मधेपुरा : सहरसा दानापुर के लिए रात में जनहित एक्सप्रेस चलने से आम आवाम में हर्ष है. मधेपुरा एवं कोसी के लोगों की मांग को पूरा करने के लिए सांसद राजेश रंजल उर्फ पप्पू यादव बधाई के पात्र है. जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष मोहन मंडल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सांसद के अथक प्रयास एवं लगातार संघर्ष से ही जिले वासियों का सपना पूरा हुआ है. कोसी एक्सप्रेस को पूर्णिया एवं जानकी एक्सप्रेस को कटिहार तक विस्तार करना,
रेल इंजन कारखाना का कार्य शुरू कराना, सांसद पप्पू यादव के मेहनत की ही देन है. इस मौके पर डा अशोक कुमार, अखिलेश कुमार यादव, राम कुमार यादव, अमरेंद्र यादव, अजीर बिहारी, प्रो अरूण कुमार, सीताराम यादव, अनिल अनल, विमल किशोर गौतम मिथिलेश कुमार, प्रशांत यादव, पुष्पेंद्र कुमार पप्पू, मो असफाक, प्रेम सागर उर्फ खुश खुश, मो अलाउद्दीन, आलोक कुमार मंडल आदि ने भी सांसद के प्रति आभार व्यक्त किया.
सौंदर्यीकरण की आस में शहर
चिंताजनक . शहर में हर जगह समस्याएं सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ी
शहर के विकास व बदलाव के तमाम दावों के उलट बेहद चिंताजनक हालत है. नालियों के खुले ढक्कन, जलजमाव की वजह से लोगों की जान सांसत में है. चाहे वह पूर्णिया गोला चौक हो या गुलजार बाग मुहल्ला, चाहे फिर स्टेशन चौक हर जगह समस्याएं सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ी हैं. कहीं रोड डिवाइडर के नाम पर सड़क के बीचोंबीच बिजली के खंभे हैं, तो कहीं बिना खंभे पर लटकते या फिर उलझे हुए तारों का जाल.
ऐसा लगता है कि समस्याओं के मकड़जाल में मधेपुरा शहर उलझ गया है. डीएम ने स्वयं नालों पर प्लेट लगाने के लिए नप के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया था. इसका अनुपालन अब तक नहीं हो सका है.
मधेपुरा . शहर के सड़क और नालों की हालत बद से बदतर है. कचरा निस्तारण और पानी बहाने की समस्या से जूझ रहे नगर परिषद क्षेत्र को निरीक्षण जिला पदाधिकारी मो सोहैल के द्वारा किया गया था. इस क्रम में डीएम ने जयपाल पट्टी मुहल्ला, कर्पूरी चौक, पूर्णिया गोला चौक, स्टेशन चौक, भिरखी चौक आदि जगहों का स्थलीय निरीक्षण कर पानी बहाने की समस्या के समाधान प्रति गंभीर दिख रहे थे. पूर्णिया गोला चौक पर सड़क के पश्चिमी भाग स्थित नाले की बदहाल स्थिति देख कर डीएम ने तत्काल नाला के मरम्मत का आदेश नगर परिषद के अधिकारी को दिया था. साथ ही विभिन्न जगहों पर साफ सफाई एवं नाला का पुनर्निर्माण, पानी बहाव, कचरा साफ आदि कार्य करने कहा गया लेकिन दुखद रूप से स्थिति जस की तस है. पूर्णिया गोला चौक के पास नालों के ढक्कन खुले हैं. दुकानदार और खरीदार दोनों इससे परेशान रहते हैं.
जलजमाव से परेशानी
शहर में हल्की बारिश होने पर जगह – जगह जल जमाव और कीचड़ की समस्या से लोग परेशान हो जाते है. मुख्यालय की मुख्य सड़क पर पूर्णिया गोला चौक, मसजिद चौक, भिरखी रेलवे ढाला पर पानी का निकासी नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. एनएच 107 जो पूर्वी बायपास के नाम से भी जाना जाता है, की स्थिति पानी जमा हो जाने के कारण बदतर हो गयी है. कई जगह सड़क पर बने गडढ़े में पानी जमा हो जाने के कारण लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बारिश होने पर जगह-जगह नालियों का कचरा और पॉलिथीन नजर आते हैं. हर साल बारिश से पहले शहर में जल निकासी की व्यवस्था और नालियों की साफ-सफाई के दावे तो किये जाते हैं लेकिन स्थित ज्यों की त्यों है.
शहर के कई इलाकों में लटक रहे विद्युत आपूर्ति तार
शहर के सड़कों के उपर विद्युत तार के रूप में मौत लटक रही है. लुंज-पुंज एवं पुराने हो चुके तारों से 11 हजार एवं 440 वोल्ट का करंट प्रवाहित होता है. ये तार हवा के हल्के थपेड़ों को भी झेल पाने में असमर्थ हैं. शहर का बाय पास, मुख्य पथ, पश्चिमी बायपास, बैंक रोड, साहुगढ रोड, भिरखी रोड आदि अन्य जगहों पर पुराने तार लटक रहे हैं. प्राइवेट मिस्त्री की मानें तो शहर के ये तार इतने पुराने हो गये हैं कि अगर इन्हें तानने की प्रक्रिया की जाये तो यह तुरंत टूट जायेगा. हालांकि कुछ जगहों पर नये तार लगाये गये हैं. विगत दिनों सहरसा –
मधेपुरा पथ काली मंदिर समीप हल्की हवा के दौरान नया बिजली का तार टूट जाने से सड़क किनारे बंधी एक भैंस की मौत हो गयी थी. विरोध में लोगों ने सड़क भी जाम किया गया था. वहीं भूपेंद्र चौक के पास भी नया तार लगाया गया है. वहां भी तार के ढीला होने के कारण बार – बार फेज उड़ जाता है.
अब भी गुलजार बाग में डंप हो
रहा है कूड़ा
समाहरणालय में कुछ दिनों पहले हुई अहम बैठक में शहर के पुराने मुहल्लों में शुमार गुलजार बाग मुहल्ला में बनाये गये कूड़ा डंपिंग स्थल को लेकर डीएम ने निर्देश दिया था कि कूड़ा निस्तारण के लिए विहित प्रक्रिया अपना कर इस स्थल को साफ और सुंदर बनायी जाये. गौरतलब है कि नगर परिषद की ओर से कचरे का उठाव कर डाक बंगला रोड जहां पश्चिमी बाइपास से मिलती है, वहीं डंप कर दिया जाता है. इसके दुर्गंध से लोग परेशान और आक्रोशित रहते हैं. यहां सूअर मौजूद रहता है. कभी कभी यहीं सूअर की मौत हो जाती है. स्थानीय लोग पैसा चंदा कर मरे सूअर को फिकवाते हैं.