मधेपुरा : शुक्रवार को न्यूज चैनलों पर प्रो चंद्रशेखर के मंत्री बनने की समाचार आने पर भेलवा गांव में खुशी की लहर दौर गयी. प्रो चंद्रशेखर के आवास पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. खुशी का इजहार करते हुए लोग एक दूसरे को मिठाई खिला रहे थे.
प्रो चंद्रशेखर के आवास पर माता पिता के अलावा परिजन संजीव कुमार, रामानंद यादव, रामू शर्मा, कुंदन कुमार सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे. ग्रामीण यह जानने को उत्सुक दिखे कि विधायक जी कौन से मंत्री पद को सुशोभित करेंगे. लोगों की तीव्र इच्छा थी कि उन्हें ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय मिले, जिससे कि कोसी के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का चौहमुखी विकास हो सके.
राजनीति विशेषज्ञ का कहना है कि पप्पू यादव की चुनौती और उसकी ताकत की क्षय के लिए चं द्रशेखर को मंत्री बनाना लालू यादव की कुशल रणनीति है. जिसका लाभ लालू यादव को भविष्य में जरूर मिलेगा.
किसान के जीवन को खुशहाल बनना और कोसी खास कर मधेपुरा में बेहतर शिक्षा व्यवस्था को स्थाापित करने के साथ-साथ क्षेत्र का विकास करना उनकी प्राथमिकता होगी. –
1978 से राजनीति में सक्रिय है प्रो चंद्रशेखर मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव की चुनौती के बावजूद दोबारा विधायक बनने में सफल होने वाले विधायक चंद्रशेखर 1978 से सक्रिय राजनीति में अपनी मजबूत दखल देते आ रहे हैं. वर्तमान में प्रो चंद्रशेखर औरंगावाद में महाविद्यालय शिक्षक है. जाहिर तौर पर वे विज्ञान से स्नातकोत्तर है.
प्रो चंद्रशेखर ने प्रारंभिक शिक्षा अपने पैतृक गांव भेलवा के अलावा अभ्यास मध्य विद्यालय, मधेपुरा तथा उच्च विद्यालय, मधेपुरा से ग्रहण की. जबकि उच्च शिक्षा उन्होंने पटना तथा अन्यत्र स्थान से प्राप्त की – लोहिया और कर्पूरी ठाकुर को बनाया आदर्श मृदुभाषी तथा मिलनसार प्रवृति के चन्द्र शेखर का जन्म 03 मार्च 1961 को हुआ था.
राजनीति में उनके जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसे उन्होंने अपने मित्रों की प्रेरणा से प्राप्त किया है और उनकी राजनीति के रणनीतिकार उनके वाल्य काल के एक पत्रकार मित्र है. जिसे वे मुक्त कंठ से स्वीकारते रहे है. लोहिया और कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानने वाले चंद्रशेखर श्री मती सती देवी और अनिरूद्ध प्रसाद मंडल के द्वितीय सुपुत्र हैं.
उनके अग्रज रामचन्द्रस प्रसाद यादव दिल्ली् में प्रोफेसर है. – किसान नेता के रूप में चर्चित व लोकप्रिय मनहरा-सुखासन मधेपुरा की 1978 में मैट्रिक पास कर स्नातक करने वाली कुमारी नूतन से उन्होंने विवाह रचाया और वे दो संतान के पिता हैं. 21 वर्षीय पुत्री शालिनी शेखर तथा 19 वर्षीय पुत्र शानु शेखर फिलहाल पढ़ाई कर रहे हैं.
फुटबॉल जहां उनकी पसंदीदा खेल है वहीं किसान नेता के रूप में चर्चित और लोकप्रिय हैं. खेत पर जीने वालों के लिए संघर्ष करने का सपना पालने वाले चंद्रशेखर को इस दिशा में काम करने का एक सुअवसर प्राप्त हुआ हैं. उनके खिलाफ खिलाफ कोई आपराधिक आरोप नहीं है बल्कि महज एक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला न्यायालय में लंबित हैं. – चंद्रशेखर के पिता अनिरूद्ध प्रसाद मंडल ने कहा कि पुत्र को हमेशा ईमानदारी का पाठ पढ़ाया है.
जनता की सेवा में सदा तत्पर रहने की सीख उसे दी गयी है. इसी नक्शे कदम पर चल कर चंद्रशेखर ने इस मुकाम को हासिल किया. सक्रिय राजनीति में अपनी पकड़ और मजबूत करें, यही मेरी कामना हैं. चंद्रशेखर बचपन से ही मृदुभाषी व मिलनसार प्रवृत्त के हैं-
प्रो चंद्रशेखर की माता सती देवी ने कहा कि चंद्रशेखर बचपन से ही मृदुभाषी तथा मिलनसार प्रवृति का रहा है. राजनीति उनके जीवन की स्वाभाविक प्रक्रिया रही है, जिसे उन्होंने अपने पूर्वज की प्रेरणा से प्राप्त किया और आगे बढ़ा.