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डीटीओ ऑफिस : रजिस्ट्रेशन के लिए लगाते हैं चक्कर
मधेपुरा : जिले में लोग जिला परिवहन विभाग की कार्यशैली से परेशान हैं. वाहन खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए महीनों चक्कर लगाने के बाद भी कामयाबी हाथ नहीं आती है. कागजात के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी लोगों को छह माह तक प्रतीक्षा करना पड़ता है. कई बार तो इसके […]
मधेपुरा : जिले में लोग जिला परिवहन विभाग की कार्यशैली से परेशान हैं. वाहन खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए महीनों चक्कर लगाने के बाद भी कामयाबी हाथ नहीं आती है. कागजात के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी लोगों को छह माह तक प्रतीक्षा करना पड़ता है. कई बार तो इसके बाद भी कागजात हाथ नहीं आता. स्मार्ट कार्ड के लिए जिन्होंने अप्लाई किया है, वे वर्ष 2014 से ही प्रतीक्षा कर रहे हैं.
पंचायत चुनाव में हुए बेदम : सदर प्रखंड के मधुबन पंचायत तुरकाही गांव के गिरधर मुखिया कहते हैं कि पंचातय चुनाव के दौरान वाहनों की जबरदस्त चेकिंग चल रही है. वहीं अगस्त महीने में खरीदी गयी गाड़ी का कागज अब तक नहीं मिल सका है. ऐसे में गाड़ी लेकर निकलने में डर बना रहता है कि कब चेकिंग के चंगुल में फंस जाये.
स्मार्ट कार्ड के लिए लंबी कतार : जिला परिवहन कार्यालय में वर्ष 2014 से ही रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हो या ड्राइविंग लाइसेंस, का स्मार्ट कार्ड मुहैया नहीं है.
हालांकि इसके बारे में डीटीओ ने जानकारी दी कि पूरे बिहार में तकनीकी कारणों से स्मार्ट कार्ड नहीं बनाया जा रहा है. इसलिए स्मार्ट कार्ड के लिए जिन्होंने अप्लाइ किया है, उन्हें लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जानकारी के अनुसार पटना में स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किये जा रहे हैं.
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