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दिलखुश टैक्सी वाले पर लिखी जायेगी किताब, बनेगी फिल्म, पढ़ेंगे मैनेजमेंट स्टूडेंट
मधेपुरा : मधेपुरा से सहरसा व सुपौल के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर हमेशा लोगों को यातायात की सुविधा मुहैया कराने वाली आर्या गो ए यूनिट आफ आर्यण कैब रुरल ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लि को बिहार सरकार के स्टार्टअप में शामिल करने के बाद से ही सहरसा जिले के बनगांव निवासी बस चालक […]
मधेपुरा : मधेपुरा से सहरसा व सुपौल के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर हमेशा लोगों को यातायात की सुविधा मुहैया कराने वाली आर्या गो ए यूनिट आफ आर्यण कैब रुरल ट्रांस सॉल्यूशन प्राइवेट लि को बिहार सरकार के स्टार्टअप में शामिल करने के बाद से ही सहरसा जिले के बनगांव निवासी बस चालक पवन खां के पुत्र दिलखुश कुमार अब सूबे के सबसे बड़े टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुके है.
चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना (सीआईएमपी) द्वारा राज्य सरकार द्वारा बेहतरीन काम कर रहे 12 स्टार्टअप में दिलखुश कुमार का चयन किया गया है. सीआइएमपी द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम के सदस्य प्रो राजीव वर्मा, प्रो अनुज शर्मा, प्रो गीता, प्रो राजकमल ने बताया कि दिलखुश के आर्या गो कैब सर्विस के उपर हमारे स्टार्टअप सीरिज के तहत किताब का प्रकाशन किया जायेगा. इसके अलावा चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा एडाक्यूमेंट्री भी बनायी जायेगी. आर्या गो कैब का प्रबंधन बिहार सरकार के स्टार्टअप योजना के तहत कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में किया जा रहा है.
बस ड्राइवर के बेटे की जीवनी पढ़ेंगे छात्र
चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना द्वारा अपनी पुस्तक के माध्यम से एक गरीब परिवार व खासकर बस चालक के पुत्र द्वारा बनाये गये प्रोजेक्ट के सफल होने की कहानी को किताब का रुप दिया जायेगा. इस किताब में दिलखुश के शुरुआती जीवन व संघर्ष की कहानी मैनेजमेंट के छात्र पढ़ेगे. इस बाबत चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट के प्रो राजीव वर्मा ने बताया कि इस किताब को देश भर के सभी प्रबंधन संस्थान के अलावा दूसरे देश के कॉलेज में भी छात्रों को स्टडी के लिए उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि दिलखुश की सक्सेस स्टेारी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा बनेगी.
डॉक्यूमेंट्री देखेंगे दूसरे राज्य के निवेशक
काफी कम समय में कोसी क्षेत्र की सड़कों पर आमलोगों की लाइफ लाइन बन चुकी आर्या गो को राज्य की सरकार ओला व उबेर जैसी वर्ल्ड क्लास टैक्सी प्रोवाइडर की तरह देश के सभी बड़े शहरों में ले जाने की तैयारी कर रही है. इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए स्टार्ट इंक्यूबेशन सेंटर व चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना को जिम्मेदारी दी गयी है. जिसके तहत चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट दिलखुश के सफरनामें पर डॉक्यूमेंट्री का निर्माण करेगी. इस डॉक्यू फिल्म के जरिये देश भर के निवेशकों को आकर्षित किया जायेगा.
दो साल की मेहनत मिली कामयाबी
सामाजिक सरोकार को उद्देश्य बना बीते दो वर्ष पहले दिलखुश ने कर्ज लेकर एक टैक्सी खरीद सर्विस की शुरुआत की थी. उस वक्त टैक्सी चलाने के दौरान सरकारी अस्पताल में बेटी जन्म देनी वाली जच्चा-बच्चा को मुफ्त सेवा के तहत घर पहुंचाने की मूहिम को लोग पसंद करने लगे थे. इस बीच दिलखुश को कंपनी स्थापित करने में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले. इसके बावजूद इन्होंने हिम्मत नहीं हारी. वर्तमान में मधेपुरा व सहरसा में स्थापित दिलखुश के आर्या गो ऑफिस के जरिये क्षेत्र के सैकड़ों वाहन मालिक व चालक जुड़ कर सेवा मुहैया करा रहे है.
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