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निर्माण के दो माह बाद ही टूटने लगी सड़क

जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के नौहर में प्रधानमंत्री योजना से बनायी गयी सड़क पर बने गड्ढे दो माह पूर्व ही सड़क का निर्माण किया गया है पूर्ण, योजना में शामिल नाला अब तक नहीं बनाया गया ग्वालपाड़ा : ग्रामीण इलाकों में सड़कें तो बन रही हैं लेकिन इनमें गुणवत्ता को नजरअंदाज किये जाने के कारण […]

जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के नौहर में प्रधानमंत्री योजना से बनायी गयी सड़क

पर बने गड्ढे
दो माह पूर्व ही सड़क का निर्माण किया गया है पूर्ण, योजना में शामिल नाला अब तक नहीं बनाया गया
ग्वालपाड़ा : ग्रामीण इलाकों में सड़कें तो बन रही हैं लेकिन इनमें गुणवत्ता को नजरअंदाज किये जाने के कारण सड़कें टिकाउ नहीं हैं. निर्माण के दो माह से छह माह के भीतर ही इन सड़कों की स्थिति दयनीय हो जाती है. रेनकट, जलजमाव आदि इन सड़कों की समान्य समस्या है जो आवागमन को असामान्य कर देता है.
पदाधिकारी भी इस दिशा में खास तवज्जो नहीं देते. संवेदक तो किसी तरह योजना को पूरा दिखा कर खिसकना चाहते हैं. कहीं – कहीं तो निर्माण में ही इतना विलंब कर दिया जाता है कि रखरखाव के लिए रखी गयी राशि की बंदरबांट हो जाती है. केवल लाभ कमा लेने की मंशा से सड़क बनायी भी गयी तो इसका खामियाजा सरकार में मौजूद दल विशेष को भुगतना पड़ता है. जनता तो समझती है कि उपर से नीचे तक सेटिंग है. लेकिन इसमें कहां ज्यादा बड़ा गडढा है इसे समझना मुश्किल है. सेवा की नीयत से बनायी गयी सड़क जनता की सेवा तो ज्यादा दिनों तक नहीं करती. किसकी करती है यह सवाल है.
गड्ढों में तब्दील हुई सड़क
जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के नौहर में दो माह पूर्व प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनायी गयी सड़क में दरार आने लगी है. पक्की सड़क पर खरपतवार भी उगने लगे हैं. सड़क के दोनों ओर की मिट्टी बारिश के पानी में ढहने भी लगी है. अगर यही हाल रहा तो सड़क को क्षतिग्रस्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. ग्वालपाड़ा पंचायत के नौहर में दो माह पहले ही यह सड़क बनायी गयी.
सड़क की योजना के तहत टी- 5 से नहर (वीआर-12) कुल लंबाई 2.672 किलोमीअर सीमेंट कंक्रीट सड़क 0.750 किलोमीटर, नाला 0.750 किलोमीटर निर्माण करना था. नौहर गांव के बीचोबीच बिहारीगंज जाने वाली सड़क तक एवं काली स्थान होते हुए नहर तक ढलाई एवं पक्की सड़क बनना था. सड़क बन कर तैयार भी हो गया. लेकिन यह सड़क निर्माण के समय से ही अपनी मजबूती की पोल खोल रही है. ढलाई की गयी सड़क के बीच में दरार पड़ गयी है. वहीं पक्की सड़क पर खर पतवार उग कर सड़क की मजबूती की गवाही दे रहे हैं.
दूसरी सड़क का हाल भी बेहाल
मधु मेहतर के घर से बिहारीगंज सड़क तक बनायी गयी सड़क के दोनों किनारे की मिट्टी बरसात के पानी के साथ बह गयी है. अब सड़क भी क्षतिग्रस्त होने लगी है. सड़क पर पुलिया का भी निर्माण किया गया है. इस पुलिया के दोनों ओर की मिट्टी भी ढह गयी है. अगर यही हाल रहा तो पुलिया का भी क्षतिग्रस्त होना तय है. यही हाल एक अन्य योजना से बनी सड़क का भी है. बच्चन यादव के घर लक्ष्मीनारायण स्थान होते हुए नहर तक सड़क का निर्माण किया गया था.
इस सड़क के भी दोनों किनारे क्षतिग्रस्त हो रही है. बरसाम की शुरूआत में ही जब इन सड़कों का यह हाल होने लगा है तो अगर बरसात शबाब पर हुई तो इन सड़कों का अस्तित्व भी समाप्त हो जायेगा. अभी ही अगर इन सड़कों की मरम्मत नहीं हुई तो आवागमन ठप हो जायेगा.
नहीं हुआ है नाला का निर्माण
वहीं दूसरी तरफ सड़क के दोनों किनारे नाला निर्माण किया जाना है. अनुबंध के अनुसार इसे पूरा हो जाना था लेकिन अब तक इसे शुरू भी नहीं किया गया है. सड़क उंचा बनाये जाने के कारण सड़क के दोनों ओर बसे लोगों के दरवाजे और आंगन में जलजमाव होने लगा है. निकास बंद हो गया है.
अगर नाला नहीं बनाया तो इस समस्या और बढ़ती जायेगी. इसके कारण लोग परेशान हैं. नाला निर्माण से पानी के निकासी की समस्या का समाधान हो सकता है. समय रहते अगर इस दिशा में कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो सड़क का क्षतिग्रस्त होना तय है. इसके बाद यातायात भी अवरुद्ध हो जायेगा व लाखों राशि खर्चकर बनाये गयी इस सड़क पर पैदल भी नहीं चल सकेंगे.
सड़क को जल्द मरम्मत करने को कहा गया है
‘इस सड़कों की स्थिति के बारे में मुझे जानकारी मिली है. मैंने क्षतिग्रस्त जगहों की फोटोग्राफी करा कर संवेदक को दिया है और जल्द से जल्द मरम्मत करने का आदेश दिया है.’

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