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नहर का बांध टूटने से मक्के व गेहूं की फसल को नुकसान

उदाकिशुनगंज : उदाकिशुनगंज-बिहारीगंज के सीमावर्ती मधुबन-तिनटेंगा और गोरपार गांव के पास रविवार को नहर का बांध टूटने से मक्के व गेहूं फसल को भारी क्षति हुई है. नहर टूटने की वजह चार माह पूर्व बने बांध का कमजोर होना बताया गया है. पानी के तेज बहाव के कारण दर्जनों किसानों के महीनों की मेहनत के […]

उदाकिशुनगंज : उदाकिशुनगंज-बिहारीगंज के सीमावर्ती मधुबन-तिनटेंगा और गोरपार गांव के पास रविवार को नहर का बांध टूटने से मक्के व गेहूं फसल को भारी क्षति हुई है. नहर टूटने की वजह चार माह पूर्व बने बांध का कमजोर होना बताया गया है.
पानी के तेज बहाव के कारण दर्जनों किसानों के महीनों की मेहनत के साथ लाखों की क्षति का अनुमान है. आंखों के सामने लहलहाते फसल को डूबते देख पीड़ित किसान किसी तरह फसल को बचाने की जद्दोजहद में जुटे रहे. रविवार को दिन के करीब 11 बजे तिनटेंगा और गोरपार गांव के पास नहर का बांध टूट गया. परिणामस्वरूप करीब 50 लाख से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है.
किसानों का आरोप है कि जिस स्थान पर बांध टूटा है, वहां चार महीने पहले भी बांध टूटने से भारी नुकसान हुआ था. नहर का बांध तो आनन फानन में बांध दिया गया. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण बांध काफी कमजोर बनाया गया. बांध बनाने की सिर्फ खानापूरी की गई. इसकी सूचना विभागीय अधिकारी को भी दी गयी.
लेकिन उदासीन अधिकारियों ने किसानों की सूचना को तवज्जो नहीं दी. किसानों का आरोप है कि सूचना मिलते ही यदि समय रहते बांध को मजबूत किया जाता तो तबाही नहीं होती. हालांकि पीड़ित किसानों ने नहर टूटने की सूचना एसडीएम एस जेड हसन को दी. सूचना मिलते ही एसडीएम ने विभागीय अधिकारियों को सूचित कर आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिया.
किसानों की टूटी कमर, होली हुई फीकी : इस बार किसानों की मेहनत ने रंग लाया था. लहलहाते फसल को देख किसान काफी खुश थे. दो चार दिनों में गेहूं का कटने का सिलसिला शुरू होने वाला था.
लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसानों की कमर ही टूट गयी है. अचानक हुए इस तबाही से निराशा किसान कभी अपने किस्मत तो कभी ईश्वर को कोस रहे हैं.
बांध टूटते ही दर्जनों किसानों के आश्रितों का अरमान भी टूट गया. पीडित किसानों का होली बिल्कुल फीकी पड़ गई. किसानों ने बताया कि अभी कुछ दिन पूर्व निजी पंप सेट के माध्यम से मक्के की सिंचाई की थीं. लेकिन अचानक नहर में पानी छोड़े जाने से सब कुछ तबाह हो गया.
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से टूटा नहर : जानबूझकर हुई लापरवाही की वजह से किसानों को इतनी बड़ी तबाही झेलनी पड़ी है. नहर टूटने की वजह से यहां के किसानों में आक्रोश व्याप्त है. किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग का अधिकारी और कर्मचारी कभी भी बांध का निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचते हैं.
नहर का तटबंध लंबे समय से कमजोर था. हाल के दिनों में करोड़ों की लागत से मरम्मत किये जाने के बावजूद कई जगह कमजोर तटबंध की मरम्मत नहीं की गयी. ऐसे में बिना तटबंध की स्थिति को देखते हुए अचानक पानी छोड़ दिया गया. अब किसानों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा.

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