आज रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार है. राखी की खरीदारी हो चुकी है. भाई भी बहन को देने वाले उपहारों की खरीदारी कर चुके हैं. दूर रहने वाले भाई डाक और कूरियर के इंतजार में आज भी रहेंगे. लेकिन, चाहे जो हो, गुरुवार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतिक यह त्योहार धूमधाम से मनाया जायेगा.
मधेपुरा : आज यानी गुरुवार को सावन की पूर्णिमा है. पूरा वातावरण पवित्रता से भरा है. भगवान शिव पर जलाभिषेक होगा, साथ ही हर बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर अपनी रक्षा का वचन लेंगी व भाई की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना करेंगे. हालांकि, जीवन की जरूरतों को पूरा करने की भगमभाग में दूरिया बढ़ गयी है. यही नहीं समाज में रिश्तों के प्रति अविश्वास बढ़ा है. पास पड़ोसी तो दूर नजदीकी रिश्ते में भी दूरियां बढ़ गयी हैं. बहनों को अकेले निकलना पहाड़ लगता है. सार्वजनिक स्थलों पर भी वे खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं.
ऐसा क्यों है, इसके बारे में संभल कर सोचने की आवश्कता है. लेकिन राखी के पवित्र त्योहार पर बना यह माहौल संभावना है कि सब खत्म नहीं हुआ है. अभी बहुत गुंजाइश बांकी है कि हम बिखरते और टूटते रिश्तों का विश्वास फिर से कायम कर सकें. बहने खुल कर इस आंगन में विचरन सकें. बहनों का मन विश्वास से भरा हो. आओ बहनों ! दृढ़ विश्वास के साथ आओ…!