प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंजप्रखंड अंतर्गत केपीएन + हाइस्कूल के मैदान पर 32वां संतमत का जिला वार्षिक विशेषाधिवेशन सोमवार को संपन्न हो गया. कार्यक्रम का शुभारंभ संत युगलानंद जी महाराज की गुरु स्तुति सब संतन की बड़ी बलिहारी …… से की. इस अवसर पर भक्त जनों के बीच प्रधान आचार्य चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि एक बार ब्रह्मा ने महादेव जी से पूछ कि जीव का परम कल्याण कैसे होगा. भगवान शंकर ने जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए योग और ज्ञान दोनों की जरूरत है. योग का अर्थ मिलना हाता है जबकि ज्ञान का अर्थ जनना होता है. उन्होंने कहा कि क्या जानना है. ब्रह्मदेव ने कहा तो तीन परदा के अंदर रहता है उसे आत्मा कहा जाता है, जो दो परदा के भीतर रहता है वह देव कहलाता है और जो एक परदा के अंदर रहता है ईश्वर कहलाता है. उन्होंने कहा कि उस परमेश्वर कहलाता है उन्होंने कहा कि उस परमेश्वरी को जानने के लिए मानस जप, मानस ध्यान दृष्टियोग और नदासंधान की क्रिया की जाती है. इस क्रिया की कुशलता के लिए झूठ चोरी, नशा, हिंसा और व्यभिचार इन पांच पापों से बचना पड़ता है.
संतमत का जिला वार्षिक विशेषाधिवेशन संपन्न
प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंजप्रखंड अंतर्गत केपीएन + हाइस्कूल के मैदान पर 32वां संतमत का जिला वार्षिक विशेषाधिवेशन सोमवार को संपन्न हो गया. कार्यक्रम का शुभारंभ संत युगलानंद जी महाराज की गुरु स्तुति सब संतन की बड़ी बलिहारी …… से की. इस अवसर पर भक्त जनों के बीच प्रधान आचार्य चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि एक बार […]
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