उदाकिशुनंज : अनुमंडल मुख्यालय में आइटीआइ कॉलेज स्थापना के लिए आवश्यकता अनुसार भूमि उपलब्धता नहीं होने से कॉलेज की स्वीकृति प्रक्रिया पर ग्रहण लग सकता है. हालांकि आरंभिक क्षण में ऐसा लग रहा था कि जमीन अधिग्रहण कार्य जल्द पूरा कर लिया जायेगा. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका.
आइटीआई कॉलेज खोलने के लिए 14 अप्रैल 2015 को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चौसा प्रखंड के बाबा बिशुराउत मेला उद्घाटन के अवसर पर इसकी घोषणा की थी. इसके लिए सरकार सितंबर में भूमि अधिग्रहण करने की चिट्ठी भी प्रशासन को भेज दी. एसडीओ मुकेश कुमार व सीओ उत्पल हिमवान ने इसके लिए बियाडा की जमीन के हवाले से निजी लोगों की जमीन की तलाश शुरू कर दी.
सीओ ने हल्का कर्मचारी को बियाडा की जमीन के हवाले किसानों की निजी जमीन की तलाश करने की जिम्मेदारी दे दी. उक्त कॉलेज की स्थापना के लिए चार सौ एकड़ जमीन की जरूरत है. किंतु बियाडा की जमीन उतनी नहीं है जितनी किसानों से सुरक्षा से शेष जमीन लीज पर लेने की बात एसडीओ ने कही थी.
अगर यहां पर आइटी आई कॉलेज की स्थापना हो जाती है तो तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन ऐसे में छात्रों के भविष्य पर तब ग्रहण लग गया जब किसानों ने जमीन देने से इनकार कर दिया. ऐसी स्थिति में बियाडा की जमीन पर ही आइटीआई कॉलेज खोले जाने का प्रस्ताव प्रशासन द्वारा सरकार को भेज दिया गया.
लेकिन चार सौ एकड़ जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी. ऐसे में संदेह है कि सरकार स्वीकृति देगी या नहीं. हालांकि चौसा प्रखंड स्थित कलासन मौजा में पॉलटेकनिक कॉलेज के लिए भवन निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. अब तकनीकी ज्ञान के लिए यहां के छात्रों को भटकना नहीं पड़ेगा.
–वर्जन -बियाडा की जमीन मात्र तीन सौ एकड़ है जिसपर आइटीआई कॉलेज खोलने का प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया गया है. प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि किसान निजी जमीन देने को तैयार नहीं है.
अगर संभव हो तो बियाडा की ही जमीन में भवन का निर्माण कराया जाय. मुकेश कुमार, एसडीओ, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा