मधेपुरा : शहर के पुराने मुहल्लों में शुमार गुलजार बाग मुहल्ला काफी विकसित है. लेकिन, कूड़ा-कचरा के दुर्गंध से मुहल्ले वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुहल्ले में कचरे का ढेर लगा हुआ है.
जो लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. वहीं स्थानीय लोग बताते है कि जब यह कचरा सड़ जाता है तो मुहल्ले वासियों का जीना मुहाल हो जाता है. मुहल्ला में प्राइवेट स्कूल भी है. प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते है. इस कूड़े कचरे के अंबार व उसके दुर्गंध से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बनी रहती है. इस समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि इस संबंध में कई बार संबंधित कार्यालय को सूचित किया गया.
लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है. गुलजार बाग मुहल्ला निवासी इस समस्या से काफी आक्रोशित हैं. लोगों का कहना है कि जब इस समस्या को लेकर वहां के वार्ड पार्षद से कहने जाते है तो वार्ड पार्षद का कहना होता है कि इस समस्या का निदान उसके हाथ में नहीं है.
ये एनजीओ के हाथ में है. इसमें वार्ड पार्षद कुछ भी नहीं कर सकता है. लोगों ने बताया कि इस कूड़े कचरे में हमेशा सूअर मौजूद रहता है और कभी कभी अगर कोई सूअर की मौत हो जाती है तो उसके दुर्गंध से नींद नहीं आती है. बाद में पैसा चंदा कर मरे सूअर को फेंकवाते है. गुलजार बाग निवासी राजा राय ने बताया कि यहां पर डंपिंग की कोई व्यवस्था नहीं है जिसे जहां कूड़ा कचरा फेंकने का मन करता है वहीं फेंक देते है. जब तक यहां लोग पूरी तरह सजग नहीं होंगे. तब तक इस समस्या का निदान नहीं हो पायेगा. गुलजार बाग निवासी रंजू देवी ने बताया कि इस कूड़े कचरे की दुर्गंध से सर में दर्द होने लगता है.
इस दुर्गंध से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. गुलजारबाग निवासी हरीशंकर सिंह ने बताया कि लगभग तीन महीने पहले स्थानीय निवासी नगर निगम परिसर में आवेदन भी दिया, लेकिन कोई सुनता ही नहीं है. जब वार्ड पार्षद से मिलने जाते है तो वार्ड पार्षद का एक ही जवाब होता है समस्या का समाधान उसके हाथ में नहीं है.
वहीं रितेश चंद गुप्ता ने बताया कि इस कूड़े कचरे के दुर्गंध से यहां जीना मुहाल हो गया है. यहां कुछ होटलों के कारण भी कूड़ा कचरा ज्यादा जमा होता है. वहीं नगर परिषद की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.