17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कल्याण समिति नष्प्रिाण, कैसे हो रोगी का कल्याण

कल्याण समिति निष्प्राण, कैसे हो रोगी का कल्याणफोटो – मधेपुरा – 07कैप्शन – सदर अस्पताल में लगे इस बोर्ड पर रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व सिविल सर्जन का नाम है अंकित फोटो – मधेपुरा – 08कैप्शन – रोगी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाह है सदर अस्पताल – वर्तमान वित्तीय […]

कल्याण समिति निष्प्राण, कैसे हो रोगी का कल्याणफोटो – मधेपुरा – 07कैप्शन – सदर अस्पताल में लगे इस बोर्ड पर रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व सिविल सर्जन का नाम है अंकित फोटो – मधेपुरा – 08कैप्शन – रोगी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाह है सदर अस्पताल – वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल एक बार हुई है सदर अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की बैठक – बैठक में लिये गये निर्णयों का अनुपालन करने में बरती जा रही है लापरवाही प्रतिनिधि, मधेपुरा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं में जन भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में रोगी कल्याण समिति की अवधारणा को लागू किया गया. जिले में सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में रोगी कल्याण समिति का गठन किया जाता है. इस समिति का कार्य अस्पताल प्रबंधन में सहयोग करना होता है. लेकिन जिले में सदर अस्पताल सहित पीएचसी में रोगी कल्याण समिति का गठन तो किया गया है, लेकिन यह निष्क्रिय है. हाल यह है कि वर्ष 2015 में सदर अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की केवल एक बैठक आयोजित की गयी है. इतनी लंबी अवधि के बाद बैठक होने पर सदस्य पिछली बैठक में लिये गये निर्णय के अनुपालन के बारे में जानना तो दूर वे यह भी भूल जाते हैं कि विगत बैठक में निर्णय क्या हुए थे. इस ओर अस्पताल प्रबंधन की गंभीरता इससे समझी जा सकती है कि अस्पताल परिसर में रोगी कल्याण समिति के बोर्ड पर अब तक अध्यक्ष के नाम में पूर्व सिविल सर्जन का नाम डा परशुराम प्रसाद ही अंकित है. वर्ष 2015 – 16 में हुई एक बैठक वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल एक बैठक 13 अगस्त को आयोजित की गयी थी. इससे पहले बैठक कब हुई थी, सदस्यों को यह भी याद नहीं. विगत बैठक में जो भी निर्णय लिये गये उनमें से एकाध को छोड़ दें तो किसी भी निर्णय का अनुपालन पूर्णत: नहीं कराया गया. इससे सदर अस्पताल की स्थिति को स्वत: ही समझा जा सकता है. बस निर्णय ही लिये गये…विगत बैठक में निर्णय लिया गया कि जिलाधिकारी ने अपने निरीक्षण में सिलिंग फैन के निर्देश का अनुपालन किया जाये. इसका अनुपालन करते हुए सीलिंग फैन का क्रय कर लिया गया है. लेकिन लगाये नहीं गये हैं. अस्पताल भवन का छत कई जगह जर्जर अवस्था में है. बैठक में इसका मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया. अब तक इसका अनुपालन नहीं किया गया है. अस्पताल में बिजली के तार की वायरिंग पुन: कराने की जरूरत महसूस की गयी. इसके बारे में भी बैठक में निर्णय लिया गया. लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है. अस्पताल भवन की पेंटिंग को लेकर लिया गया निर्णय का भी अब तक अनुपालन नहीं किया गया है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि आने वाले महीने सर्दी के हैं. इसके लिए रोगी के लिए वार्ड में हीटर लगाये जायें. लेकिन सर्दी के मौसम में रोगी अपने लाये गये कंबल के भरोसे हैं. अस्पताल में कई बेड बिना गद्दे के उपयोग में नहीं लाये जा रहे हैं. वहीं कुछ गद्दे क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इन्हें खरीदने को लेकर भी बातचीत की गयी. इस दिशा में भी अब तक कोई काम नहीं किया गया है. अस्पताल में मौजूद एनबीएसयू ऑक्सीजन मशीन खराब पड़ी है. इसे मरम्मत कराने का निर्णय भी बैठक में लिया गया. लेकिन यह मशीन अब भी खराब पड़ी है. इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी जाने वाले रास्ते पर गड्ढा होने के कारण जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. बैठक में इस रास्ते का भरने का निर्णय लिया गया. लेकिन अब तक रास्ते को भरा नहीं गया है. 24 दिसंबर को जिलाधिकारी के अस्पताल दौरे से पहले इस गड्ढे को अंशत: भरा गया.ये हैं रोगी कल्याण समिति के सदस्य – अध्यक्ष – सिविल सर्जन डाॅ गदाधर प्रसाद पांडे- पदेन सचिव – डीएस डाॅ अखिलेश कुमार- सदस्य – डाॅ दिलीप कुमार, पशुपति नाथ सुल्तानियां, डाॅ नरेश कुमार रमण, डाॅ शांति यादव, समरेंद्र कुमार, डाॅ वीर प्रकाश आर्य, जाकिर अली, डाॅ विशाल कुमार बबलू, उर्मिला कुमारी, शौकत अली कहते हैं सदस्य बैठक हर महीने होना चाहिए. एक बैठक करीब नौ- दस माह पहले हुई थी. उसके बाद भी एक बैठक हुई जिसकी मुझे सूचना नहीं दी गयी. अस्पताल में एएनएम की नियुक्ति के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. बैठक की प्रोसिडिंग की कॉपी भी मुहैया नहीं करायी जाती है. – डाॅ विशाल कुमार बबलू, अध्यक्ष नगर परिषद सह सदस्य रोगी कल्याण समिति पुराने सिविल सर्जन डा परशुराम प्रसाद के समय एक बैठक का आयोजन किया गया था. उसके बाद अब तक बैठक नहीं हुई है. बैठक की स्थिति संतोषजनक नहीं है. विगत बैठक में इस मुद्दे को भी मैंने उठाया था कि नियमित बैठक होनी चाहिए. इतने लंबी अवधि के बाद बैठक होने पर एजेंडा भी भूल जाते हैं. न केवल बैठक हो बल्कि समिति को क्रियाशील भी होना चाहिए. – डाॅ शांति यादव, सदस्य रोगी कल्याण समिति ——-पांच महीने हो गये हैं बैठक हुए. बैठक में शेड बनाने, वार्ड में सर्दी के मौसम में हीटर लगाने आदि के बारे में निर्णय लिये गये थे. लेकिन इन निर्णयों का क्या हुआ, इसका पता नहीं. प्रत्येक माह बैठक होनी चाहिए. अस्पताल प्रबंधन इस ओर गंभीर नहीं है. – शौकत अली, सदस्य, रोगी कल्याण समिति कहते हैं सिविल सर्जन ‘ जनवरी माह में तिथि निर्धारित कर रोगी कल्याण समिति की बैठक की जायेगी.’ – डाॅ गदाधर प्रसाद पांडेय, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल कहते हैं स्वास्थ्य प्रबंधक मैंने मार्च में योगदान लिया था इसके बाद एक ही बैठक आयोजित की गयी है. बैठक तो नियमित रूप से होनी चाहिए. चुनाव के कारण बाद के बैठक का आयोजन नहीं किया जा सका. सचिव के आदेश पर बैठक का आयोजन किया जाता है. – संजीव सिन्हा, स्वास्थ्य प्रबंधक, सदर अस्पताल रोगी कल्याण समिति की जिम्मेदारियां रोगी कल्याण समिति मरीजों की जरूरतों के अनुसार व्यय एवं निवेश की प्राथमिकता तय करती है. जैसे जीवन रक्षक औषधि, सर्जिकल उपकरण एवं सामग्री, आहार एवं स्वच्छता संबंधी सेवाओं में व्यय का निर्णय लेती है. समिति के सदस्यों को संवाद के जरिये रोगी की कठिनाइयों को चिन्हित कर फीडबैक प्रणाली को विकसित करना है. जैसे अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध रहते हैं या नहीं, औषधि है या नहीं, उचित समय पर उपचार किया गया या नहीं, कर्मियों का व्यवहार कैसा था इसकी जानकारी लेना. वहीं रोगियों की संतुष्टि के स्तर में विस्तार करना भी समिति का दायित्व है. इसके अलावा रोगी कल्याण के काफी महत्वपूर्ण कार्य और उत्तरदायित्व हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें