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नशे की दर्जनों बोतल सिरप को ग्रामीणों ने पकड़ा
मधेपुरा : बड़े पैमाने पर युवक नशीली दवाई का सेवन करने लगे हैं. यह नशीली दवाई मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है. मुख्यालय में नवयुवकों में फाइल शब्द का प्रचलन बढ़ गया है. कोरेक्स सहित कई अन्य सिरप प्रिंट रेट से कई गुना अधिक दामो पर बेचा जा रहा है. नवयुवक नशीली […]
मधेपुरा : बड़े पैमाने पर युवक नशीली दवाई का सेवन करने लगे हैं. यह नशीली दवाई मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है. मुख्यालय में नवयुवकों में फाइल शब्द का प्रचलन बढ़ गया है. कोरेक्स सहित कई अन्य सिरप प्रिंट रेट से कई गुना अधिक दामो पर बेचा जा रहा है.
नवयुवक नशीली दवाई का सेवन कर भविष्य गर्क में डाल रहे हैं. फाइल शब्द कोई अंजान शब्द नहीं है. यह एक दवा कोरेक्स सीरप का नाम है. जो खांसी जैसी बीमारी में काम आता है. जिसे पीने के आदी मुख्यालय क्षेत्र के युवक हो गये हैं. दवा दुकानदार बिना किसी डॉक्टर के पर्ची देखे आसानी से दवाई दे देते हैं.
जिला मुख्यालय स्थित वार्ड नंबर 23 में गुरुवार को नशे की दर्जनों बोतल सिरप बरामद हुई. जानकारी के अनुसार रविंद्र यादव उर्फ नूनू यादव के द्वारा नशे के कारोबार किये जाती थी. रात में नूनू और उनके साथी नशे के हालत में नाथू यादव के घर में घुसकर उपद्रव करने लगे. जिसके बाद गुरुवार की सुबह में वार्ड 23 के वार्ड पार्षद अनमोल कुमार द्वारा पंचायत बैठा गया.
इसमें पूरे समाज के सामने रविंद्र यादव उर्फ नुनु यादव ने दोबारा नशे की कार्रवाई नहीं करने की लिखित रूप में देकर समाज के लोगों से माफी मांगी तथा कहा कि अगर वह दोबारा ऐसा कार्य करते हैं उनके प्रति समाज और प्रशासन कार्रवाई करेगी. फिर तुरंत बाद एक अज्ञात व्यक्ति एक सौ नशे की सिरप लेकर नुनु यादव को देने आया.
इसके बाद ग्रामीणों को शक हुआ कि वह उसमें नशे की दवाई रखे हैं. तभी जब पकड़ने के लिए ग्रामीणों ने पकड़ने लगे तो वो अज्ञात अपना मोटरसाइकिल बीआर 19एल9361 को छोड़कर भाग गया. उसके बाद नुनू यादव भी फरार हो गया. सदर थाना को सूचना दी. वार्ड नंबर 23 के लोगों ने सदर थाना से आग्रह किया है कि गश्ती होनी चाहिए.
नशीली दवाओं पर बेन के बाद भी बिक रही है यह दवा : दवाई दुकानदार इतना भी पूछने की जहमत नहीं उठाते हैं कि आप किस डॉक्टर से पूर्जा लिखवाएं हैं. क्षेत्र को रेलवे स्टेशन, भिरखी के कई मुल्ले, बस स्टैड, बायपास, भिरखी चौक, कॉलेज के गलियों में समेत दर्जनों ऐसे जगह है जहां बिखरे कोरेक्स की बोतलें इसका गवाह हैं. लोगों का कहना है कि कोरेक्स पीने से नशा आता है. कोरेक्स पीने से उसका साइड इफेक्ट इन पीने वालों को पता नहीं है और युवा पीढ़ी इस दलदल में फंसते चले जा रहे हैं. मुख्यालय क्षेत्र के नई पीढ़ी के युवक इसका एडिक्ट होते जा रहे हैं.
उन्हें खाने से अधिक चिंता कोरेक्स की बोतलें जुटाने की रहती है. बिना रोकथाम के कोरेक्स शहर में बिकता रहा तो अधिकतर युवक इसके एडिक्ट हो जायेंगे. कोरेक्स सिरप, अल्ट्रेक्स सीडी, डाइलेक्स डीसी सहित कई नशीली दवाओं पर बेन लगाया जा चुका है. इन दवाओं में कोडीन फ़ॉस्फ़ेट जैसे नशीली केमिकल का उपयोग किया जाता है. जिसे सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है.
इन दवाओं का दाम 90 रूपये से लेकर 115 रुपये तक है. जिसे बाजार में धड़ल्ले से 200 सौ से 250 सौ रुपये तक मे बेचा जाता है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन मामलों से कन्नी काटते नजर आते हैं. नवयुवक रोजाना सैकड़ों के संख्या में नशा युक्त दवा का सेवन करते हैं. लेकिन विभाग के अधिकारियों के कणों पर जूं तक नहीं रेंगती.
इस संबंध में जानकारी चिकित्सकों का कहना है कि किसी भी चीज का एडिक्ट होने पर उसका साइड इफेक्ट है. इस दवा के अधिक सेवन से लीवर पर असर पड़ता है. अल्ट्रेक्स सीडी दवा को नशा के लिए उपयोग करते हैं तो हार्ट व लीवर पर भी इसका असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे दवाई पर बेन लगा दी गयी है.
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