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धमारा घाट पहुंचा कोसी का पानी

आधे दर्जन गांवों में पानी आने के कारण लोगों को परेशानी पिछले तीन दिनों से हो रही जबरदस्त बारिश और कोसी बराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण कोसी नदी के जलस्तर में वृद्घि हो रही है. इससे कोसी नदी का पानी नदी के मेड़ को तोड़ते हुए धमारा घाट में प्रवेश कर गया […]

आधे दर्जन गांवों में पानी आने के कारण लोगों को परेशानी
पिछले तीन दिनों से हो रही जबरदस्त बारिश और कोसी बराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण कोसी नदी के जलस्तर में वृद्घि हो रही है. इससे कोसी नदी का पानी नदी के मेड़ को तोड़ते हुए धमारा घाट में प्रवेश कर गया है. इससे धमारा घाट स्टेशन के चारों ओर व आसपास के कई गांवो में पानी घुस गया है. हालांकि, स्टेशन की ऊं चाई पर होने की वजह से पानी प्लेटफार्म पर प्रवेश नहीं कर पाया है.
सिमरी नगर : दो दिनों से हो रही जबरदस्त बारिश की वजह से धमारा घाट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के रेल ट्रैक पर भी पानी भर गया है़ मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोसी के जलस्तर के बढ़ते ही आसपास के नदी का पानी धमारा घाट सहित ठुट्टी मोहनपुर,सोहरवा, सिसवा, बंगलिया आदि गांवो में फैल गया. ठुट्टी मोहनपुर निवासी ललन साह, मिथलेश यादव, विजय आदि ने बताया कि गुरुवार सुबह एकाएक पानी गांव में प्रवेश कर गया है. जिस कारण काफी परेशानी हो रही है. इसके साथ-साथ पानी ने गांव में घुसते ही गांव के आवागमन का मुख्य जरिया सड़क को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है.
धमारा से ठुट्टी मोहन पुर होते हुए नवादा घाट तक जाने वाली सड़क का कुछ हिस्सा पानी में बह गया है. इसके अलावा धमारा घाट स्टेशन के पास स्थित खर्रा मुसहरी गांव चारों तरफ से जलमय हो गया है. गांव को जाने वाली सड़क भी बाढ़ की पानी की वजह से अवरोधित हो गयी है. धमारा स्टेशन के पास दवाई दुकान चलाने वाले अनिल कुमार ने बताया कि अचानक कमर भर पानी भर गया है.
जिससे माल-मवेशी सहित आम लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में दिक्कत आ रही है. इसके अलावे प्रशासन की ओर से कोई सुविधा अब तक नहीं दिये जाने की वजह से आम ग्रामीण आक्रोशित हैं
कात्यानी मन्दिर है सुरक्षित
धमारा घाट सहित आस पास के कई गांवो में गुरुवार सुबह पानी के प्रवेश करते ही कई गांव जलमगA हो गये हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि प्रसिद्घ कात्यानी मन्दिर को अब तक कोई नुकसान नही पहुंचा है.
हालांकि मंदिर के पास जलस्तर में वृद्घि हुई है. लेकिन यह वृद्घि मामूली मानी जा रही है. मंदिर पूजा करने पहुंचे भक्तों ने बताया कि मंदिर पर मां की कृपा है. जब हर तरफ पानी आ गया है. फिर भी पानी मंदिर तक नहीं पहुंचन पया है.
महिषी : क्षेत्र की सभी जगहों पर पिछले 18 अगस्त से अनवरत दिन-रात हो रही मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सूखे का सामना कर रहे क्षेत्रवासियों को अब संभावित बाढ़ आपदा की आशंका सताने लगी है. मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के चार पंचायतों क्रमश: महिषी उत्तरी, महिसरहो, पस्तवार व तेलहर पूर्ण रूप से तटबंध के बाहर अवस्थित हैं व खेतों में लगा धान वर्षा जल से कंठलंबित हो चुका है.
इसके अलावे दो तटबंधों के बीच क्रमश: महिषी दक्षिणी, नहरवार, सिरवार विरवार, राजनपुर का आंशिक भूभाग व ग्राम पंचायत झाड़ा, ऐना, तेलवा पूर्वी व पश्चिमी, आरापट्टी, कुंदह, भेलाही, वीरगांव, बघवा व कमला बलान के गर्भ में ग्राम पंचायत घोंघेपुर व मनोवर की आबादी नदी के जलस्तर में उत्तरोत्तर वृद्धि से भयाक्रांत हैं. लगातार वर्षा व नेपाल तराई क्षेत्र के अनियंत्रित जल भंडारण का कोसी बराज द्वारा निस्तारित किये जाने से नदी की मुख्य धाराएं उफान पर है.
मुहाने पर बसे कई गांव विस्थापन के कगार पर है. बेलडाबर, कुंदह सहित कई जगहों पर दर्जनों ग्रामवासियों का आशियाना उजड़ने की स्थिति में है.
बलुआहा-गंडौल पथ के दोनों किनारे अवस्थित गांव के एप्रोच पथ पर जलजमाव होने से आवागमन दुरूह होने लगा है व एक गांव से दूसरे गांव पहुंचने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वर्षा से सर्वाधिक परेशानी पशुपालकों को उठाना पड़ रहा है. पशुओं को चारागाह ले जाना असंभव प्रतीत होने लगा है व त्रहिमाम की स्थिति बनी है.

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