की मांग की.

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