मधेपुरा : जहां एक तरफ बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, महिला आरक्षण, महिलाओं को संरक्षण देने की बात सरकार द्वारा कही जा रही है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए नये कानून बनाये जा रहे हैं, लेकिन महिलाओं पर हो रहा अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज भी महिलाएं अपने घरों में सुरक्षित नहीं है. घर से ठुकरायी महिला आज दर-दर की ठोकरें खा रही है. इसका उदाहरण शनिवार को जिले के सदर अस्पताल में इलाजरत सोनी खातून की बेवशी व लाचारी को देख कर मिला.
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अपनों ने ठुकराया, तो गैरों ने दिया सहारा
मधेपुरा : जहां एक तरफ बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, महिला आरक्षण, महिलाओं को संरक्षण देने की बात सरकार द्वारा कही जा रही है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए नये कानून बनाये जा रहे हैं, लेकिन महिलाओं पर हो रहा अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज भी महिलाएं अपने घरों में सुरक्षित नहीं […]
क्या है मामला
सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर के मो अनवर की पत्नी सोनी खातून 10 मई को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भरती हुई. इसी दिन उसने एक बच्ची को जन्म दिया. उसने बताया कि उसकी शादी दो वर्ष पूर्व मो अनवर से हुई थी जो पहले से ही शादी शुदा था और चार बच्चे का बाप था. कुछ दिन तक तो संबंध ठीक ठाक रहा लेकिन बाद में वह उसे प्रताड़ित करने लगा और गर्भावस्था के दौरान ही पति ने घर से निकाल दिया. वह दर-दर की ठोकरे खाते हुए एक अनजान महिला की मदद से दौराम मधेपुरा पहंची. वहां उसे दर्द से कहाराता देख स्थानीय लोगों ने सदर अस्पताल लाया, जहां उसने बच्ची को जन्म दिया. चार दिनों से बिस्तर पर पड़ी वह अपनों को ढूंढ़ रही है.
सोनी खातून 10 मई को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भरती हुई.
लोगों ने की मदद
महिला की स्थिति को देखकर कुछ लोगों ने इस महिला की आर्थिक मदद की और उसके लिए आवश्यक चीजों की व्यवस्था की. बच्ची के जन्म के बाद महिला की खोज खबर परिजनों द्वारा नहीं ली जा रही है. वहीं सामाजिक लोगों ने आकर उसकी मदद की.
अल्पावास गृह भेजने की तैयारी
चार दिनों से अस्पताल के प्रसव वार्ड में पड़ी सोनी को अब अस्पताल प्रशासन बच्चे के साथ अल्पावास गृह में भेजने की तैयारी कर रहा है.
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