मधेपुरा : रात के 11:10 बजे पूर्णिया गोला चौक पर एक रिक्शा चालक सवारी के इंतजार में ठिठुर रहा था. कहीं कोई आदमी या पुलिस नहीं दिखी. हालांकि प्राइवेट स्तर पर कार्य कर रहे रात्रि प्रहरी के सीटी की आवाज वहां जोर-जोर से गूंज रही थी.
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जिला मुख्यालय : सड़क पर कहीं नहीं दिखा गश्ती दल
मधेपुरा : रात के 11:10 बजे पूर्णिया गोला चौक पर एक रिक्शा चालक सवारी के इंतजार में ठिठुर रहा था. कहीं कोई आदमी या पुलिस नहीं दिखी. हालांकि प्राइवेट स्तर पर कार्य कर रहे रात्रि प्रहरी के सीटी की आवाज वहां जोर-जोर से गूंज रही थी. रात के 11:15 में स्टेशन पर कोसी एक्सप्रेस के […]
रात के 11:15 में स्टेशन पर कोसी एक्सप्रेस के आने की इंतजार हो रही थी. कड़ाके की ठंड में यात्रियों के लिए अलाव की कहीं व्यवस्था नहीं देखी गयी. हालांकि स्टेशन के बाहर सड़क किनारे कुछ लोग अलाव जला कर राहत महसूस कर रहे थे. इस दौरान स्टेशन परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देखा गया. ट्रेन का इंतजार कर रहे खास कर महिला यात्री खुद को असुरक्षित महसूस कर रही थी.
रात के 11:30 में कर्पूरी चौक पर मदिरा सेवन कर नशा में धुत एक रिक्शा चालक से मौजूद दो चौकीदार उलझते दिखे. चौकीदार रवींद्र पासवान एवं प्रमोद पासवान रिक्शा चालक को घर जाने की सलाह दे रहे थे. एक अन्य रिक्शा चालक कैलाश पासवान खुद को कंबल से लपेटे सवारी आने का इंतजार कर रहा था.
11:40 में सुभाष चौक पर कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था. हालांकि लाइट रहने के कारण सड़कें दूर दूर तक सूनी दिखायी दे रही थी.
11:45 में थाना परिसर के बाहर सड़कें तीन तरफ जाती हैं, लेकिन कहीं कोई दिखायी नहीं दे रहा था. बरामदे पर एक तरफ एक पुलिस पदाधिकारी नींद की झप्पी ले रहे है तो दूसरी तरफ पुलिस के जवान मच्छरदानी लगा कर नींद में थे. करीब एक घंटे तक थाना एवं थाना के आस-पास सड़कों पर कोई पुलिस नहीं दिखी.
रात के 12:45 मसजिद चौक के समीप बैंक का एटीएम खुला हुआ था. कोई गश्ती दल नहीं दिखा.
रात के 1:05 में पुरानी बाजार में एटीएम खुला था, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई नहीं था. विवि चौक पर विवि का मुख्य गेट तो बंद था, लेकिन वहां कोई रात्रि प्रहरी नजर नहीं आये.
रात के 1:10 में बस स्टैंड पर यात्री वाहन लगा कर सभी बस स्टाफ सो रहे थे. शहर के रिहायशी इलाका कहे जाने वाला समाहरणालय, व्यवहार न्यायालय, डीआरडीए, नगर परिषद कार्यालय, डीएम आवास, एसपी आवास एवं अतिथि गृह तक सुरक्षा के नाम पर एक परिंदा भी नजर नहीं आया. हालांकि सभी जगह मुख्य गेट पर ताला बंद था, लेकिन सुरक्षा कर्मी नदारद दिखे.
रात के 1:25 में बैंक रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा के सामने अंधेरा छाया हुआ था. कैमरे की लाइट चमकने पर अंदर से आवाज आयी कौन है. मुख्य शाखा में दो घंटे का शिफट लगता है. रात के 12 से दो के शिफट में दो होम गार्ड के जवान वहां मुस्तैद दिखे.
रात के 1:35 में स्टेशन पर करीब तीन घंटे लेट से पहुंची कोसी एक्सप्रेस से यात्री उतर कर अपने गंतव्य की और जाने की सोच रहे थे. लेकिन रात काफी होने जाने के कारण उन्होंने स्टेशन पर ही रुकना बेहतर समझा. लेकिन स्टेशन परिसर में परिवार के साथ ठहरना यात्रियों को नागवार गुजर रहा था. वहां असामाजिक तत्वों व उच्चकों की हड़कतों को देख कर यात्री सहमे हुए थे.
कोसी एक्सप्रेस से पहुंचे हीरा लाल गुप्ता, आशा कुमारी, विमय कुमार, एन के सिंह, कुमार गौरव कुमार एवं देव राज ने बताया कि रात के समय में सभी यात्री स्टेशन पर असुरक्षित महसूस करते हैं. ट्रेन से उतरने के बाद स्टेशन परिसर में कहीं कोई पुलिस वाला दिखाई नहीं दिया.
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