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रोगी कल्याण समिति में इलाज नहीं, मिलती है बीमारी

रोगी कल्याण समिति में इलाज नहीं, मिलती है बीमारी— प्रभात पड़ताल —–फोटो – मधेपुरा 5 एवं 6कैप्शन – बेड पर बिना चादर के सोई रोगी एवं परिजन, अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार-लापरवाही . परिसर में गंदगी की भरमार, रोगियों को नहीं मिल रहा है लाभ -कहीं दवा नहीं, तो कही बेड से चादर ही […]

रोगी कल्याण समिति में इलाज नहीं, मिलती है बीमारी— प्रभात पड़ताल —–फोटो – मधेपुरा 5 एवं 6कैप्शन – बेड पर बिना चादर के सोई रोगी एवं परिजन, अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार-लापरवाही . परिसर में गंदगी की भरमार, रोगियों को नहीं मिल रहा है लाभ -कहीं दवा नहीं, तो कही बेड से चादर ही नदारदप्रभात खबर टोली, मधेपुराजिले भर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी कल्याण समिति की हालत खस्ता है. हालांकि, यहां पर व्यवस्था बनाये रखने को लेकर रोगी कल्याण समिति की बैठक हर तीन माह की जाती है. बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार ही अस्पताल की व्यवस्था चलनी है. लेकिन, बुधवार को प्रभात पड़ताल के दौरान रोगी कल्याण समिति की व्यवस्था का सच कुछ और ही सामने आया. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गंदगी की की भरमार है. रोगियों को आवश्यक सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. कहीं रोगियों को भोजन नहीं मिल रहा तो कहीं शौचालय की सुविधा नदारद है. कहीं बेड पर चादर नहीं है तो कहीं, दवा ही उपलब्ध नहीं है. ऊपर से तुर्रा यह कि इन सबके बावजूद रोगी कल्याण समिति बेहतर व्यवस्था देने का दावा कर रही है. प्रस्तुत है रोगी कल्याण समिति पर एक विशेष रिपोर्ट:- — उदकिशनुगंज में रोगियों को नहीं मिल रहा भोजन रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष प्रखंड प्रमुख होते है. इसके बावजूद भी अस्पताल का सब कुछ ठीक ठाक नहीं है. अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. रोगियों को भोजन तक नहीं दिया जाता है. जबकि रोगियों को भोजन देने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है. शौचालय व मूत्रालय में गंदगी इतनी अधिक है कि दूर से से ही बदबू आने लगती है. सफाई कर्मी भी प्रतिनियुक्त है और शौचालय व मूत्रालय में फिनाइल देने की व्यवस्था सरकारी स्तर पर है. लेकिन साफ सफाई व फिनाइल तेल नहीं दिये जाने के कारण काफी बदबू आता है. बेड पर बिछाने के लिए सफेद या सतरंगी चादर की व्यवस्था है. फिर भी बेड पर चादर तक नहीं बिछाया जाता है. रोगियों को बिछावन की व्यवस्था खुद करना पड़ता है. यहां एक प्रश्न खड़ा होता है कि आखिर रोगियों के लिए बिछाये जाने वाली संत रंगी चादर कहां रह जाती है. सही रूप से रोगियों को अस्पताल की ओर से दवा तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है. अस्पताल में सोमवार से भरती हरैली गांव के जयकांत ऋषिदेव की पत्नी रूको देवी के बेड पर चादर तक नहीं देखा गया. वे अपना बिछवन बिछा रखी थी. उन्हें भोजन तक अस्पताल की ओर से नहीं दिया जा रहा है. उन्हें डायलोना सूई भी बाहर की दूकान से खरीद कर लाना पड़ा. बावजूद इसके भी सूई देने वाला कोई कर्मचारी नहीं थी. जबकि वह रोग से काफी परेशान हो रही है. थी. स्वास्थ्य कर्मी कैंप में ही तास खेलने में मसगूल देखे गये. इसी तरह आनंदपुर गांव के सुबोध यादव की पत्नी प्रतीन देवी प्रसव पीड़ा से चौकी पर कराह रही थी. बिछावन के नाम पर इस ठंड के मौसम में उनी का छोटा साल बिछा रखी थी. कोई देखने वाला भी नहीं था. अस्पताल परिसर में चार शौचालय व चार मूत्रालय है. लेकिन साफ सफाई नहीं किये जाने के कारण इतना बदबू आता है कि उसके अंदर जाने की हिम्मत किसी को नहीं थी. ऐसी स्थिति में रोगियों को खुले मैदान में सोच करना मजबूरी बन गयी है. अस्पताल की कुछ भी व्यवस्था सही नहीं है. अस्पताल परिसर के पूर्वी व उत्तरी कोने में जहां दो मूत्रालय है वहां इतने गंदगी का अंबार है कि उससे काफी बदबू आते रहता है. अस्पताल परिसर की साफ सफाई स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जरूरी है. समझा जा सकता है उस मूत्रालय में कौन जाता होगा. क्या कहते हैं चिकित्सक पदाधिकारी: रोगी कल्याण समिति की बैठक अपने स्तर से दो, तीन या चार माह में भी बुला सकते हैं. अस्पताल की सारी व्यवस्था सही है. कुछ दवा की कमी है. इसके लिए रोगी कल्याण समिति की बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार दवा आपूर्ति के लिए कंपनी को लिखा गया है. डाॅ डीके सिन्हा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उदाकिशुनगंज, कहती है प्रखंड प्रमुख अस्पताल की साफ-सफाई करवाने की व्यवस्था प्रभारी चिकित्सा पदाधिाकरी की होती है. वो क्या करते हैं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. गीता देवी, प्रखंड प्रमुख उदाकिशुनगंज, आलमनगर में हो रही है रोगी कल्याण समिति का गठन आलमनगर में रोगी कल्याण समिति अभी नहीं है. रोगी कल्याण समिति का कार्यकाल लगभग तीन महीने पहले खत्म हो गया था. नये सिरे से समिति का गठन किया जा रहा है. चिकित्सा पदाधिकारी बीके वर्मा उक्त जानकारी देते हुए कहा कि एक दो सप्ताह में रोगी कल्याण समिति का गठन कर लिया जायेगा. बिहारीगंज में कार्यरत है रोगी कल्याण समिति प्राथमिक स्वास्थ्य में रोगी कल्याण समिति के द्वारा बैठक आयोजित की जाती है. जिसमें लिये गये निर्णय जरूरत वाली काम साफ सफाई , एक मल्टी प्लस शेड का भी निर्माण कराया गया. रोगी कल्याण समिति द्वारा लिये गये निर्णय का अनुपालन किया जाता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा समीर दास ने बताया कि रोगी कल्याण समिति यहां पर कार्यरत है. चौसा में नहीं होता है निर्णय का पालन चौसा में 21 दिसंबर को रोगी कल्याण समिति की बैठक गयी थी. लेकिन बैठक में लिये गये निर्णयों का पालन यहां नहीं किया जाता है. पीएचसी परिसर में रागियों को भोजन, स्वच्छता, हीटर सहित आदि पर ध्यान नहीं दिया जाता है. चिकित्सा पदाधिकारी गणेश प्रसाद ने बताया कि मैं नया हूं धीरे – धीरे सभी व्यवस्था को सुधार कर लिया जायेगा. शंकरपुर में रोगियों को नहीं मिल रहा है लाभ रोगी कल्याण समिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरपुर में वित्तीय वर्ष 2014-15 में 75 हजार रूपये का आवंटन किया गया था. जिसमें रोगी कल्याण समिति मद से ही स्वस्थ्य केंद्र के अंदर रोगी के बैठने के लिए शेड का निर्माण कराया गया. वही स्वास्थ्य केंद्र के भवन का रंग रोगन सहित अन्य सामग्री का खरीद किया गया. इस बाबत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डा एस घन ने बताया कि अभी फिलहाल रोगी कल्याण समिति मद में राशि उपलब्ध नहीं है राशि अन्य विकास कार्य किया गया था. बैठक पिछले माह में किया गया था. लेकिन राशि नहीं रहने के कारण बैठक में लिए गये निर्णय पर कार्य नहीं हो पाया है. गम्हरिया में जून के बाद नहीं हुई है बैठक रोगी कल्याण समिति की बैठक जून में की गयी थी. उस समय में प्रभारी एचएन प्रसाद पदस्थापित थे. यहां रोगी कल्याण समिति मद से चापाकल नहीं लगी है. शेष राशि 16 हजार सात सौ 11 रूपया बचा हुआ है. जानकारी के अनुसार इस मद में एक लाख 14 हजार छह सौ 25 रूपया उपलब्ध करवाया गया था. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा आनंद कुमार भगत, हम नि: वर्तमान नहीं है हमें पांच जगह प्रभार मिला हुआ है. लेकिन हमारे आने तक रोगी कल्याण समिति की बैठक नहीं की गयी है. ग्वालपाड़ा में दस माह से नहीं हुई है बैठक ग्वालपड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रोगी कल्याण समिति में 20 मार्च 2015 को बैठक पिछली बैठक हुई थी. इसके बाद दस माह बीत जाने के बाद बैठक नहीं हुई है. बताया जाता है कि इससे पहले भी दिसंबर 2014 में बैठक हुई थी. बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार सभी विकास कार्य करते हुए रोगी कल्याण समिति मद में 40 हजार रूपये बचा हुआ है. इस संबंध में चिकित्सा पदाधिकारी डा पीके अग्रवाल बताया कि 30 दिसंबर बुधवार को बैठक आयोजित की जायेगी. कुमारखंड में रोगियों को हो रही है परेशानी पीएचसी परिसर में स्वच्छता का अभाव, रहने, परिसर में लगे दुकान, सीसीटीवी कैमरा, पीएचसी में बांड्रीवाल नहीं रहने, प्रत्येक वार्ड में हीटर की व्यवस्था नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उक्त समस्या को लेकर रोगी कल्याण समिति की बैठक 21 दिसंबर को को प्रमुख अमना खातून, चिकित्सा प्रभारी विनय कृष्ण प्रसाद, सदस्य कृष्ण कुमार, नवीन कुमार, नीतू कुमारी, प्रभारी अनीस कुमार, लेखा पाल ब्रजेश कुमार मिश्र की मौजूदगी में आयोजित की गयी थी.बेड विहीन बना घैलाढ़ पीएचसी घैलाढ़ रोगी कल्याण समिति की बैठक तीन माह पहले हुई थी. लेकिन बैठक में जो निर्णय लिया गया था. उसमें से कुछ ही पर काम हो पाया है. पीएचसी मे बेड नही है. जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. मरीज अपने साथ खुद बिस्तर लाते है. पीएचसी प्रभारी आनंद कुमार भगत ने बताया कि इसके बारे में कुछ जानकारी नहीं है. आप जो इसकी देखरेख करता है, उससे बात कीजिए.

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